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Monday, 4 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावभाजपा उम्मीदवार ने विधानसभा चुनाव में बेटे और लोकसभा में पिता का तोड़ा `गुमान`

भाजपा उम्मीदवार ने विधानसभा चुनाव में बेटे और लोकसभा में पिता का तोड़ा `गुमान`

मध्यप्रदेश की एक लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिला है. भाजपा प्रत्याशी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में पहले बेटे को शिकस्त ​दी. वहीं अब लोकसभा चुनाव में पिता को भी हार का मुंह दिखाया हैं.

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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश एक लोकसभा सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिला है. इस सीट पर उतरे भाजपा प्रत्याशी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में पहले बेटे को शिकस्त ​दी. वहीं अब लोकसभा चुनाव में पिता को भी हार का मुंह दिखाया. रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट भाजपा के उम्मीदवार गुमानसिंह डामोर लोक स्वास्थ्य अभियंता के पद से रिटायर होने के बाद राजनीति में आए. डामोर ने नवंबर 2018 के विधानसभा चुनावों में पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के पुत्र डॉ विक्रांत भूरिया को 10 हजार वोटों से हराया था. वहीं लोकसभा चुनाव में उन्होंने (सीनियर भूरिया) कांतिलाल भूरिया को हरा दिया है.

राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र की सीमाओं से लगी पश्चिम मध्यप्रदेश की आदिवासी बहुल झाबुआ-रतलाम सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया इस क्षेत्र से 1998 से सांसद है. वे केवल एक बार 2014 में मोदी लहर में भाजपा के दिलीप सिंह भूरिया से पराजित हुए थे. दिलीप सिंह भूरिया के निधन के बाद इस सीट पर 2015 में हुए उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया को जीत हासिल हुई थी.

उपचुनावों में कांतिलाल भूरिया ने दिलीप सिंह भूरिया की पुत्री और भाजपा उम्मीदवार निर्मला भूरिया को 80 हजार वोटों से हराया था.दिलीप सिंह भूरिया कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर झाबुआ लोकसभा सीट पर 1980 से 1996 तक हुए चुनावों में लगातार विजयी हुए.

छह माह ​बाद फिर एक ओर चुनाव की तैयारी

रतलाम-झाबुआ क्षेत्र में पहले बेटे और फिर पिता को पटखनी देने से झाबुआ विधानसभा में उपचुनाव होना तय हो गया है.पहले बेटे और खुद की हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के ही नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे है. कभी कांग्रेस का गढ़ रहा इस क्षेत्र में अब पार्टी के ही असित्व पर सवाल खड़ा हो रहा है.

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