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Friday, 22 November, 2024
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‘तीन युद्धों के बाद हमने सबक सीख लिया है’, शाहबाज शरीफ ने कहा- हम भारत से शांति चाहते हैं

शरीफ ने सोमवार को प्रसारित इंटरव्यू में कहा, "हमने अपना सबक सीख लिया है और हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं, बशर्ते हम अपनी वास्तविक समस्याओं को हल करने में सक्षम हों."

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नई दिल्लीः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ “कश्मीर जैसे ज्वलंत मुद्दों” पर “गंभीर और समझदारीपूर्ण बातचीत” की इच्छा जताई है. दुबई स्थित अल अरेबिया टीवी के साथ एक साक्षात्कार में, शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्धों के बाद अपना सबक सीख लिया है और जोर देकर कहा कि अब वह अपने पड़ोसी के साथ शांति चाहता है.

शरीफ ने कहा, “भारतीय नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी को मेरा संदेश है कि आइए टेबल पर बैठें और कश्मीर जैसे हमारे ज्वलंत बिंदुओं को हल करने के लिए गंभीर और समझदारी से बातचीत करें. यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें या एक दूसरे के साथ झगड़ा करें और समय व संसाधन बर्बाद करें.” दुबई स्थित अरबी समाचार चैनल के साथ एक साक्षात्कार में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए हैं, और वे केवल लोगों के लिए अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी लाए हैं.”

शरीफ ने सोमवार को प्रसारित इंटरव्यू में कहा, “हमने अपना सबक सीख लिया है और हम भारत के साथ शांति से रहना चाहते हैं, बशर्ते हम अपनी वास्तविक समस्याओं को हल करने में सक्षम हों.”

जहां एक ओर पाकिस्तान एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और आटा व ईंधन की कमी के कारण सरकार को जनता के असंतोष का भी सामना करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर गैर-कानूनी करार दिए गए आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा आतंकवादी हमलों का भी सामना करना पड़ रहा है.

शरीफ ने अल अरबिया को दिए साक्षात्कार में कहा, “भारत हमारा पड़ोसी देश है, हम पड़ोसी हैं. भले ही हम अपनी पसंद से पड़ोसी न हों, लेकिन हमें हमेशा एक साथ रहना होगा. और यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और प्रगति करें या एक-दूसरे से झगड़ा करें और समय व संसाधन बर्बाद करें.”

शरीफ ने कश्मीर का मुद्दा भी उठाया और कहा, “पाकिस्तान शांति चाहता है लेकिन कश्मीर में जो हो रहा है उसे रोका जाना चाहिए.”

सोमवार को @AlArabiya_shows के ट्विटर हैंडल पर अपलोड किए गए इंटरव्यू में पाकिस्तान के नेता ने कहा कि दोनों देशों में इंजीनियर, डॉक्टर और कुशल मजदूर हैं. “हम समृद्धि के लिए इन संपत्तियों का उपयोग करना चाहते हैं और क्षेत्र में शांति लाना चाहते हैं ताकि दोनों देश विकसित हो सकें.”

उन्होंने कहा, “पाकिस्तान बमों और गोला-बारूद पर संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहता है. हम परमाणु शक्तियां हैं, और अगर भगवान न करे, युद्ध छिड़ जाए, तो जो होगा उसे बताने के लिए कौन जीवित रहेगा?”

भारत ने पिछले साल नवंबर में पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र की डिबेट के दौरान कश्मीर के मुद्दे को उठाने पर उस पर निशाना साधा था, और इसे “झूठ फैलाने की कोशिश” करार दिया था.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान जवाब देने के अधिकार में संयुक्त राष्ट्र को भारत के अधिकार पर यूएन में भारत के स्थाई मिशन प्रतीक माथुर ने कहा, “आज जब हम यूएनएससी सुधारों पर चर्चा करने के लिए मिल रहे हैं, तो पाकिस्तान के एक प्रतिनिधि ने फिर से जम्मू-कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है. जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, भले ही पाकिस्तान का प्रतिनिधि कुछ भी मानता हो.”

बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मामलों के मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने जम्मू-कश्मीर में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन के बारे में बात की थी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान पाकिस्तान के दावों पर भारत की प्रतिक्रिया आई.


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