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Friday, 17 May, 2024
होमविदेश'हम सभी तरह के आतंवकवाद की निंदा करते हैं', खालिस्तान के एक्टिविस्टों पर अमेरिका ने कहा

‘हम सभी तरह के आतंवकवाद की निंदा करते हैं’, खालिस्तान के एक्टिविस्टों पर अमेरिका ने कहा

उन्होंने ये बातें तब कही जब उनसे उन खालिस्तानी एक्टिविस्टों के बारे में अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया जो उत्तरी अमेरिका में सक्रिय हैं और जो 1985 में एयर इंडिया पर बमबारी के लिए जिम्मेदार थे.

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वाशिंगटन (अमेरिका) : खालिस्तान के बारे में पूछे जाने पर विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की है, जिसमें वे शामिल हैं जो अपने मकसद को पाने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं, चाहे वे राजनीतिक हों या कोई और.

‘लिहाजा हम आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं. हम आतंकवाद की निंदा करते हैं; हम हिंसात्मक अतिवाद की निंदा करते हैं. हम उन सभी की निंदा करते हैं जो अपने लक्ष्य को पाने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं, चाहे वह राजनीतिक हो या कोई और. हिंसा का सहारा लेने का कोई औचित्य नहीं. मोटिवेशन की परवाह के बिना, अपराधी की परवाह के बिना, हम पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद को खतरे के रूप में मानते हैं, चाहे वह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए हो या हमारी अपनी सुरक्षा के लिए हो, असाधारण रूप से गंभीर है.’

प्राइस ने बुधवार को (स्थानीय समयानुसार) प्रेसवार्ता में कहा.

उन्होंने ये बातें तब कही जब उनसे उन खालिस्तानी एक्टिविस्टों के बारे में अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया जो उत्तरी अमेरिका में सक्रिय हैं और जो 1985 में एयर इंडिया पर बमबारी के लिए जिम्मेदार थे.

ऑस्ट्रेलिया में संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों द्वारा मंदिरों में तोड़फोड़ किए जाने के बाद इस अलगाववादी संगठन की गतिविधियों में तेजी आने की आशंका है.

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21 फरवरी की रात ब्रिस्बेन में संदिग्ध खालिस्तान समर्थकों द्वारा कथित रूप से भारतीय वाणिज्य दूतावास में तोड़फोड़ करने के बाद चिंताएं और बढ़ गई हैं.

6-7 मार्च को हुए यूएस-पाकिस्तान काउंटर टेररिज्म डायलॉग पर मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए, विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘लिहाजा, आतंकवाद विरोधी अमेरिका-पाकिस्तान वार्ता- संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आतंकवादी खतरों और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने को लेकर पाकिस्तान के साथ काम करने की हमारी इच्छा व्यक्त करने का एक अवसर प्रदान करती है. वे खतरे जो इस क्षेत्र में हैं, ऐसे खतरे जिनमें इस क्षेत्र के आगे जाने की भी क्षमता है. क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरों का मुकाबला करने में हमारा साझा हित है. आतंकवाद से मुक्त, एक स्थिर और सुरक्षित दक्षिण और मध्य एशिया का लक्ष्य, काफी हद तक पाकिस्तान के साथ हमारी साझेदारी की ताकत पर निर्भर करता है.’

उन्होंने कहा, ‘संवाद, लचीले सुरक्षा संबंध के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता है और क्षेत्रीय व वैश्विक स्थिरता को खतरा पैदा करने वाले सभी आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए हम एक साथ कदम उठा सकते हैं. अमेरिका इन चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी साझेदारी का विस्तार करना चाहता है. कोई भी समूह जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा है, निश्चित रूप से हमारे लिए चिंता का विषय है. यह कुछ ऐसा है जिस पर हम इस आतंकवाद विरोधी संवाद के संदर्भ में चर्चा करते हैं.’

इससे पहले, यूएस इंटेलिजेंस कम्युनिटी ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, संभव है कि भारत कथित या वास्तविक पाकिस्तानी उकसावों का पहले की तुलना में सैन्य बल से जवाब दे सकता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संकट अधिक चिंताजनक है क्योंकि दोनों परमाणु-सशस्त्र देश हैं. हालांकि, पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकी समूहों को लंबे समय से समर्थन का इतिहास रहा है. खतरे के आकलन की रिपोर्ट में कहा गया है कि लेकिन, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अतीत की तुलना में कथित या वास्तविक पाकिस्तानी उकसावे का भारत द्वारा सैन्य बल के जरिए जवाब देने की अधिक संभावना है.


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