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Sunday, 22 December, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावएग्ज़िट पोल: छत्तीसगढ़ में नहीं चल सका कांग्रेस का जादू, खिल सकता है कमल

एग्ज़िट पोल: छत्तीसगढ़ में नहीं चल सका कांग्रेस का जादू, खिल सकता है कमल

2014 के लोकसभा चुनाव में 11 सीटों में से भाजपा ने 10 जीती थीं. कांग्रेस को केवल एक दुर्ग लोकसभा सीट पर कामयाबी हासिल हुई थी.

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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का कोई असर देखने को नहीं मिला. एग्ज़िट पोल पर अगर नजर डालें तो टाइम्स नाऊ और वीवीआर के सर्वेक्षण के मुताबिक भाजपा को 7 और कांग्रेस को 4 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं वहीं नेटवर्क 18 और आईपीएसओएस के सर्वे के मुताबिक भाजपा को 7 से9 और कांग्रेस को 2-4 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं. आजतक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में बीजेपी को 7 से 8 सीटें मिलती दिख रही हैं. जबकि कांग्रेस को यहां पर 3 से 4 सीटें मिल सकती है.

क्या रहा छत्तीसगढ़ का हाल

छत्तीसगढ़ राज्य में 11 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल, 18 अप्रैल और 23 अप्रैल को तीन चरणों में मतदान हुआ.  इस राज्य में सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) इस लोकसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला लिया. पार्टी की कोर कमेटी और संसदीय बोर्ड की बैठक में बहुजन समाज पार्टी के सभी उम्मीदवारों के समर्थन का निर्णय लिया गया है. विधानसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने गठबंधन किया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में 11 सीटों में से भाजपा ने 10 जीती थीं. कांग्रेस को केवल एक दुर्ग लोकसभा सीट पर कामयाबी हासिल हुई थी.

किस पार्टी ने किसपर लगाया दांव

राज्य की बस्तर लोकसभा सीट पर भाजपा ने विधायक रहे बैदूराम और कांग्रेस के युवा चेहरे दीपक जैन में मुकाबला है. कांकेर सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है. भाजपा ने यहां से मोहन मंडावी और कांग्रेस ने आदिवासियों की लड़ाई लड़ने वाले बीरेश ठाकुर को उतारा है. राजनांदगांव सीट पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का क्षेत्र होने के कारण हमेशा से चर्चा का विषय रही है. कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक भोलाराम साहू को टिकट दिया है. साहू के मुकाबले भाजपा ने नए चेहरे संतोष पांडेय पर दांव लगाया है. पांडेय एक बार पंडरिया क्षेत्र से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं.

रायपुर सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यहां से पार्टी ने छह बार के सांसद रहे रमेश बैस का टिकट काटकर सुनील सोनी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने सोनी के खिलाफ महापौर प्रमोद दूबे को टिकट दिया है. बिलासपुर राज्य की सबसे चर्चित सीटों में से एक है. इन सीटों पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा है. पार्टी ने यहां अपने नए उम्मीदवार अरुण साव को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने अटल श्रीवास्तव को टिकट दिया है. कोरबा सीट 2009 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई है. 2014 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने 2009 में यहां से सांसद चुने गए डॉ. चरणदास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत को टिकट दिया है. महंत अभी छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष हैं. वे केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं. भाजपा ने यहां से नए चेहरे ज्योतिनंदन दूबे पर दांव लगाया है.

दुर्ग लोकसभा सीट पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत राज्य के तीन मंत्री रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू और गुरु रुद्र कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर है. कांग्रेस ने यहां से प्रतिमा चंद्राकर को टिकट दिया है. इनके मुकाबले भाजपा ने सीएम भूपेश बघेल के रिश्तेदार विजय बघेल को टिकट दिया है. सरगुजा आदिवासी आरक्षित सीट है. इस पर हमेशा से भाजपा का कब्जा रहा है. यहां मुख्य मुकाबला कांग्रेस के खेलसाय सिंह और भाजपा की रेणुका सिंह के बीच है.

एक नवंबर 2000 को जबसे छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ है तब से अब तक तीन आम चुनाव हो चुके हैं. तीनों में अब तक भाजपा 10 सीटें जीतती रही हैं. कांग्रेस को हर बार केवल एक ही लोकसभा सीट पर संतोष करना पड़ा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में 11 सीटों में से भाजपा ने 10 जीती थीं. कांग्रेस को केवल एक दुर्ग लोकसभा सीट पर कामयाबी हासिल हुई थी.

विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने मारी बाजी

चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रचंड बहुमत के साथ राज्य की सत्ता पर काबिज हुई. इनमें भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा. इन चुनावों में कांग्रेस को 68, भाजपा को 15, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को 5 और बीएसपी को 2 सीटें हासिल हुई थीं. इन चुनावों में भाजपा को 33, कांग्रेस को 43, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का 7.6 और बीएसपी को 3.9 फीसदी वोट शेयर रहा.

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