नई दिल्ली: यूनाइटेड किंगडम में चल रही फिलिस्तीन समर्थक रैलियों के बीच पुलिस की तीखी आलोचना करने पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने अपनी गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है.
ब्रेवरमैन के स्थान पर जेम्स क्लेवरली को नया गृहमंत्री बनाया गया है. क्लेवरली की नई नियुक्ति के बाद इस खाली पद पर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन को नियुक्त किया गया है.
सुनक ने यह कदम मेट्रोपॉलिटन पुलिस को निशाना बनाने वाला एक विवादास्पद लेख प्रधानमंत्री की अनुमति के बिना एक अखबार में प्रकाशित होने के कुछ दिन बाद उठाया है. अखबार में विवादास्पद लेख के प्रकाशन के बाद से ही ब्रेवरमैन के भविष्य को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं.
अखबार ‘द टाइम्स’ में छपे एक लेख में ब्रेवरमैन ने मेट्रोपॉलिटन पुलिस पर इज़रायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद लंदन में होने वाले प्रदर्शनों से सख्ती से नहीं निपटने का आरोप लगाया था.
गोवा मूल की 43 वर्षीय मंत्री की टिप्पणियों पर अकसर विवाद होता रहा है.
भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक पर ब्रेवरमैन की टिप्पणियों को लेकर उनकी कंजर्वेटिव पार्टी के कई सदस्यों का दबाव था और साथ में उन्हें विपक्ष के हमलों का भी सामना करना पड़ रहा था.
10 अक्टूबर को ब्रेवरमैन ने ब्रिटेन की सड़कों पर फिलिस्तीनी झंडे लहराने करने के लिए पुलिस प्रमुखों को चेतावनी जारी की. एनाडोलु एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि झंडा लहराना ‘‘वैध नहीं हो सकता’’ अगर इसे आतंकवाद के समर्थन के प्रदर्शन के रूप में देखा जाता है.
सुएला ब्रेवरमैन ने विरोध कार्यों के उदाहरण भी दिए जिनके बारे में उनका मानना था कि उन्हें संभावित रूप से सार्वजनिक व्यवस्था का उल्लंघन माना जा सकता है, जिसमें यहूदी पड़ोस को निशाना बनाना, फिलिस्तीन समर्थक या हमास समर्थक प्रतीकों को लहराना और नारे लगाना शामिल है, जिन्हें इज़रायल विरोधी माना जा सकता है.
ब्रेवरमैन ने वीकेंड में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद रविवार शाम एक बयान में कहा, ‘‘हमारे बहादुर पुलिस अधिकारी कल लंदन में प्रदर्शनकारियों की हिंसा और आक्रामकता तथा प्रदर्शनकारियों के विरोध में प्रदर्शन करने वालों से निपटने में अपनी पेशेवर क्षमता के लिए हर सभ्य नागरिक की ओर से धन्यवाद के पात्र हैं. अपने कर्तव्य निर्वहन के दौरान कई अधिकारियों के घायल होने से आक्रोश है.’’
हालांकि, पुलिस के समर्थन में आया उनका यह बयान उनकी ओर से पद बचाने का प्रयास नज़र आया.
हज़ारों फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों ने लंदन और पूरे ब्रिटेन में मार्च निकाला और हमास पर इज़रायल के हमलों को रोकने की मांग की, विशेष रूप से हमास द्वारा 7 अक्टूबर को हमला शुरू करने के बाद इज़रायल ने उसके खिलाफ जवाबी हमला शुरू किया है.
11 नवंबर को इज़रायल-हमास संघर्ष शुरू होने के बाद से लंदन में सबसे बड़े फिलिस्तीन समर्थक मार्च में से एक देखा गया. हज़ारों प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के हाइड पार्क में मार्बल आर्क से वॉक्सहॉल ब्रिज रोड तक मार्च किया और नाइन एल्म्स लेन पर अमेरिकी दूतावास के रास्ते में टेम्स नदी को पार किया. यह मार्च 7 अक्टूबर के हमास हमलों के जवाब में गाज़ा में इज़रायली सेना के ज़मीनी ऑपरेशन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अटूट समर्थन के विरोध में था, जिसमें 1,400 इज़रायली मारे गए और 200 बंधक बनाए गए थे.
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