नई दिल्ली: मालेगांव ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का खुला समर्थन करने वाली शिवसेना अब साध्वी के हालिया बयान से बिदक रही है. शिवसेना ने भाजपा प्रत्याशी की जमकर आलोचना की है और उनके बयान को घृणास्पद बताया है.
हाल ही में साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि ‘उस समय एटीएस प्रमुख रहे हेमंत करकरे ने मुझे यातनाएं और गालियां दीं. ये मेरे लिए असहनीय था. मैंने कहा था तेरा सर्वनाश होगा और ठीक सवा महीने के भीतर करकरे आतंकी हमले में शिकार हुए और मारे गए.’
साध्वी ने यह भी कहा कि `जब किसी के यहां मृत्यु या जन्म होता है तो सूतक लगता है. जिस दिन मैंने उसे श्राप दिया था उस दिन उसके सूतक लग गया था. ठीक सवा महीने में जिस दिन करकरे को आंतकवादियों ने मारा उस सूतक का अंत हो गया.’
शिव सेना का कहना है कि देशभर में पीएम मोदी अपने भाषणों में जवानों के शौर्य और राष्ट्रवाद की बाते करते हैं, इधर साध्वी जैसे लोग देश के लिए शहीद होने वाले हेमंत करकरे खिलाफ बयान देकर उनका अपमान कर रहे हैं.
आए दिन सामने आ रहे प्रज्ञा के बयानों से भाजपा भी बैकफुट पर आ गई है. पार्टी प्रचार को छोड़कर उनके बयानों पर सफाई देने में उलझी हुई है.
सूत्रों के अनुसार शिवसेना भाजपा के बड़े नेताओं को प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान को लेकर अपनी आपत्ति भी दर्ज करा चुकी है. इसके बाद ही पार्टी ने संज्ञान लेते हुए प्रदेश के बड़े नेताओं को साध्वी को समझाने का जिम्मा सौंपा है. वहीं उन्हें संभलकर बयान देने के लिए कहा है.
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तब साध्वी का समर्थन करने वाला एकमात्र ‘सामना’ ही था
23 अप्रैल को सामना अखबार में प्रकाशित संपादकीय में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के हेमंत करकरे पर बयान की आलोचना की गई है. अखबार का कहना है कि `चुनाव प्रचार में पहले शब्दों की धूल उड़ती थी. अब गटर की पिचकारी उड़ रही है. लोकतंत्र में इसे कोई सजगता की निशानी मान रहा होगा तो इस लोकतंत्र का भविष्य कठिन है, इस बात को मानना पड़ेगा. भोपाल में भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर द्वारा हेमंत करकरे पर मारी गई पिचकारी का समर्थन नहीं किया जा सकता. मालेगांव बम विस्फोट के मामले में हमने कुछ शंकाए उपस्थित की थी. हिंदुओं को बदनाम मत करो ‘हिंदू आतंकवाद’ इस शब्द पर ज़ोर मत दो. ऐसी हमारी नीति थी. मालेगांव बम ब्लास्ट की बात हमने दबाव तले होने की बात तब कही थी और इस मामले में प्रज्ञा ठाकुर और कर्नल पुरोहित का समर्थन करते हुए लड़ने वाला सिर्फ ‘सामना’ ही था`.
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करकरे को ‘देशद्रोही’ बताना घृणास्पद
अखबार ने आगे लिखा है कि `हेमंत करकरे 26—11 के आतंकवादी हमले में पाकिस्तानी आतंकवादियों की गोलियों की बलि चढ़े और उन्होंने देश के लिए अपनी शहादत दी. उन्हें देश ने मरणोत्तर सर्वोच्च ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया. ऐसे करकरे को ‘देशद्रोही’ के रूप में उल्लेख करना घृणास्पद है. देश के लिए शहादत देने वाले सभी वीर जवानों का यह अपमान होगा. चुनाव की चकाचौंध में कम से कम देश के लिए बलिदान देने वाले लोगों पर इस तरह का कीचड़ नहीं उछाला जाना चाहिए. प्रज्ञा सिंह भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार हैं और प्रधानमंत्री मोदी जवानों की कुर्बानी तथा शौर्य पर ही लोगों में राष्ट्रभक्ति की चेतना जगा रहे हैं और उसी समय शहीदों के शौर्य को देशद्रोह कहने से प्रधानमंत्री की छवि को धक्का लगा है. आज प्रधानमंत्री की छवि और चेहरा ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की पूंजी है`.
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राजनीति के मैदान में नई आई साध्वी प्रज्ञा ने अपने बयानों से भाजपा को परेशानी में डाल रखा है. पार्टी पहले ही भोपाल में अपने प्रचार अभियान में कांग्रेस के मुकाबले पिछड़ चुकी है. भाजपा हाईकमान को अपने सहयोगियों को भी इस मसले पर सफाई देना पड़ रही है.