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Saturday, 21 December, 2024
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जलमार्ग से यात्रा कर प्रयागराज से बनारस तक चौपाल लगा मोदी को घेरेंगी प्रियंका

18 से 20 मार्च को वह प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा में मोटर बोट से यात्रा के दौरान बीच-बीच में रुककर कार्यक्रम करेंगी और गंगा सफाई की हकीकत जानेंगी.

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लखनऊ: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अब मोटर बोट से जलमार्ग के ज़रिए प्रयागराज से वाराणसी जाएंगी. इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव आयोग से अनुमति देने की मांग की है. 18 से 20 मार्च तक वह प्रयागराज से वाराणसी तक गंगा में मोटर बोट से जल यात्रा के दौरान बीच-बीच में रुकेंगी. इस दौरान गंगा किनारे कई कार्यक्रम भी होंगे. कांग्रेस की ओर से मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उत्तर प्रदेश प्रशासन को पत्र लिखकर अनुमति देने की मांग की है.

जलमार्ग से जाएंगी, रुककर चौपाल भी लगाएंगी

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो जल मार्ग से जाने के दो अहम वजहें हैं. पहली बीजेपी सरकार द्वारा गंगा सफाई को लेकर क्या काम किया गया – इसकी हकीकत जनता के सामने लाना तो वहीं दूसरी वजह गंगा किनारे बसे उन गांव में रह रहे लोगों से मिलना है जहां आमतौर पर नेता नहीं जाते. जलमार्ग में गंगा किनारे जो गांव हैं वहां केवट, मल्लाह, मांझी, निषाद काफी बड़ी संख्या में हैं. प्रियंका इस दौरान गांव में रुक कर चौपाल भी लगाएंगी. अभी तक जो प्लान तय हुआ है उसके मुताबिक, 18 मार्च को प्रियंका प्रयागराज आएंगी. वहां स्वराज भवन पहुंचकर कार्यकर्ताओं से मिलेंगी. प्रयागराज, फूलपुर व कौशांबी के प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा होगी. इसके बाद जलमार्ग से वाराणसी के लिए निकलेंगी.

चुनार का किला जाने का भी प्लान

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अपनी इस यात्रा में प्रियंका तीन ज़िले (प्रयागराज, मिर्ज़ापुर और वाराणसी) कवर करेंगी. मिर्ज़ापुर में गोपीगंज व चुनार जाने का भी प्लान है. चुनार स्थित ऐतिहासिक चुनार का किला भी प्रियंका जा सकती हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस किले पर वामन अवतार में भगवान विष्णु का पैर पड़ा था. हालांकि किवंदतियों के अनुसार इस किले का निर्माण 56 ईसवी में राजा विक्रमादित्य ने अपने सन्यासी भाई भर्तहरि के लिये कराया था. आज भी किले के अंदर भर्तहरि की समाधि मौजूद है. हालांकि इतिहासकार किले के निर्माण काल के समय को लेकर कभी भी एक मत नहीं हैं लेकिन इस किले में हर कोई घूमना चाहता है.

बुनकरों व मछुआरों से भी मिलेंगी

इसके अलावा बुनकरों व मछुआरों के साथ चौपाल लगाकर मुलाकात की तैयारी है. उनके मुद्दों को कांग्रेस अपने मेनिफेस्टो में शामिल कर सकती हैं. प्रयागराज, मिर्ज़ापुर समेत वाराणसी ज़िला व शहर कमेटियों ने तैयारी शुरू कर दी है. भव्य स्वागत के लिए अनूठे आयोजनों को लेकर मंथन हो रहा है. बनारस में प्रियंका गांधी का आगमन उसी दशाश्वमेध घाट पर होगा, जहां पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गंगा निर्मलीकरण के लिए बनाए गए गंगा एक्शन प्लान की नींव रखी थी. गंगा को प्रणाम कर प्रियंका गांधी श्रीकाशी विश्वनाथ दरबार में दर्शन-पूजन करने जाएंगी. बाबा काल भैरव का दर्शन भी संभावित है.

बनारस में पहुंचने के बाद प्रियंका गांधी कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी तैयारियों को लेकर मंथन करेंगी. चर्चा तो ये भी है कि इस बार गांधी परिवार यूपी में होली मना सकता है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है. प्रियंका के जलमार्ग से बनारस जाने के प्लान से यूपी के सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज़ हो गई हैं. बीजेपी व सपा-बसपा खेमे में चर्चा है कि मोटर बोट यात्रा के ज़रिए मीडिया का सारा ध्यान तो प्रियंका ही खींच लेंगी.

यात्रा के लिए बस भी पहुंची

सूत्रों की मानें तो अगर प्रियंका को जल मार्ग से जाने की अनुमति नहीं मिलती तो सड़क मार्ग से भी जाने की तैयारी है. इसके लिए एक बस भी दिल्ली से लखनऊ स्थित कांग्रेस कार्यालय पहुंच गई है.

प्रियंका के लिए ढूंढ़ा जा रहा घर

यूं तो रायबरेली-अमेठी को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है लेकिन इस परिवार का कोई भी सदस्य जब आता है तो गेस्ट हाउस में ही रुकता है. पिछले दिनों प्रियंका गांधी लखनऊ आईं तो होटल में रुकीं. ऐसे में अब लखनऊ में उनके लिए एक घर की तलाश भी शुरू हो गई है. कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो लखनऊ के कैंट इलाके व कांग्रेस कार्यालय के आस-पास घर ढूंढ़ा जा रहा है ताकि प्रियंका अब होटल में न रुकें. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कहा था कि उन्होंने प्रियंका गांधी व ज्योतिरादित्य सिंधिया को केवल 2019 नहीं, बल्कि 2022 विधानसभा चुनाव तक के लिए यूपी भेजा है. ऐसे में यूपी रहकर आगे की प्लानिंग तैयार करने पर भी विचार किया जा रहा है.

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