प्योंगयांग: किम-ट्रंप की शिखर वार्ता के ठीक पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के निमंत्रण पर गुरुवार को उत्तर कोरिया पहुंचे. इसके साथ ही वह 14 सालों में प्योंगयांग का दौरा करने वाले पहले और 1949 से दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद प्योंगयांग आने वाले चीन के पांचवें नेता बन गए हैं.
समाचार एजेंसी योनहाप के अनुसार, शी किम जोंग-उन के निमंत्रण पर दो दिवसीय यात्रा पर हैं. इसके पहले जब हू जिंताओ चीन के राष्ट्रपति थे तब वह अक्टूबर, 2005 में प्योंगयांग की यात्रा पर आए थे. यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के अपने संबंधों को मजबूत करने और उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत करने की उम्मीद है. शी स्थानीय समयानुसार 11.40 बजे प्योंगयांग पहुंचे.
मीडिया के सामने हुए उनके आधिकारिक कार्यक्रम के खुलासे के अनुसार, किम के साथ वार्ता करने के बाद वह फ्रेंडशिप टावर जाएंगे, जो कि प्योंगयांग और बीजिंग के भाईचारे का प्रतीक है. इसके साथ शी का सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन देखने का कार्यक्रम है. प्योंगयांग में कम वक्त के लिए रुकने की वजह से शिखर सम्मेलन, यात्रा के पहले दिन होने की संभावना है.
यात्रा से एक दिन पहले, बुधवार को उत्तर कोरिया के एक आधिकारिक समाचार पत्र में प्रकाशित एक ओप-एड में शी ने कहा था कि प्योंगयांग की उनकी यह यात्रा कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्राकरण के मुद्दे पर वार्ता में प्रगति हासिल करने में मदद करेगी. इसके पहले किम पिछले साल मार्च से अब तक शी के साथ शिखर सम्मेलनों के लिए चार बार चीन की यात्रा कर चुके हैं.
द्वपक्षीय मुद्दों पर करेंगे चर्चा
वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिंनपिंग गुरुवार को उत्तर कोरिया की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर रवाना हुए, जहां वह प्योंगयांग के नेता किम जोंग-उन से मुलाकात करेंगे और विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, किम के आमंत्रण पर शी इस यात्रा पर गए हैं.
बीते 14 सालों में उत्तर कोरिया की यात्रा पर जाने वाले शी पहले चीनी राष्ट्रपति हैं. यह 2013 से सत्ता में आने के बाद प्योंगयांग की उनकी पहली यात्रा है. इससे पहले किम पिछले साल चार बार चीन की यात्रा पर जा चुके हैं.
शी की यात्रा से एक दिन पहले, बुधवार को उत्तर कोरिया के एक आधिकारिक समाचार पत्र में प्रकाशित एक ओप-एड में शी ने कहा था कि प्योंगयांग की उनकी यह यात्रा कोरियाई प्रायद्वीप में परमाणु निरस्त्राकरण के मुद्दे पर वार्ता में प्रगति हासिल करने में मदद करेगी.