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Wednesday, 6 November, 2024
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पिता की मृत्यु जीवन में सीख देने वाला सबसे बड़ा अनुभव था : राहुल

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कैम्ब्रिज (ब्रिटेन), 24 मई (भाषा) कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि करीब तीन दशक पहले उनके पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक हमले में मृत्य, उनके लिए सीख देने वाला जीवन का सबसे बड़ा अनुभव था।

उनका यह भी कहना है कि इस हादसे से उन्हें वो चीजें सीखने को मिलीं जो शायद वह कभी नहीं सीख पाते।

कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में सोमवार को एक संवाद सत्र के दौरान राहुल गांधी से उनके पिता की पुण्यतिथि के बारे में सवाल किया गया था जो 21 मई को थी।

राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु में एक चुनावी सभा के दौरान ‘लिट्टे’ के आत्मघाती हमले में मृत्यु हो गई थी।

कार्यक्रम का संचालन कर रहीं ‘कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज’ में इतिहास की प्रोफेसर श्रुति कपिला ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष से हिंसा और व्यक्तिगत अनुभव से जुड़ा सवाल किया।

इस पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘मेरे जीवन में सीख देने वाला सबसे बड़ा अनुभव मेरे पिता की मृत्यु थी। इससे बड़ा कोई अनुभव नहीं हो सकता।’’

उनका कहना था, ‘‘अब मैं यह कह सकता हूं कि जिस व्यक्ति या ताकत ने मेरे पिता की हत्या की, उसने मुझे बहुत दर्द दिया, यह सही भी है क्योंकि एक पुत्र के रूप में मैंने अपने पिता को खोया था और यह बहुत दुखद था। लेकिन इस तथ्य से भी दूर नहीं भाग सकता कि उसी घटना ने मुझे ऐसी बहुत चीजें सिखाईं जो शायद मैं कभी सीख नहीं सकता था। इसलिए जब आप सीखना चाहते हैं तो यह मायने नहीं रखता कि दूसरे लोग कितने बुरे हैं।’’

भारत में रोजमर्रा के अपने राजनीतिक जीवन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं पलट कर देखूं तो (प्रधानमंत्री) श्रीमान (नरेन्द्र) मोदी मुझ पर हमला करते हैं और ऐसे में मैं कहूं कि हे भगवान, वह कितने बुरे हैं, वह मुझ पर हमला कर रहे हैं। इसे देखने का यह एक नजरिया है। दूसरा नजरिया यह भी है- बहुत बढ़िया, मैं उनसे (मोदी)कुछ सीख सकता हूं, मुझे कुछ और सिखाएं।’’

कार्यक्रम में मौजूद कई युवाओं ने राहुल गांधी से भारत की राजनीति के संदर्भ में सवाल किए गए और उनसे पूछा गया कि भारतीय राजनीति में बदलाव लाने के लिए वे किस प्रकार इसका हिस्सा बन सकते हैं।

कांग्रेस नेता ने उनसे कहा कि वे उनकी पार्टी के नेताओं के साथ बतौर इंटर्न जुड़ सकते हैं और इसके बाद उन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जाएगा, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे मुश्किल का सामना करने के लिए तैयार रहें।

भाषा हक

हक नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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