(क्रेग शेरिडन, चेयर प्रोफेसर, विटवाटरसैंड विश्वविद्यालय)
विटवाटरसैंड (दक्षिण अफ्रीका), 28 फरवरी (द कन्वरसेशन) जोहान्सबर्ग के नागरिकों को पर्याप्त पानी क्यों नहीं मिलता?
प्रत्येक प्रांत के लिए जल आवंटन की मात्रा बांधों में उपलब्ध पानी की मात्रा (जो हमारी भविष्य की जरूरतों को भी पूरा करे) और उस प्रांत में लोगों की संख्या पर आधारित होती है। फिलहाल वाल बांध 70 फीसदी भरा है।
रैंड वॉटर – क्षेत्र का थोक जल आपूर्तिकर्ता – जल और स्वच्छता विभाग से पानी खरीदता है, जो उसे केवल एक निश्चित मात्रा में ही बेचेगा। रैंड वाटर मुख्य रूप से क्षेत्र के सबसे बड़े वाल बांध से पानी लेता है और इसे पीने योग्य गुणवत्ता वाला बनाता है। इसके बाद यह जोहान्सबर्ग और प्रिटोरिया (और अन्य शहरों और कस्बों) को पानी बेचता है जो गौतेंग में हैं, जो दक्षिण अफ्रीका के नौ प्रांतों में सबसे छोटा है और इसका औद्योगिक गढ़ है।
शहर अपनी वितरण प्रणालियों के माध्यम से अपने निवासियों को पानी बेचते हैं।
रैंड वाटर को जल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा निर्धारित मात्रा से अधिक की आपूर्ति करने की अनुमति नहीं है। लेकिन राष्ट्रीय सरकार द्वारा जो आवंटित किया गया है और ज़मीनी स्तर पर जो आवश्यक है, उसके बीच एक बेमेल है। ऐसा इसलिए है क्योंकि राष्ट्रीय सरकार भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखती है।
अधिक पानी की आपूर्ति के लिए नये बाँध क्यों नहीं बनाये जा सकते?
ऐसा करने की योजना है, लेकिन लेसोथो हाइलैंड्स योजना का अगला चरण (चरण 2) निर्धारित समय से आठ साल पीछे है। लेसोथो हाइलैंड्स जल परियोजना दक्षिण अफ्रीका के गौतेंग क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराने और लेसोथो के लिए जल-विद्युत उत्पन्न करने के लिए एक बहुराष्ट्रीय परियोजना है। बांध के डिजाइन पर काम 2017 में शुरू हुआ और निविदा डिजाइन 2020 के दौरान पूरा हो गया। निर्माण 2028 में पूरा होने की उम्मीद है।
यह आठ साल की देरी मोटे तौर पर उस अवधि के साथ मेल खाती है जिसके दौरान गौतेंग की जनसंख्या एक करोड़ 20 लाख से बढ़कर एक करोड़ 51 लाख हो गई। 2023 में प्रांत में तीस लाख से अधिक लोगों (या 25%) की वृद्धि हुई और आबादी के लिए जल भंडारण उतना ही था, क्योंकि बांध नहीं बनाया गया था।
अब जोहान्सबर्ग के निवासियों सहित प्रांत में सभी के लिए पानी काफी कम हो गया है।
जोहान्सबर्ग निवासी पानी पाने के लिए संघर्ष क्यों कर रहे हैं?
जोहान्सबर्ग शहर की वित्तीय स्थिति ख़राब चल रही है। जल अवसंरचना के लिए रखरखाव बिल प्रति वर्ष दस करोड़ 50 लाख अमेरिकी डॉलर है, लेकिन केवल पांच करोड़ 20 लाख डॉलर आवंटित किया जाता है। रखरखाव की जरूरतें नियंत्रण से बाहर होती जा रही हैं। शहर प्रशासन निवासियों को पानी, बिजली, सीवेज और अन्य सेवाओं के लिए बिल भेजता है। हालाँकि, उसे प्राप्त होने वाली धनराशि बिल के अनुरूप नहीं होती है। अन्य परियोजनाएँ भी उसी धन के लिए प्रतिस्पर्धा में होती हैं।
चूँकि बुनियादी ढाँचा पुराना हो रहा है (उदाहरण के लिए पार्कवुड के उपनगर में बुनियादी ढाँचा 70 साल से अधिक पुराना है), पाइप जंग खाकर टूट जाते हैं। जब वे टूटते हैं, तो उनमें रिसाव होता है, कभी-कभी उनकी मरम्मत से पहले ही बहुत बड़ी मात्रा में पानी निकल जाता है। जब शहर मरम्मत के लिए निवासियों के अनुरोधों का जवाब देता है, तो प्रतिक्रिया, यदि आती है, तो अक्सर बहुत कम होती है और काम खराब तरीके से किया जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि ठेकेदारों ने काम सही ढंग से किया है, शहर द्वारा बहुत कम निगरानी या जवाबदेही है और मरम्मत अक्सर लंबे समय तक नहीं चलती है।
साथ ही, डेढ़ करोड़ लोग बहुत कम लोगों के लिए डिज़ाइन की गई प्रणाली पर भरोसा कर रहे हैं। जब हर कोई पानी का उपयोग करना शुरू कर देता है, तो सब के लिए पर्याप्त पानी नहीं बचता है।
इस चर्चा में एक अतिरिक्त कारक भी है: गैर-राजस्व जल। यह शब्द उस पानी के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसका शहर द्वारा बिल नहीं किया जाता है – दूसरे शब्दों में, मुफ्त पानी, अनधिकृत खपत या रिसाव के कारण बर्बाद होने वाला पानी। यह वह पानी है जो रैंड वाटर द्वारा आपूर्ति किया जाता है, लेकिन मूलतः ‘‘वित्तीय रूप से नष्ट’’ हो जाता है।
दक्षिण अफ़्रीका में सरकार प्रत्येक परिवार को प्रति माह 6,000 लीटर का मुफ़्त बुनियादी भत्ता देती है।
गौतेंग में 49.2% गैर-राजस्व पानी है – दूसरे शब्दों में, प्रांत के शहरों को आपूर्ति किए जाने वाले लगभग आधे पानी के लिए (शहरों द्वारा) शुल्क नहीं लिया जा सकता क्योंकि यह मूल भत्ते का हिस्सा है, लीकेज के कारण बर्बाद हो गया है या चोरी हो गया है। तुलनात्मक रूप से, डेनमार्क में लगभग 7% गैर-राजस्व जल है। चिली, जो परिवर्तनशील जलवायु वाला देश है, में शहरी गैर-राजस्व जल लगभग 32% है।
गैर-राजस्व जल में से गौतेंग के लिए रिसाव वाला हिस्सा आधा है। दूसरे शब्दों में, रैंड वाटर द्वारा गौतेंग को प्रदान किए गए प्रत्येक चार लीटर के लिए, एक लीटर रिसाव (शहर की गलती) के माध्यम से बर्बाद हो जाता है और एक लीटर या तो मुफ्त में दे दिया जाता है (सार्वजनिक भलाई), चोरी हो जाता है (जनता की गलती), या इसका हिसाब नहीं दिया जाता है। इसका मतलब यह है कि जो पानी प्रदान किया गया है उसका केवल आधा ही शुल्क लिया जा सकता है।
अब पानी के उपयोग की बात करें। गौतेंग में औसत खपत 279 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन है। यह है:
वैश्विक औसत से 60% अधिक
किसी भी प्रांत में सबसे ज्यादा
देश के औसत से 27% ज्यादा।
गौतेंग के नागरिक बहुत अधिक पानी उपयोग करते हैं, बहुत अधिक बर्बादी करते हैं और पीने के पानी की बहुत अधिक चोरी होती है। परिणामस्वरूप सामाजिक समझौता टूट रहा है।
इस समझौते को बहाल करने के लिए, शहर को जल नेटवर्क को ठीक करने और यहां तक कि नवीनीकृत करने के लिए सही और उचित रखरखाव खर्च आवंटित करके, गैर-राजस्व जल पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। साथ ही नागरिकों को अपने स्वयं के पानी के उपयोग और इसे कैसे कम किया जाए, इस पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
केप टाउन के नागरिकों को 2018 में पांच साल के सूखे के दौरान नलों के स्थायी रूप से सूखने की संभावना का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पानी की खपत बहुत सीमित करने के लिए लोगों को पानी के प्रति बहुत जागरूक होना पड़ा।
यदि निर्बाध जलापूर्ति चाहिए तो इसे परंपरा के तौर पर अपनाना होगा।
द कन्वरसेशन एकता एकता
एकता
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