(मिलेना हेनस्च और कैम्पबैल टिकनर, तस्मानिया विश्वविद्यालय)
तस्मानिया, आठ अगस्त (द कन्वरसेशन) यदि आपका कोई नजदीकी जब आत्महत्या का प्रयास करता है तो यह न मात्र उसके लिए बल्कि आपके लिए भी एक बहुत डरा देने वाली, चिंता में डाल देने वाली और किंकर्तव्यविमूढ़ करने वाली स्थिति होती है।
यदि आप ऐसी स्थिति से गुजर रहे हैं तो यह मानने की गलती मत कर लीजिए कि आप ही इस तरह के अकेले व्यक्ति हैं। हाल के आंकड़ों में यह बात सामने आयी कि प्रत्येक तीन आस्ट्रेलियाई नागरिको में से एक ऐसा है, जिसके किसी नजदीकी व्यक्ति ने या तो आत्महत्या की अथवा अपनी जान देने का प्रयास किया।
यह एक ऐसा विषय है जिस पर बातचीत करना वास्तव में कठिन होता है, किंतु ऐसे मामलों में आपके द्वारा दी गयी सहायता भारी बदलाव ला सकती है। यदि आप निम्न कामों को करते हैं तो आप आत्महत्या का प्रयास करने वाले व्यक्ति की सहायता कर सकते हैं।
सबसे पहली बात कि सभी प्रश्नों का जवाब नहीं होते। यह आवश्यक नहीं है और ऐसा होने में कुछ भी गलत नहीं है।
जब कोई व्यक्ति आत्महत्या का प्रयास करता है तो उसके कुछ दिनों और सप्ताहों तक का समय न केवल उस व्यक्ति बल्कि उन सभी के लिए बहुत तीव्र भावनाओं से भरा समय होता है, जो उसकी देखभाल करते हैं, उससे नजदीकी महसूस करते हैं।
आपका नजदीकी जब आत्महत्या का प्रयास करता है तो उसके उपरांत वह खुद को दोषी, शर्मिंदा, क्रोधित, भ्रमित या राहतपूर्ण अवस्था में महसूस कर सकता है। इस बीच आप चिंतित, स्तब्ध, निस्सहाय महसूस कर सकते हैं। यह भी हो सकता है कि आपको यह समझ न आए कि इसे लेकर आपको उससे क्या कहना चाहिए?
यह सभी भावनाएं बहुत सामान्य हैं। इस प्रकार की स्थिति में महसूस करने का कोई ‘सही’ तरीका नहीं होता, किंतु पीड़ित व्यक्ति से जुड़े रहना और उसकी देखभाल करना (भले ही वह कितनी छोटी ही क्यों न हो), सबसे प्रभावशाली चीज है जो आप कर सकते हैं।
आप सहायता कैसे कर सकते है : भावनात्मक सहयोग
आत्महत्या के प्रयास को स्वीकार करना समुचित है। इसकी अनदेखी करने से यह एक दंश छोड़ सकता है या अलग-थलग होने की भावना पैदा कर सकता है, किंतु आपको (आत्महत्या का) ब्योरा पूछने की आवश्यकता नहीं है। यदि आप इस मामले में भावनाओं से बहुत अभिभूत हो जाते हैं तो सौम्य तरीके से सीमाएं बना लेना उचित रहता है।
यदि आपको समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे हालात में क्या कहा जाए तो इस बारे में आप ईमानदारी बरतें।
आपको वहां बस खड़े रहना है। आपके नजदीकी व्यक्ति को यह महसूस होना चाहिए कि आप उसकी बात बिना किसी दबाव या पूर्वाग्रह के सुन रहे हैं। बातचीत करने को लेकर हड़बड़ी न दिखाएं। यदि वह बातचीत करने को तैयार नहीं है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बातचीत करने के निर्णय को उसी पर छोड़ दें।
दोषारोपण या दोषी ठहराने से बचें। ‘तुम ऐसा कैसे कर सकते हो’, इस तरह की बात कहने से (आत्महत्या का प्रयास कर चुके) व्यक्ति की स्थिति और भी खराब हो सकती है। इसके बदले कुछ इस प्रकार की बात कहिए, ‘‘मुझे खुशी है कि हमें तुम्हारा साथ अभी तक मिल रहा है। मैं तुम्हारी परवाह करता हूं।’’ उसे बार-बार तसल्ली दीजिए। उससे कहिए कि वह अकेला नहीं है और सहायता मांगने में कुछ भी गलत नहीं है।
आप कैसे सहायता कर सकते हैं : व्यावहारिक सहयोग
रोजमर्रा के कामों में उसकी मदद करिए, जैसे उसके साथ लोगों से मिलने जाइये, खाना बनाने या घर के रखरखाव में मदद करिए।
उन गतिविधियों को प्रोत्साहन दीजिए (जोर मत डालिए) जिन्हें करना वह पसंद करता है। यह पिक्चर देखना, पैदल चलना या शांति से इधर-उधर भटकना भी हो सकता है।
यदि आपको समझ नहीं आ रहा कि उसकी किस प्रकार मदद की जाए तो आप उससे इस प्रकार पूछ सकते हैं, ‘‘क्या करने से आज का दिन तुम्हारे लिए कुछ आसान बनाया जा सकता है।’’ यदि वह अपने भीतर ही सिमटा रहना चाहे या कहे कि वह कोई मदद नहीं चाहता तो इसे अपनी प्रतिष्ठा पर मत लीजिए। हो सकता है कि वह भावनाओं के भंवरजाल में उलझा हुआ हो।
यदि वह पसंद करे तो उसके साथ रहिए या कोई ‘टैक्स्ट मैसेज’ के जरिये अपनी उपस्थिति महसूस करवाइये। छोटे-छोटे कामों के लिए प्रतिक्रिया की आवश्यकता नहीं होती, जैसे उसके लिए खाना रख देना। पर ऐसे काम लंबे समय में बड़े कारगर होते हैं। ये सारे काम आपको अकेले नहीं करने हैं।
जब कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है तो उसको सहयोग करने का काम आपको शारीरिक एवं भावनात्मक रूप से छीज सकता है। आपको निरंतर सतर्क रहना होगा। आपको उन संकेतों पर नजर रखनी होगी, जिनमें संघर्ष के लक्षण हों। अत्यधिक सतर्क होना सामान्य बात है, पर इस बात को ध्यान में रखिए कि आपको यह काम अकेले नहीं करना है।
एक व्यक्ति सहयोग नेटवर्क नहीं बन सकता। आपकी देखभाल एवं सहयोग वास्तव में बड़ा बदलाव ला सकता है, किंतु पेशेवर सहयोग भी आवश्यक होता है, जो किसी मनोचिकित्सक, डॉक्टर या परामर्श देने वाले से लिया जाता है।
इससे आप अन्य विश्वस्त लोगों को शामिल कर सकते हैं, जैसे भाई-बहन, अभिभावक, मित्र या अध्यापक। आप अपने नजदीकी व्यक्ति से पूछिए कि वह मदद लेने के मामले में किन व्यक्तियों को शामिल करना चाहता है और कैसे। सहयोग तब सर्वोत्तम तरीके से काम करता है, जब यह मिल-बांट कर किया जाए।
जब आप चिंतित हों कि यह (आत्महत्या का प्रयास) फिर किया जा सकता है:
आत्महत्या के प्रयास के बाद मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर सुरक्षा की योजना बनाने में प्राय: मदद करते हैं।
यदि आत्महत्या के विचार सताने लगे तो उनसे पार पाने का मार्गदर्शन दरअसल कदम दर कदम सुझाव होते हैं। इसमें आमतौर पर सूचनाएं जैसे चेतावनी संकेत, फौरी जोखिम को कम करने और निर्णायक क्षणों में इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति शामिल होती हैं।
इस तरह की जो योजना होती है उसमें व्यक्तिगत रूप से प्रोत्साहित करना, संसाधनों की सूची, विश्वस्त लोगों के नाम और आपात स्थिति में जिस व्यक्ति को सूचित करना है, उसके बारे में जानकारी शामिल होती है।
एक फ्री ऐप है, ‘बिऑण्ड नाउ’, जिस पर इस प्रकार की योजना लिखी और सेव की जा सकती है तथा इसे विश्वस्त लोगों के साथ साझा किया जा सकता है।
यदि आप चाहें और यदि आपका नजदीकी व्यक्ति इसे लेकर सहमत हो तो उससे पूछिए कि क्या वह इस योजना में शामिल होना चाहता है और नहीं तो कम से कम उसे यह मालूम होना चाहिए कि यदि उसे फिर से किसी ऐसे संकट का सामना करना पड़े तो उसे क्या करना चाहिए।
इस बात को कभी मत भूलिए कि आपका ठीक रहना भी बहुत जरूरी है। इस प्रकार की स्थिति से गुजरने पर आपके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। आप व्यग्रता, थकावट, दुख और कभी-कभी दोषी महसूस कर सकते हैं अथवा आपकी नींद या भूख पर असर पड़ सकता है।
अपने को ठीकठाक रखने के लिए भी समय निकालिए…अच्छी तरह से भोजन कीजिए, आराम कीजिए, चलिए-फिरिए और उन लोगों से बात कीजिए जिनपर आप विश्वास करते हैं। आपको उस नजदीकी व्यक्ति की मदद करने के लिए उसका विवरण देने की आवश्यकता है।
यदि आप स्वयं कभी आत्महत्या के विचारों से घिर गये हों या आप किसी को लेकर गहरी चिंता में निमग्न हों तो आप सहायता मांगने से पीछे नहीं रहिए, क्योंकि ऐसी सहायता चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है।
हर व्यक्ति का उबरना अलग ढंग से होता है :
आत्महत्या के प्रयास के बाद उबरने का रास्ता सभी के लिए एक समान नहीं होता, यह हर आदमी के लिए भिन्न होता है। इसमें पेशेवर सहयोग, दवाएं, दैनिक कार्यक्रम में बदलाव या काम अथवा स्कूल से छुट्टी शामिल हो सकती है। जीवन को पटरी पर लाने के पथ पर बहुत उतार-चढ़ाव रहते हैं।
आपके नजदीकी जन और स्वयं आपके लिए धैर्य एवं करुणा, भारी बदलाव ला सकते हैं। इस बात को सदा याद रखिए कि आप अकेले नहीं है तथा सहायता हर समय उपलब्ध है।
द कन्वरसेशन माधव सुरेश
सुरेश
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