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Tuesday, 7 October, 2025
होमविदेश'यह सरकार भी गिरा देंगे' — क्यों Gen Z नेपाल की नई पीएम सुशीला कार्की के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं

‘यह सरकार भी गिरा देंगे’ — क्यों Gen Z नेपाल की नई पीएम सुशीला कार्की के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं

हामी नेपाल समूह के नेता सुदान गुरुंग ने प्रधानमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, क्योंकि उन्होंने उनसे सलाह लिए बिना तीन प्रमुख मंत्रियों की नियुक्ति की. गुरुंग का कहना है कि वे संसद भंग करके नए नेताओं की अंतरिम सरकार चाहते हैं.

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काठमांडू: रविवार देर रात बालुवाटार स्थित नेपाल के प्रधानमंत्री आवास के बाहर तनाव फैल गया जब ‘फिलांथ्रोपिस्ट’ सुदान गुरुंग और उनकी हामी नेपाल ग्रुप ने अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की के इस्तीफे की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध तब हुआ जब कार्की ने सिर्फ दो दिन पहले जेन जेड की पसंद के तौर पर शपथ ली थी. प्रदर्शनकारियों में हाल ही में जेन जेड आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवार भी शामिल थे. उन्होंने नारे लगाए — “मृतकों पर राजनीति मत करो” और “प्रधानमंत्री इस्तीफा दो”.

यह विरोध उस असंतोष के बाद हुआ जब कार्की ने तीन अहम मंत्रियों की नियुक्ति कथित तौर पर हामी नेपाल से सलाह किए बिना कर दी. नए मंत्रियों में शामिल हैं: काठमांडू के मेयर बालेन शाह के कानूनी सलाहकार ओम प्रकाश अर्याल, जिन्हें गृह मंत्री बनाया गया. पूर्व वित्त सचिव रमेश्वर खनाल को वित्त मंत्री बनाया गया. और पूर्व बिजली प्राधिकरण के सीईओ कुलमान घिसिंग को ऊर्जा मंत्री बनाया गया.

8 सितंबर को काठमांडू से शुरू होकर अगले हफ्ते देशभर में फैलने वाले प्रदर्शनों के बाद नेपाल अनिश्चितता और सत्ता के खालीपन की स्थिति में चला गया. इन प्रदर्शनों का नेतृत्व हामी नेपाल ने किया, जो युवाओं द्वारा संचालित संस्था है जिसने व्यापक राजनीतिक सुधार की मांग करते हुए राष्ट्रीय आंदोलन छेड़ा.

हामी नेपाल के नेता सुदान गुरुंग और उनके समर्थक लगातार संसद भंग करने और जेन जेड की जनसंख्या को प्रतिबिंबित करने वाली एक अंतरिम सरकार की स्थापना की मांग कर रहे थे.

हालांकि मंत्रियों की नियुक्ति का उद्देश्य सक्षम तकनीकी विशेषज्ञों को लाना था, लेकिन सुदान गुरुंग ने इस प्रक्रिया की आलोचना की. उन्होंने खास तौर पर ओम प्रकाश अर्याल को निशाना बनाया और गुस्से में कहा, “यह ओम प्रकाश वकील अंदर बैठकर खुद को गृह मंत्री बना रहा है”. उन्होंने उन पर युवाओं के गठबंधन को दरकिनार करने का आरोप लगाया.

हामी नेपाल के समर्थकों का दावा है कि जेन जेड आंदोलन, जिसने बड़े राजनीतिक बदलाव लाए और सुशीला कार्की को ऊपर पहुंचाने में मदद की, अब राजनीतिक अंदरूनी लोगों द्वारा हाइजैक कर लिया गया है.

प्रधानमंत्री आवास के बाहर बोलते हुए गुरुंग ने ऐलान किया, “नेपाल के सबसे ताकतवर लोग जनता हैं. कोई हमें रोक नहीं सकता. मैं उन्हें उस जगह से नीचे खींच लूंगा जहां हमने उन्हें बिठाया है”. उन्होंने अपने समूह और नई बनी सरकार के बीच बढ़ती खाई की ओर इशारा किया.

प्रेस कॉन्फ्रेंस में हंगामा

रविवार को काठमांडू के रिपोर्टर्स क्लब में सुदान गुरुंग द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस हिंसक हो गई. राष्ट्रपति कार्यालय में हुई पर्दे के पीछे की बातचीत का जिक्र करते हुए गुरुंग ने चेतावनी दी: “अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं तो यह सरकार भी गिरा दी जाएगी.”

जब पत्रकारों ने कार्यक्रम के दौरान गुरुंग को चुनौती दी तो बहस गरमा गई. बताया गया कि उन्होंने धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके चलते उनके समर्थकों और पत्रकारों के बीच हाथापाई हो गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस धक्कामुक्की के बीच खत्म हुई.

गुरुंग ने स्पष्ट किया कि GenZ आंदोलन नेपाल के संविधान को खत्म करना नहीं चाहता, बल्कि उसमें संशोधन की मांग करता है. उन्होंने समूह की मुख्य मांगों को दोहराया: मौजूदा संसद का विघटन, GenZ की आकांक्षाओं को दर्शाने वाली अंतरिम सरकार का गठन और नए, सक्षम व भ्रष्टाचार मुक्त नेताओं द्वारा शासन.

हालांकि शुरुआत में उन्होंने कर्की का समर्थन किया था, यहां तक कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल द्वारा शीतल निवास (राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास) में शपथ दिलाए जाने के बाद उनके पैरों में झुककर आशीर्वाद भी लिया था. लेकिन अब वे आलोचनात्मक रुख में हैं. उन्होंने कहा: “हम प्रधानमंत्री नहीं चाहते। हमें सरकार नहीं चाहिए. अगर चाहिए होती तो मैं खुद यह पद ले लेता. हमें बदलाव चाहिए. कुर्सी पर पहुंचने के बाद घमंड नहीं होना चाहिए. अब हर नेपाली की आवाज सुनी जानी चाहिए.”

इसके बाद उन्होंने राजनीतिक दलों से नए नेताओं को अपनाने की अपील की और पुराने नेताओं से सार्थक सुधार के लिए पीछे हटने का आग्रह किया.

Gen Z के दूसरे युवा आइकॉन, रैपर और काठमांडू के मेयर बालेन शाह ने भी सुशीला कर्की को पीएम बनाने का समर्थन किया था. शाह का नेपाल के युवाओं पर गहरा प्रभाव है. 2022 में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उन्होंने नेपाल की प्रमुख पार्टियों—नेपाली कांग्रेस और नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (UML)—के प्रत्याशियों को हराकर काठमांडू के 15वें मेयर बने थे.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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