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Friday, 19 April, 2024
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योगी नाखुश, प्रवक्ता चुप तो कैसे हो गई माफिया राजन तिवारी की बीजेपी में एंट्री

राजन तिवारी बिहार का माफिया डाॅन हैं. राजन का नाम अबतक कई आपराधिक घटनाओं में आ चुका है. कई अपहरण और हत्या के मामलों में भी उनका नाम चर्चा में आया.

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लखनऊ: किसी जमाने में माफिया और बाहुबली की छवि वाले नेताओं से दूरी बनाए रखने वाली बीजेपी को अब किसी परहेज नहीं रह गया. हाल ही में पार्टी ने बिहार के माफिया डॉन राजन तिवारी को शामिल किया है. लखनऊ में भाजपा के वरिष्ठ नेता व योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टण्डन ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. लेकिन राजन के शामिल होते ही बीजेपी में घमासान की स्थिति आ गई है. बीजेपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो सीएम योगी इस फैसले से नाखुश हैं तो दूसरी तरफ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व प्रवक्ता इस पर बोलने से बच रहे हैं.

बीजेपी के जुड़े सूत्रों की मानें तो सीएम योगी ने आलाकमान के समक्ष अपना पक्ष भी रख दिया है. नाम न छापने की शर्त पर बीजेपी के एक नेता ने बताया कि इस बारे में यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी को भी कोई जानकारी नहीं दी गई थी. सीएम योगी आदित्यनाथ के ज्वाइनिंग से नाराज होने के बाद अब प्रदेश भाजपा का संगठन भी राष्ट्रीय संगठन के सामने अपना मत रख रहा है.

प्रदेश भाजपा के पदाधिकारी अब इस बात से नाराज हैं कि बिना प्रदेश की कमिटी को विश्वास में लिए कैसे बिहार के एक बाहुबली विधायक को यूपी में ज्वाइन करवा दिया गया.

बीजेपी के यूपी प्रवक्ता डाॅ चंद्रमोहन का कहना है कि उन्हें राजन की ज्वाइनिंग को लेकर कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई प्रेस रिलीज मीडिया को भेजी गई है. वहीं, जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर आ रही हैं. उसमें योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टंडन खुद राजन की ज्वाइनिंग करा रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी में राजन की ज्वाइनिंग को लेकर असमंजस की स्थिति है.

कौन है राजन तिवारी

राजन तिवारी बिहार का माफिया डाॅन हैं. राजन का नाम अब तक कई आपराधिक घटनाओं में आ चुका है. कई अपहरण और हत्या के मामलों में भी उनका नाम चर्चा में आया. वह मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले हैं. उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी इसी जिले में हुई. बाद में वह बिहार चले गए. उनके परिवार के लोग और रिश्तेदार इसी इलाके में रहते हैं .लखनऊ में भाजपा के वरिष्ठ नेता व योगी सरकार के मंत्री आशुतोष टण्डन ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.

कैसे आए थे चर्चा में

राजन पर पूर्वी यूपी व बिहार में कई आरोप हैं. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की हत्या में भी राजन का नाम सुर्खियों में आया था. 1998 में राजद के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद जो अस्पताल में भर्ती ते वहां उनकी निर्मम हत्या कर दी गई. बृजबिहारी प्रसाद की हत्या के आरोप में राजन की गिरफ्तारी भी हुई .

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2009 में सीबीआई की एक अदालत ने श्रीप्रकाश शुक्‍ला और राजन तिवारी समेत 5 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई. हालांकि, 2014 में पटना हाई कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था. अदालत ने उन्हें इस मामले में बामुशक्कत कैद की सजा . इसके अलावा यूपी के महराजगंज की लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में आ चुका है.

कई दल बदलकर आए बीजेपी में

राजन इससे पहले राजद से भी जुड़े रहे हैं. फिर उन्हें उपेंद्र कुशवाहा का साथ मिला. इसके बाद वह बसपा चले गए और अब भाजपा का दामन थाम लिया. सूत्रों की मानें तो बीजेपी में शामिल होने से पहले राजन तेजस्वी यादव से भी संपर्क में थे. लेकिन वहां बात नहीं बनी. राजन दो बार विधायक भी रह चुके हैं. उन्हें कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी बताया जाता है.
आरजेडी नेता की हत्या में आया था नाम और सोशल मीडिया पर हो रही किरकिरी. पार्टी विद ए डिफरेंस का दावा करने वाली बीजेपी की राजन को शामिल करने के बाद सोशल मीडिया पर काफी किरकिरी हो रही है….

पूर्वी यूपी में ब्राह्मण लाॅबी को मजबूत करने की कोशिश

पूर्वी यूपी की राजनीति में ब्राह्मण वर्चस्व की लड़ाई बढ़ गई है. ब्राहम्णों का एक बड़ा गुट बीजेपी से खफा है. सूत्रों की मानें तो इसी को ध्यान में रखते हुए राजन तिवारी की एंट्री कराई गई. अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस फैसले से खुश नहीं हैं. इसका कारण ये भी है उनके गुट के लोग राजन तिवारी के समर्थक नहीं हैं. ब्राह्मण बनाम ठाकुर की राजनीति को ध्यान में रखते हुए बीजेपी संगठन ने ये फैसला तो लिया है. लेकिन ये गले की फांस बनता जा रहा है. सवाल यही उठ रहे हैं कि योगी नाखुश, प्रवक्ता चुप तो कैसे माफिया राजन तिवारी की बीजेपी में एंट्री हो गई.
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