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Friday, 15 November, 2024
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भारत के 20 बुद्धिजीवी, जिनकी बातों से ही दुनिया में कहीं भी तख्तापलट हो सकता है

इतनी 'बुद्धिमतापूर्ण' बातें सुनकर दुनिया का कोई भी देश इस ज्ञान के आगे नतमस्तक हो जाएगा.

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भारत में विद्वानों की कभी कमी नहीं रही है. आधुनिक भारत में भी नहीं है. वर्तमान भारत में 20 ऐसे तथाकथित बुद्धिजीवी हैं, जिनकी बातें सुनकर नासा, ओईसीडी, हार्वर्ड, कैम्ब्रिज या फिर किसी भी संस्थान का हेड अपनी गद्दी छोड़कर भाग जाएगा. इतनी ‘बुद्धिमतापूर्ण’ बातें सुनकर दुनिया का कोई भी देश इस ज्ञान के आगे नतमस्तक हो जाएगा. ये रहे हमारे 20 ‘बुद्धिजीवी’:

1. राहुल गांधी- वैज्ञानिक, अर्थविद और मनोचिकित्सक. आपके कुछ अमर वाक्य इस प्रकार हैं, जो हमेशा भारत को गाइड करते रहेंगे: ‘दलित समाज को जुपिटर की एस्केप वेलॉसिटी’ चाहिए आगे बढ़ने के लिए’. ‘गरीबी एक मानसिक अवस्था है’. ‘राजनीति हर जगह है, आपके शर्ट में है, आपके पैंट में है’. ‘ह्यूमन रिसोर्स के मामले में भारत इक्कीसवीं शताब्दी का सऊदी अरब बननेवाला है’. आपके भाषण के वीडियो लोगों को ‘हास्य चिकित्सा’ देने के काम आते हैं.

2. नरेंद्र मोदी- आप डॉक्टर हैं. जैसे डॉक्टर कुछ नहीं होगा, कुछ नहीं होगा कहते हुए सूई लगा देते हैं वैसे ही आप कुछ नहीं होगा, कुछ नहीं होगा कहते हुए नोटबंदी और जीएसटी रूपी सूई जनता को लगा देते हैं. ‘दोस्तों,  सर्दी नहीं बढ़ी है, हमारी क्षमता कम हो गई है’ से लेकर तक्षशिला यूनिवर्सिटी, गणेश जी की सूंढ़ और a+b स्क्वायर के फॉर्मूले जैसी चीज़ों ने आपको दुनिया के सबसे बड़े बुद्धिजीवियों में शामिल कर दिया है. कौन कहता है कि घूमने से ज्ञान नहीं बढ़ता? तीन-चार ही तो देश बचे हैं. अगली बार जीतने के बाद आप घोषणा कर सकते हैं कि दुनिया की खोज आपने की.

3. सुब्रमण्यम स्वामी- एंथ्रोपोलॉजिस्ट. गांधी परिवार की जन्मकुंडली बताते बताते कब आप जीवन उत्पत्ति के गूढ़ दर्शनों में पहुंच गये, आपको भी नहीं पता. आईआईटी और हार्वर्ड जैसे संस्थान आपके तेज को बर्दाश्त नहीं कर पाये. ऐसा कहा जाता है कि भारतीय राजनीति के तमाम गूढ़ रहस्य आपके पास हैं तभी सारे उत्पातों के बावजूद आप राजनीति में बने हुए हैं.

4. बिप्लव देव- पुरातत्ववेत्ता. जब सारे लोग डायना हेडन को भूल चुके थे, डायना अपने जीवन में मगन थीं, आपने जनता को याद दिलाया कि डायना तो भूरे रंग की हैं, गोरी नहीं हैं, वो मिस वर्ल्ड कैसे बन गईं. यही नहीं, आपने वक्त वक्त पर विज्ञान और धर्म पर ज्ञान देकर जनता का मार्गदर्शन किया है. आपने ही खोज की कि महाभारत काल में इंटरनेट था.

5. अनंतकुमार हेगड़े- जेनेटिक इंजीनियर. आप कौशल विकास मंत्रालय चलाते हुए अपने बहुमूल्य समय का ज़्यादा भाग गांधी परिवार के डीएनए चेक करने में गुजारते हैं. हर दो महीने में आप जनता को ज़रूर याद दिलाते हैं कि गांधी परिवार का ओरिजिन इस्लाम से है. आप आधुनिक युग के डार्विन हैं.

6. जज महेश चंद्र शर्मा- पक्षी विशेषज्ञ. मोर आंसुओं से बच्चे पैदा करता है इत्यादि जैसे वाक्य बोलकर आप इतिहास में अमर हो गये हैं. वर्तमान लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र आपसे ऐसे वाक्यों की उम्मीद रहेगी. जिनको शिलापट्ट पर लिखकर कंधार से लेकर जावा-सुमात्रा तक स्तंभ गड़वाये जा सकें.

7. संबित पात्रा- आप कार्ल मार्क्स हैं. कार्ल मार्क्स ने जैसे दुनिया की तमाम समस्याओं को कैपिटलिज्म से जोड़ दिया, आपने भारत की तमाम समस्याओं को राम-मंदिर से जोड़ दिया है. ‘ऐ मौलाना, मंदिर वहीं बनेगा’ जैसे आपके संवाद मार्क्स की मटिरियलिज्म वाली थ्योरी पर भारी पड़ जाते हैं.

8. पायल रोहतगी- आप वो वैज्ञानिक हैं जिनके जीवन में लोग उन पर ध्यान नहीं देते. पिछले पांच सालों से आप अथक प्रयास कर रही हैं कि क्या एक हिंदू साड़ी भी नहीं पहन सकता, क्या एक हिंदू सो भी नहीं सकता, फिर भी आपके कार्य को कोई पहचान नहीं पा रहा है. आपका योगदान, नहीं भूलेगा हिंदुस्तान.

9. विवेक अग्निहोत्री- टाइम मशीन के आविष्कारक. 1964 में नेहरू की मौत हुई. और आपकी खोज ने साबित कर दिया कि 1965 की भारत-पाकिस्तान लड़ाई में नेहरू ने सही निर्णय नहीं लिया था. अर्बन नक्सल जैसे शब्द गढ़ कर आपने भाषा पर अपनी कमांड को साबित किया है.

10. राकेश सिन्हा- खगोलशास्त्री. आप दक्षिणपंथ के ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी सामान्य बातचीत में उग्र नहीं होते हैं. हालांकि हिंदुत्व को लेकर आपके तर्क ऐसे हैं जो पृथ्वीवासियों की समझ में नहीं आ सकते. इन गूढ़ बातों को समझने के लिए खगोलीय दुनिया से कोई नया व्यक्ति आना चाहिए. नासा ओम की जगह आपके शब्दों को इस्तेमाल करने का प्लान बना रहा है.

11. मुलायम सिंह यादव- जेंडर विशेषज्ञ. सर्वप्रथम आपने साबित किया लड़के हैं, लड़कों से गलती हो जाती है.

12. स्वर्गीय राजीव दीक्षित- आत्मा. जैसे आर्टिकल 32 संविधान की आत्मा है, वैसे ही आप भारतीय जनमानस की आत्मा हैं. न्यूक्लियर साइंटिस्ट, फूड विशेषज्ञ, वेदज्ञाता, फिजिसिस्ट इत्यादि जैसे विशेषण आपके लिए छोटे थे.

13. बाबा रामदेव- जूलियस सीसर. आई सॉ, आई केम, आई कॉन्कर्ड. आप सब कुछ कर सकते हैं. योग से होमोसेक्सुएलिटी की ‘बीमारी’ ठीक कर सकते हैं. पर्यावरण वाली जींस बना सकते हैं. आप प्लास्टिक को भी हरे तत्वों से मिलकर बना हुआ बता सकते हैं.

14. सदगुरू जग्गी वासुदेव- मसि कागज़ छुयो नहीं, कलम गह्यो नहीं हाथ. फिर भी साइंटिफिक संत! आप अर्थशास्त्री हैं. आपने बताया कि हम कहां गरीब हैं अब, पहले गुफाओं में रहते थे अब घरों में रहते हैं. आपने ये भी बताया कि सिर्फ अच्छी अंग्रेज़ी के दम पर किसी भी विषय का ज्ञान होने का दावा किया जा सकता है.

15. सत्यपाल सिंह- जैव-वैज्ञानिक. आईआईटी और आईपीएस में मिले ज्ञान को नकारते हुए आपने दुनिया भर के वैज्ञानिकों का मुंह बंद कर दिया एक सवाल पूछकर- बंदर से आदमी बनते किसने देखा? और इस प्रकार चार्ल्स डार्विन की थ्योरी पर ग्रहण लग गया. उम्मीद है कि आने वाले वक्त में वैज्ञानिक सत्यपाल सिंह की थ्योरी चलेगी. बाद में आपने न्यूटन पर भी सवाल उठाये थे.

16. कर्नल जी डी बख्शी- बिना शर-शैय्या के भीष्म. आपको हर चीज पर ज्ञान है. हथियार से लेकर कलम तक के मूवमेंट के बारे में बताते हैं. सालों आर्मी में रहने के बाद भी बस ये नहीं बता पाते कि युद्ध करना बुरी बात है. युद्ध खत्म हो जाएगा, लोग मर जाएंगे तब भी ये यही बताएंगे कि युद्ध से क्या हासिल होगा.

17. शरद यादव- फेमिनिस्ट. आप हमेशा औरतों को लेकर कोई ना कोई बयान देते रहते हैं. जब भी लगता है कि उम्र के साथ सुधर गये होंगे आप कोई बयान दे डालते हैं.

18. ज्ञानदेव आहूजा- श्रीनिवास रामानुजन तो गणित के लिए सूत्रों का इस्तेमाल करते थे. श्री ज्ञानदेव जी ऐसे गणितज्ञ हैं जो घर बैठे बिना किसी सूत्र के जेएनयू में इस्तेमाल हो रहे कंडोम की संख्या बता देते हैं.

19. नीतीश कुमार- आप वर्तमान भारत के सबसे स्पिरिचुअल व्यक्ति हैं. अंतरात्मा की आवाज़ खूब सुनते हैं. 90 के दशक में लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए समर्थन दिया. फिर अंतरात्मा की आवाज़ पर लालू से नाता तोड़कर जॉर्ज फर्नांडीज के साथ पार्टी बना ली. पहले भाजपा का विरोध किया फिर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेलमंत्री बने. भाजपा की मदद से ही बिहार में मुख्यमंत्री बने. बाद में अंतरात्मा की आवाज़ पर भाजपा से नाता तोड़ा और लालू प्रसाद यादव के साथ नाता जोड़ फिर मुख्यमंत्री बने. साल भर के भीतर ही अंतरात्मा फिर जाग उठी और फिर से भाजपा के साथ आकर मुख्यमंत्री बन गये.

20. भगवंत मान- कन्फ्यूशियस. जनता को कन्फ्यूज कर देते हैं कि ये क्या करना चाहते हैं, पता ही नहीं चलता. भक्त आदमी हैं. जनता के सेवक. जनता की सेवा के लिए शराब पीना छोड़ दिया. स्टेज से ये घोषणा की उन्होंने. इसके पहले संसद में घुसते वक्त वीडियो बनाते पाये गये थे.

ये सारी बातें होली के अवसर पर व्यंग्य के लहजे में कही गई हैं. ये व्यंग्य हमारे भारत के इन व्यक्तियों के स्टेटमेंट्स पर आधारित है. ये सारे स्टेटमेंट पब्लिक में हैं.

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2 टिप्पणी

  1. ऐसा लगता है कि आपने बस शब्दों का जाल बिछाया है इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने इन्हें तना मरा है ना ही यह तर्क संगत है । और तथ्य स्पष्ट रूप से नहीं है

  2. ऐसा लगता है कि आपने बस शब्दों का जाल बिछाया है इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपने इन्हें तना मरा है ना ही यह तर्क संगत है । और तथ्य स्पष्ट रूप से नहीं है

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