(डेरिन ली थॉम्पसन, साउथ ऑस्ट्रेलिया विश्वविद्यालय)
एडिलेड, 29 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) लोग अक्सर मानते हैं कि उन्हें घर की धूल से एलर्जी है, लेकिन एलर्जी से पीड़ित 20 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से कई को वास्तव में घर की धूल के सूक्ष्म ‘माइट’ (मकड़ी जैसा बहुत छोटा जंतु जो पेड़-पौधों, पशुओं, कालीनों आदि में छुपा रहता है, इसे एक किस्म का पिस्सू भी कहा जा सकता है) से एलर्जी है।
घर की धूल के माइट मकड़ियों और चिचड़ के परिवार से संबंधित हैं। वे केवल 0.2-0.3 मिमी जितने होते हैं। वे 65-100 दिनों तक जीवित रहते हैं, और मादा अपने जीवन में 60-100 अंडे देती है।
घर की धूल के माइट समशीतोष्ण जलवायु और नमी पसंद करते हैं। वे हमारे और जानवरों की त्वचा की कोशिकाओं को खाते हैं, साथ ही फफूंद को भी खाते हैं, जिसे वे विशेष एंजाइमों का उपयोग करके पचाते हैं।
ये एंजाइम दिन में करीब 20 बार उनके मल में उत्सर्जित होते हैं। वे अपने बाह्यकंकाल के टुकड़े भी बाहर निकालते हैं।
ये सभी टुकड़े इस प्रकार के ‘एलर्जिक राइनाइटिस’ से पीड़ित लोगों में एलर्जी के लक्षणों को बढ़ाते हैं।
क्या लक्षण हैं?
जब घरेलू धूल के माइट की एलर्जी से पीड़ित लोग एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को सांस के माध्यम से अंदर लेते हैं, तो वे वायुमार्ग और आंखों की श्लेष्मा झिल्ली (म्यूकस मेम्ब्रेन) में प्रवेश कर जाते हैं। उनका शरीर एलर्जी को खतरे के रूप में पहचानता है तथा ‘हिस्टामाइन’ नामक रसायन सहित अन्य रसायन छोड़ता है।
इससे नाक बहना, नाक, आंख और गले में खुजली, छींक आना, खांसी आना और गले में बलगम जमने जैसी समस्याएं होती हैं।
इस प्रकार की एलर्जी से पीड़ित लोग आमतौर पर मुंह से सांस लेते हैं, खर्राटे लेते हैं, लगातार अपनी नाक रगड़ते हैं और उनकी आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ जाते हैं।
घरेलू धूल के माइट से होने वाली एलर्जी के कारण ठीक से नींद नहीं आना, लगातार थकान रहना, काम या स्कूल में एकाग्रता में कमी आना तथा जीवन की गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है।
एक्जिमा से पीड़ित लोगों में उनकी क्षतिग्रस्त त्वचा से धूल के माइट के प्रोटीन अंदर चले जाते हैं। यह त्वचा में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को रसायन छोड़ने के लिए प्रेरित करता है, जिससे पहले से ही क्षतिग्रस्त त्वचा और अधिक लाल, दर्दनाक और खुजलीदार हो जाती है और यह स्थिति खासकर बच्चों में होती है।
घर की धूल के माइट से एलर्जी के लक्षण साल भर होते हैं। अक्सर देखा जाता है कि बिस्तर पर जाने के बाद और सुबह जागने पर लक्षण बदतर होते हैं। लेकिन घर की धूल के माइट से एलर्जी और पराग (पॉलेन) एलर्जी से पीड़ित लोगों में लक्षण वसंत में और भी बदतर हो जाते हैं।
इसका निदान कैसे किया जाता है?
घर की धूल के माइट से होने वाली एलर्जी के लक्षण अक्सर कई महीनों या सालों में जाकर उभरते हैं। लेकिन सटीक निदान का मतलब है कि आप न केवल सही उपचार प्राप्त कर सकते हैं – बल्कि यह जोखिम को न्यूनतम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
डॉक्टर और नर्स घरेलू धूल के माइट से होने वाली एलर्जी की जांच के लिए रक्त परीक्षण करा सकते हैं।
इसका इलाज कैसे किया जाता है?
दवाई के विकल्पों में एक या इनका संयोजन शामिल हो सकता है। इनमें दैनिक गैर-शामक औषधि एंटीहिस्टामाइन, नाक में डालने वाला स्टेरॉयड स्प्रे और आंखों में डालने वाले एलर्जी ड्रॉप शामिल हैं।
आपका डॉक्टर आपके लक्षणों को कम करने के लिए राइनाइटिस (हे फीवर) चिकित्सा प्रबंधन योजना बताएगा। यदि आप नाक स्प्रे का उपयोग कर रहे हैं, तो आपका डॉक्टर आपको इसका उपयोग करने का तरीका बताएगा, क्योंकि लोग अक्सर इसका गलत तरीके से उपयोग करते हैं।
यदि आपको अस्थमा या एक्जिमा है, जो धूल के माइट स्थिति को बिगाड़ सकते हैं, तो आपका डॉक्टर इसका प्रबंधन करने वाली योजना में बदलाव करेगा।
यदि आप गंभीर लक्षणों का अनुभव करते हैं, तो दीर्घकालिक विकल्प ‘इम्यूनोथेरेपी’ है। इसका उद्देश्य धीरे-धीरे आपके प्रतिरक्षा तंत्र की उस क्षमता को बंद कर देना है जो धूल के माइट को हानिकारक एलर्जेन के रूप में पहचानती है।
इम्यूनोथेरेपी में प्रतिदिन जीभ के नीचे एक गोली लेना, या कुछ इंजेक्शन लेना शामिल है। ये प्रभावी तो हैं, लेकिन महंगा उपाय है और इसमें समय भी लगता है।
आप घर की धूल के माइट को कैसे कम कर सकते हैं?
एलर्जी न्यूनीकरण के अहम उपाय भी हैं जिन्हें आप अपने घर में एलर्जी को कम करने के लिए अपना सकते हैं।
हर हफ्ते अपने बिस्तर और पहनने के कपड़ों को गर्म पानी (60 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा) में धोएं। इससे घर की धूल के माइट के अंडे और मल निकल जाता है।
द कन्वरसेशन
नोमान नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.