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Saturday, 21 December, 2024
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तेज बहादुर यादव ने वायरल वीडियो को बताया झूठा, कहा मांगे गए थे बदले में 10 लाख

पीएम मोदी के खिलाफ बनारस सीट से नामांकन रद्द होने के बाद बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव का एक कथित वीडियो टीवी चैनलों पर चलाया जा रहा है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनारस लोकसभा सीट से नामांकन रद्द होने के बाद बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव का एक कथित वीडियो टीवी चैनलों पर चलाया जा रहा है. इसमें तेज बहादुर यादव कथित तौर पर ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वो 50 करोड़ रुपए मिलने पर नरेंद्र मोदी को मार सकते हैं. हालांकि टीवी चैनलों ने इस वीडियो की सत्यता की कोई जिम्मेदारी नहीं ली है. अखबारों ने भी टीवी चैनलों के हवाले से ये खबर छाप दी है. वीडियो से पता नहीं चल पा रहा कि ये कितना पुराना है.

दिप्रिंट से हुई बातचीत में तेज बहादुर ने बताया, ‘ये वीडियो एडिट किया हुआ है. ये दो साल पुराना है.’


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वो आगे कहते हैं, ‘जब दो साल पहले मुझे बीएसएफ ने बर्खास्त किया था तब मैं जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन में शामिल हुआ था. उस वक्त दिल्ली पुलिस के एक कॉन्सेटबल से मुलाकात हुई थी. उसका नाम पंकज शर्मा था. वो भी मुझसे प्रभावित था. कहता था कि वो पुलिस महकमे में होने वाली कुछ चीजों से परेशान था. वहां से मेरी उससे बातचीत होनी शुरू हुई. मेरे साथ कई जगह जाता था. मेरे बहुत सारे वीडियो बनाए. लेट होने पर कई बार अपने घर भी ले गया. ये जो वीडियो वायरल हुई है इसके लिए उसने मुझे 10 दिन पहले फोन कर कहा था कि 10 लाख रुपए दो नहीं तो वायरल करा दूंगा. मैंने कह दिया कि 10 रुपए भी नहीं हैं मेरे पास. करा दे वायरल. आज जब मैं चुनाव आयोग के नामांकन रद्द करने के फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट गया हूं तो ये वीडियो चलाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.’

ये वीडियो वायरल होने के बाद तेज बहादुर के चुनाव लड़ने की मंशा पर सवाल उठाए जाने लगे हैं.

तेज बहादुर के मुताबिक, ‘ये मुझे एक बार पहले भी ब्लैकमेल कर चुका है. पिछली बार जब इसने ऐसे ही एक वीडियो टीवी चैनल को दे दिया था. उसके बाद मुझे रोहिणी क्राइम ब्रांच बुलाया गया था. लेकिन जांच में कुछ नहीं मिला था. ये राजस्थान का है और बीवी-बच्चों के साथ लक्ष्मी नगर में रहता है. 25-26 साल की उम्र का है. जंतर-मंतर पर धरने के दौरान फौजी एकता न्याय कल्याण मंच बनाया गया जिसका उद्देश्य सैनिकों की कानूनी मदद करना था. इससे ये युवक भी जुड़ गया था. इस ट्रस्ट को कोई ऋतु शर्मा चलाती हैं. उस वक्त इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई थी जो कि अब डिलीट कर दी गई है.’

सुप्रीम कोर्ट में केस दायर करने को लेकर तेज बहादुर का कहना है, ‘वो डटकर मुकाबला करेंगे. चुनाव तक बनारस में ही रहेंगे. 12 मई को हरियाणा वोट डालने जरूर आएंगे.’


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गौरतलब है कि दो साल पहले तेज ने बीएसएफ में मिल रहे खराब खाने की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर की थी. इसके बाद बीएसएफ ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था. अप्रैल में सपा-बसपा-रालोद ने यूपी के बनारस से तेज बहादुर को नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपना उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने तेज बहादुर का नामांकन ही रद्द कर दिया. वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं. उन्होंने बताया कि उनका केस प्रशांत भूषण देख रहे हैं.

अगर ये वीडियो आपको झूठा लग रहा है तो आप इस पर क्या एक्शन लेंगे के जवाब में वह कहते हैं,’ चुनाव खत्म होेने के बाद देखेंगे. मैं एक फौजी रहा हूं. ऐसी बात नहीं कह सकता. ये तो इस पुलिस वाले ने पैसे के लिए किया है.’

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