तोक्यो, 24 मई (भाषा) भारत समेत चार देशों के संगठन ‘क्वॉड’ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पड़ने वाले अपने समुद्र तटों की पूरी तरह से निगरानी की अनुमति देते हुए मंगलवार को एक बड़ी पहल की शुरुआत की। चीन के बढ़ते दबदबे के बीच शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व सुनिश्चित करना है।
तोक्यो में हुए दूसरे क्वॉड सम्मेलन के अंत में हिंद-प्रशांत समुद्री क्षेत्र जागरुकता (आईपीएमडीए) पहल शुरू करने की घोषणा की गई। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बानीज ने हिस्सा लिया।
चारों नेताओं के संयुक्त बयान में कहा गया है कि आईपीएमडीए हिंद प्रशांत देशों और हिंद महासागर, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह में क्षेत्रीय सूचना संलयन केंद्रों के परामर्श और समर्थन से काम करेगा। इसके जरिये साझा समुद्री क्षेत्र जागरुकता में मदद के लिए प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा ताकि स्थायित्व और समृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।
नेताओं ने एक स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और इस क्षेत्र के लिए ”ठोस परिणाम देने के मकसद से अथक प्रयास” करने का संकल्प लिया।
संयुक्त बयान में कहा गया है, ”आईपीएमडीए ठोस परिणामों की दिशा में संयुक्त प्रयासों को उत्प्रेरित करने के क्वॉड के मकसद को पूरा करेगा, जिससे क्षेत्र को और अधिक स्थिर और समृद्ध बनाने में मदद मिलेगी।”
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