ढाका, 17 अक्टूबर (भाषा) बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने शुक्रवार को कहा कि ‘जुलाई चार्टर’ नामक संयुक्त घोषणा पर हस्ताक्षर के साथ ही एक ‘नए बांग्लादेश’ का जन्म हुआ है। इस समारोह का उनके प्रमुख सहयोगी, छात्रों के नेतृत्व वाली ‘नेशनल सिटीजन पार्टी’ (एनसीपी) ने बहिष्कार किया।
यूनुस की अध्यक्षता में अंतरिम सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय सर्वसम्मति आयोग और राजनीतिक दलों के बीच लंबी बातचीत के बाद तैयार किए गए चार्टर में विभिन्न क्षेत्रों के लिए 80 से अधिक सुधार प्रस्ताव शामिल हैं।
संसद परिसर में आयोजित एक समारोह में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद यूनुस ने कहा, ‘यह एक नए बांग्लादेश का जन्म है।’
मुख्य सलाहकार कार्यालय की प्रेस शाखा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और जमात-ए-इस्लामी सहित 25 दलों ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं।
यूनुस के आशीर्वाद से इस वर्ष गठित छात्रों के नेतृत्व वाली एनसीपी ने चार्टर पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया और आरोप लगाया कि इस पर “कानूनी आधार” सुनिश्चित किए बिना हस्ताक्षर किए गए हैं।
पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुछ राजनीतिक दल लोगों को धोखा देकर (राष्ट्रीय) सर्वसम्मति के नाम पर दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
समारोह में यूनुस ने कहा कि ‘राष्ट्र जुलाई के सेनानियों का ऋणी है।’ वह उन प्रदर्शनकारियों का जिक्र रहे थे जिन्होंने अगस्त 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए हिंसक अंदोलन किया था।
हस्ताक्षर समारोह से कुछ घंटे पहले राष्ट्रीय सर्वसम्मति आयोग ने घोषणा की कि वह चार्टर की एक धारा में संशोधन लाया है जो जुलाई में विद्रोह करने वाले लोगों को उनकी विद्रोही गतिविधियों के लिए माफी देती है।
एनसीपी को खुश करने के लिए संशोधित मसौदे में कथित रूप से ‘फासीवादी अवामी लीग’ शब्द भी शामिल किया गया तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के उन सदस्यों पर आरोप लगाया गया जिन्होंने अपदस्थ शासन का समर्थन करने के लिए हत्याएं कीं।
अवामी लीग इस चर्चा का हिस्सा नहीं थी क्योंकि अंतरिम सरकार ने अपनी गतिविधियां समाप्त कर दी थीं।
चार्टर पर हस्ताक्षर से पहले, सैकड़ों प्रदर्शनकारी हस्ताक्षर समारोह के मंच के सामने इकट्ठा हुए और पिछले साल हसीना को सत्ता से बेदखल करने वाले प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए लोगों के लिए मान्यता, कानूनी सुरक्षा और पुनर्वास की मांग की।
प्रदर्शनकारियों द्वारा इलाका खाली करने से इनकार करने पर पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, लाठीचार्ज किया।
भाषा नोमान माधव
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