(अन्ना ब्रोड्सगार्ड शोशन, स्टॉकहोम विश्वविद्यालय)
स्टॉकहोम, 25 दिसंबर (द कन्वरसेशन) आप सर्दियों के मौसम में बीच जंगल में खड़े हैं और तापमान शून्य से नीचे चला गया है। जमीन बर्फ से ढकी हुई है और पेड़ तथा झाड़ियाँ सपाट हैं। आमतौर पर गर्म मौसम में उड़ने या रेंगने वाले कीड़े कहीं नजर नहीं आते।
आप मान सकते हैं कि कीड़े मौसमी बदलाव से नहीं बचे रहते। आखिरकार, तापमान उनके भोजन के लिहाज से बहुत कम होता है और ऐसे में वे जो पौधे या अन्य कीड़े खाएंगे वे वैसे भी दुर्लभ उपलब्ध होंगे।
लेकिन मामला वह नहीं है। दरअसल, वे अभी भी आपके चारों ओर हैं: पेड़ों और झाड़ियों की छाल में, मिट्टी में, और कुछ बर्फ के नीचे पौधों से भी चिपके हो सकते हैं।
बर्फ एक अच्छा कुचालक है – लगभग एक कंबल की तरह।
कीड़े शीतनिद्रा में रहते हैं। वैज्ञानिक इसे ‘‘डायपॉज’’ कहते हैं और इसी तरह कीड़े, जो ज्यादातर मामलों में हम स्तनधारियों की तरह अपनी गर्मी उत्पन्न नहीं कर सकते, सर्दियों के महीनों में जीवित रहते हैं।
सर्दी आ रही है …
तापमान बहुत कम होने से पहले कीड़ों को सर्दियों की तैयारी करनी होती है। कुछ प्रजातियों के लिए, शीतनिद्रा जीवन का एक हिस्सा है। इन प्रजातियों की एक वर्ष में एक पीढ़ी होती है।
हालाँकि, अधिकतर कीटों को शीतनिद्रा में जाने का संकेत केवल अपने वातावरण से ही मिलता है। यह एक प्रजाति को एक वर्ष में कई पीढ़ियाँ पैदा करने की अनुमति देता है जिनमें से केवल एक को सर्दी का अनुभव होता है।
तो, वो इसे कैसे करते हैं?
तापमान कोई विशेष विश्वसनीय संकेत नहीं है। हालाँकि सर्दियों में तापमान ठंडा हो जाता है, लेकिन सप्ताह-दर-सप्ताह इसमें काफी अंतर हो सकता है।
सर्दी कब आएगी इसका सही आकलन करना जीवित रहने के लिए महत्वपूर्ण है। यदि कोई कीट समय पर सही निर्णय लेने में विफल रहता है तो वह जम सकता है या भूखा मर सकता है, या शीतनिद्रा से सुरक्षित रूप से बाहर आने से पहले अपनी मेहनत से अर्जित सारी ऊर्जा खर्च कर सकता है।
लंबी सर्दी का कीड़ा
शीतनिद्रा में कई रणनीतियाँ शामिल होती हैं। ये जंतुओं के इस विशाल वर्ग को, जिसमें लगभग 55 लाख प्रजातियाँ शामिल हैं, पृथ्वी की शांत भूमध्य रेखा से दूर ठंड से निपटने में सक्षम बनाती हैं।
कुछ कीड़े उन स्थानों पर शीतनिद्रा में चले जाते हैं जहां उन पर कम तापमान का ज्यादा असर नहीं होता, जबकि अन्य ठंड से बचने या सहन करने के लिए अपने शरीर के भीतर परिवर्तन से गुजरते हैं।
वर्ष के इस समय में लगभग कोई आहार उपलब्ध नहीं होता और कीड़े आम तौर पर अपनी शीतनिद्रा के दौरान आहार नहीं लेते।
सर्दियाँ महीनों तक चल सकती हैं, इसलिए कीड़ों ने दो रणनीतियाँ विकसित की हैं: सर्दियों से पहले अतिरिक्त वजन बढ़ाना और अपनी चयापचय दर को कम करके धीरे-धीरे इस ऊर्जा भंडार का उपभोग करना।
कई कीड़े अपना पूरा जीवन चक्र (अंडे से लेकर लार्वा, प्यूपा और वयस्क तक) कुछ महीनों से लेकर एक साल के भीतर जी लेते हैं।
कीड़ों में ऊर्जा की खपत भी तापमान पर निर्भर होती है। जैसे ही सर्दियों में थोड़ी गर्मी महसूस होती है, एक कीट शीतनिद्रा समाप्त करने से पहले अपने ऊर्जा भंडार को खत्म करने का जोखिम उठाता है।
(द कन्वरसेशन)
नेत्रपाल नरेश
नरेश
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