(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 22 मई (भाषा) प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बृहस्पतिवार को पहलगाम आतंकवादी हमले को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध की स्थिति ‘‘बहुत खतरनाक मोड़’’ ले सकती थी।
भारत ने छह मई की देर रात ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकवादी ढांचे नष्ट कर दिए थे। भारत की कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान ने आठ, नौ और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। भारतीय सेना ने इसके बाद पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर जवाबी कार्रवाई की थी।
दोनों पक्ष के बीच चार दिनों के संघर्ष के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।
शहबाज ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘पहलगाम की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, लेकिन दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति किसी भी समय बहुत खतरनाक मोड़ ले सकती थी।’’
इस कार्यक्रम में उन्होंने सैन्य संघर्ष के दौरान मारे गए नागरिकों के परिजनों और घायलों को मुआवजे के चेक वितरित किए।
शहबाज ने दावा किया कि पाकिस्तान ने हमले की निष्पक्ष जांच की पेशकश की थी, लेकिन भारत ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान पहलगाम घटना की अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए तैयार था, लेकिन इस पर सहमत होने के बजाय भारत ने पाकिस्तान पर हमला कर दिया, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया।’’
शहबाज ने दावा किया कि पाकिस्तान ने 1971 के युद्ध की हार का बदला ले लिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तान का विभाजन हुआ और बांग्लादेश के रूप में नया देश बना, जिसे पहले पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था।
प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने केवल सैन्य प्रतिष्ठानों को ही निशाना बनाया।
भाषा धीरज सुरेश
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