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Sunday, 29 September, 2024
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महामारी ने लैंगिक समानता पर दशकों की प्रगति पर असर डाला

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(यूनिवर्सिटी ऑफ वाइकाटू की होली थोर्पे, यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्ट की एलिसन जेफ्रे और ग्रिफिश यूनिवर्सिटी की सिमोन फुलागर)

वेलिंगन, 21 अप्रैल (द कन्वरसेशन) कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान महिलाओं ने अपने परिवार और समुदायों की देखभाल का भावुक और घरेलू बोझ उठाया और वो भी बिना किसी वेतन के।

साथ ही महिलाओं को नौकरियां भी गंवानी पड़ी, खासतौर से नस्लीय और जातीय अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं को। दुनियाभर में अकेले 2020 में 6.4 करोड़ से अधिक महिलाओं ने नौकरी गंवाई, जिससे अनुमानित 800 अरब डॉलर की आय का नुकसान हुआ।

न्यूजीलैंड के ओटियारोआ में महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक आर्थिक, सामाजिक और स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना किया। वहीं, 2021 में कई अधिक महिलाओं ने ‘‘खतरनाक’’ नौकरियां कीं।

इस दौरान न्यूजीलैंड और दुनियाभर के आसपास महिलाओं तथा लड़कियों के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले बढ़ गए। महिलाओं का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य काम के मोर्चे पर और घर, दोनों में बुरी तरह प्रभावित हुआ।

हालांकि, कुछ सरकारों ने महामारी के दौरान महिलाओं की सेहत सुधारने के लिए कदम उठाए हैं जैसे कि काम के कम घंटे। संयुक्त राष्ट्र और ओईसीडी जैसे संगठनों ने महामारी से उबरने के कार्यक्रमों में महिलाओं के लिए बेहतर सहयोग विकसित करने की अवश्यकता की पहचान की है।

कुछ देशों ने अधिक प्रगतिशील रणनीतियों की पैरवी की है, जिसमें स्थानीय नारीवादी और स्वदेशी ज्ञान को प्राथमिकता देना शामिल है।

द कन्वरसेशन गोला नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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