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Monday, 23 December, 2024
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‘ये होता है आजाद मुल्क’ – इमरान खान ने भारत की विदेश नीति की प्रशंसा की

जयशंकर की जिस टिप्पणी इमरान खान ने जिक्र किया वो इस साल जून में स्लोवाकिया में आयोजित होने वाले ग्लोबसेक 2022 ब्रातिस्लावा फोरम में दी गई थी.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के पूर्व प्रधान मंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के लिए तारीफ की है. इमरान ने भारत की यह प्रशंसा पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन युद्ध के बीच प्रतिबंधों की धमकी के बावजूद रूस से तेल खरीदने के लिए की है.

अप्रैल में सत्ता से बेदखल होने के बाद से, इमरान खान ने उनके खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाली विदेशी साजिश की निंदा की है. जो बाइडन प्रशासन की आलोचना करते हुए, इमरान खान ने कई मौकों पर भारत की सराहना की कि उसने पश्चिम की मांग को नहीं माना और अमेरिका के ‘रणनीतिक सहयोगी’ होने के बावजूद रूसी तेल खरीदना जारी रखा है.

पिछले हफ्ते लाहौर में एक विशाल सभा के दौरान, इमरान खान की पीटीआई पार्टी ने जून में आयोजित ब्रातिस्लावा फोरम से भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की एक वीडियो क्लिप चलाई. इस दौरान इमरान कहते हैं कि भारतीय मंत्री ने कहा कि नई दिल्ली वह करेगी जो उनके लोगों के लिए सबसे अच्छा होगा.

इमरान खान ने कहा, ‘जब भारतीय विदेश मंत्री को रूसी तेल नहीं खरीदने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति को तय करने वाले वे कौन होते हैं. यूरोप रूस का तेल खरीद रहा है और लोगों को इसकी जरूरत है. उन्होंने कहा कि वे इसे खरीदना जारी रखेंगे.’

इमरान आगे कहते हैं ‘ये होता है आजाद मुल्क.’

दोनों देशों के बीच तुलना करते हुए इमरान ने रूसी तेल खरीदने पर अमेरिकी दबाव के आगे झुकने के लिए शहबाज सरकार की आलोचना की है.

उन्होंने कहा, ‘हमने सस्ता तेल खरीदने के बारे में रूस से बात की थी लेकिन इस सरकार में अमेरिकी दबाव को ना कहने की हिम्मत नहीं है. ईंधन की कीमतें आसमान छू रही हैं, लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. मैं इस गुलामी के खिलाफ हूं.’

इमरान खान ने कहा, ‘भारत जिसे पाकिस्तान के साथ-साथ आजादी मिली और अगर नई दिल्ली अपनी जनता की जरूरत के हिसाब से अपनी विदेश नीति पर कड़ा रुख इख्तियार कर सकती है तो वे कौन हैं (शहबाज शरीफ सरकार) जो लाइन पर चल रहे हैं.’

जयशंकर की जिस टिप्पणी इमरान खान ने जिक्र किया वो इस साल जून में स्लोवाकिया में आयोजित होने वाले ग्लोबसेक 2022 ब्रातिस्लावा फोरम में दी गई थी.

जून में आयोजित फोरम के दौरान जयशंकर ने यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से भारत के तेल खरीदने के खिलाफ अनुचित आलोचना पर पलटवार किया था.

जयशंकर ने जोर देकर कहा था कि यह समझना अहम है कि यूक्रेन संघर्ष विकासशील देशों को कैसे प्रभावित कर रहा है. उन्होंने यह भी सवाल किया कि केवल भारत से ही सवाल क्यों किया जा रहा है जबकि यूरोप यूक्रेन युद्ध के बीच रूस से गैस का आयात जारी रखे हुए है.


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