नई दिल्ली: आतंकी संगठन अल-कायदा ने एक बयान जारी कर धमकी दी है कि वह पैगंबर मोहम्मद के बारे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ताओं की तरफ से गई टिप्पणियों के जवाब में भारत के खिलाफ आत्मघाती हमले करेगा.
जिहादी समूह ने अपने समर्थक विभिन्न ऑनलाइन फोरम पर मंगलवार देर रात यह बयान ऐसे समय पर जारी किया है जबकि विभिन्न मध्य पूर्वी देश—जिनमें से पूर्व में अल-कायदा के अभियानों का निशाना बन चुके हैं—इस मामले में भारत की राजनयिक आलोचना कर चुके हैं.
बयान में कहा गया है, ‘हम उन लोगों को मार डालेंगे जो हमारे पैगंबर का अपमान करते हैं…और हम अपने और अपने बच्चों के शरीर के साथ विस्फोटक बांध देंगे ताकि उन लोगों को उड़ाया जा सके जो हमारे पैगंबर का अपमान करने की हिमाकत करते हैं.’
गौरतलब है कि पैगम्बर पर विवादास्पद बयानों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया है और दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रभारी नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया है.
अल-कायदा के बयान में कहा गया है, ‘भगवा आतंकियों को अब दिल्ली और बॉम्बे, यूपी और गुजरात में अपने खात्मे का इंतजार करना चाहिए. उन्हें न तो अपने घरों में और न ही अपनी सुसज्जित सैन्य छावनियों में शरण मिलेगी. अगर हम अपने पैगंबर का बदला नहीं लेते तो हमारी मांएं हमें खो देंगी.’
इसमें गजवा-ए-हिंद का भी जिक्र किया है जो धार्मिक रूप से विवादास्पद लेकिन चर्चित शब्द है जिसका हवाला भारत को पूरी तरह तबाह कर देने वाली जिहाद या यौम अल-कियामा के संदर्भ में दिया गया है.
बयान में आगे कहा गया है, ‘हम भारत के शासकों के लिए मौत और विनाश बनकर आएंगे, उन्हें फांसी दी जाएगी, जेलों में डाला जाएगा और जंजीरों से बांधकर रखा जाएगा.’
यह भी पढे़ें: भारत के 20 करोड़ मुस्लिम मोदी सरकार से जो नहीं करा पाए वह कुछ इस्लामी मुल्कों ने करने पर मजबूर कर दिया
एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘अल-कायदा हमारे क्षेत्र के कई अंतरराष्ट्रीय जिहादी समूहों में से सबसे अधिक संगठित है, और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के साथ गहरे संबंध रखता है.’
अधिकारी ने कहा कि अल-कायदा की धमकियों को ‘काफी गंभीरता से लिया जाना चाहिए’, साथ ही जोड़ा, ‘हालांकि, भारत विभिन्न स्थानीय और पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के निशाने पर रहा है लेकिन अल-कायदा या इस्लामिक स्टेट जैसे अंतरराष्ट्रीय समूहों ने कभी यहां बहुत ज्यादा सक्रियता नहीं दिखाई है. खतरा यह है कि भारत में होने वाली घटनाएं जिहादी समुदायों का बहुत ज्यादा ध्यान आकृष्ट कर रही हैं.’
पिछले दो महीनों में आतंकी संगठन की तरफ से जारी किया गया यह दूसरा बयान है, जो भारत में धार्मिक टकराव के मुद्दों से जुड़ा है.
अप्रैल में, दिप्रिंट ने कर्नाटक में हिजाब विवाद पर केंद्रित अल-कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी की टिप्पणी वाले एक वीडियो टेप की खबर ब्रेक की थी.
भारत पर अल-कायदा ने पहले क्या कहा
अल-जवाहिरी के भाषण में आतंकवादी हमलों की कोई धमकी नहीं दी गई थी बल्कि अन्य दक्षिण एशियाई, मुस्लिम-बहुल देशों की सरकारों को धार्मिक समुदाय की रक्षा में विफल रहने का दोषी ठहराया गया था.
उक्त क्लिप में जवाहिरी ने कहा था, ‘हम पर थोपी गई सरकारें, खासकर पाकिस्तान और बांग्लादेश में, हमारी रक्षा नहीं करती हैं, बल्कि उन दुश्मनों को संरक्षण देती हैं जिन्हें उन्होंने हमारे खिलाफ लड़ने का अधिकार दे रखा है.’
इससे पहले, भारत पर अल-कायदा के आखिरी बयान में 2014 में भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (एक्यूआईएस) के नाम से एक अलग विंग बनाने की घोषणा की गई थी.
अल-कायदा का दक्षिण एशिया प्रमुख सना-उल-हक था, जो कभी उत्तर प्रदेश के संभल जिले का रहने वाला था. 1998 में वह पाकिस्तान चला गया और वहां कराची में जिहाद समर्थक जामिया उलुम-ए-इस्लामिया में दाखिला ले लिया.
संभल के हिंदी इंटर कॉलेज में शिक्षित सना-उल-हक पांच भाई-बहनों में सबसे छोटा था. उसने आठवीं में स्कूल छोड़ दिया, और उसे देवबंद में दार-उल-उलम मदरसा भेज दिया गया. ऐसा लगता है कि 1992-1993 की हिंसा ने उसे जिहाद की राह अपनाने को बाध्य किया.
माना जाता है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद सना-उल-हक हरकत-उल-मुजाहिदीन में शामिल हो गया, और कश्मीर के जिहादियों के प्रशिक्षण शिविरों में एक मजहबी शिक्षक के रूप में काम करने लगा.
इस साल के शुरू में असम पुलिस ने भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा से जुड़े अंसारुल्ला बांग्ला टीम के पांच कथित सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इसी तरह की एक सेल के 11 सदस्यों, जिन पर पश्चिम बंगाल, केरल और दिल्ली में बम विस्फोट की साजिश रचने का आरोप था, को 2020 में गिरफ्तार किया गया था.
यह भी पढ़ें: सही इतिहास, इस्लामी देशों से रिश्ता- तनी हुई दो रस्सियों पर चलना BJP को पड़ रहा महंगा