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Sunday, 22 December, 2024
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मोदी का भाषण प्रसारित कर कैसे डीडी व एआईआर चुनाव आचार संहिता तोड़ने से बचे

मोदी सरकार ए-सैट पर संबोधन के लिए यूट्यूब पर गई और ऑल इंडिया रेडियो व दूरदर्शन ने केवल इससे फीड लिया जो स्पष्ट रूप से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.

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नई दिल्लीः पब्लिक ब्रॉडकास्टर्स ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) और दूरदर्शन (डीडी) ने ‘मिशन शक्ति’ की घोषणा करने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र को उनका संबोधन यूट्यूब से फीड लेकर प्रसारित कर शायद चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने से बच गए.

चुनाव आयोग की कमेटी इस बात की जांच कर रही है कि बुधवार को ए-सैट मिसाइल टेस्ट को लेकर पीएम की आश्चर्यजनक घोषणा ने कहीं चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं किया, जो 10 मार्च को चुनावी तिथि की घोषणा से लागू है.

सरकार के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि प्रधानमंत्री के राष्ट्र के सभी संबोधन लाइव या रिकॉर्डेड दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो प्रसारित करता रहा है, जबकि मोदी सरकार ने चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को देखते हुए बुधवार को पीएम का भाषण यूट्यूब पर प्रसारित किया.

पब्लिक ब्रॉडकास्ट जैसा कि आचार संहिता के उल्लंघन से बंधे हैं, अगर डीडी और एआईआर इसे सीधे प्रसारित करते तो उन्हें चुनाव आयोग (ईसी) से इसकी अनुमति लेनी पड़ती. उन्होंने कहा कि दोनों ने बुधवार के प्रसारण से पहले ऐसी अनुमति नहीं ली थी.

चुनाव आयोग के बड़े अधिकारी ने बताया कि ‘घोषणा पूरे एआईआर नेटवर्क पर ठीक उसी समय प्रसारित की गई. इसे प्रसारित करने के लिए ईसी से कोई अनुमति नहीं ली गई.’ उन्होंने कहा ‘यहां तक कि गैर राजनीतिक संबोधन जैसे कि मन की बात (पीएम का मासिक रेडियो संबोधन) को भी प्रसारित करने से पहले चुनाव आचार संहिता के दौरान ईसी को बताना पड़ेगा.

हालांकि, एक उच्च पदस्थ सकार के सूत्र ने बताया कि दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पीएम के ए-सैट पर उनके भाषण में बिल्कुल भी शामिल नहीं था. उन्होंने कहा कि सभी की तरह वे भी फीड हासिल किये और इससे चुनाव आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है.

सूत्र के अनुसार चुनाव आयोग को पीएम के भाषण की जानकारी तब लगी जब यह सूचना मीडिया में आई, और इसे नजदीक से देख रहे अधिकारियों ने जब आपत्ति जताई. पीएम के संबोधन के बाद ईसी ने एक मीटिंग कर तय किया कि अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर जांच होगी कि इससे चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हुआ है.

जबकि प्रथमदृष्टया लग रहा है कि एआईआर और डीडी ने कोई उल्लंघन नहीं किया है, कमेटी यूट्यूब से फीड लेकर भाषण प्रसारित करने पर जताई जा रही सभी जरूरी चिंताओं को देखेगी. चुनाव आचार संहिता मंत्रियों के किसी भी राजनीतिक प्रचार के लिए सरकारी प्लेटफार्मस के इस्तेमाल को रोकती है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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