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पंजाब में वांछित आतंकवादी पासिया अमेरिका में गिरफ्तार, आईएसआई और बीकेआई से हैं उसके संबंध

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न्यूयॉर्क/चंडीगढ़, 18 अप्रैल (भाषा) गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरप्रीत सिंह उर्फ ​​हैप्पी पासिया को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पासिया जो पंजाब में कई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में वांछित था और उस पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी समूह बीकेआई के साथ संबंध रखने का आरोप है।

अमेरिकी संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी ने बताया कि अवैध रूप से अमेरिका में प्रवेश करने वाले पासिया उर्फ ​​जोरा को संघीय जांच एजेंसी (एफबीआई) और अमेरिकी आव्रजन एवं सीमा शुल्क प्रवर्तन के प्रवर्तन एवं निष्कासन अभियान के दौरान सैक्रामेंटो में गिरफ्तार किया गया।

एफबीआई सैक्रामेंटो ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक बयान में कहा, ‘‘एफबीआई और ईआरओ ने भारत के पंजाब में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार एक कथित आतंकवादी हरप्रीत सिंह को आज सैक्रामेंटो में गिरफ्तार कर लिया। वह दो अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों से जुड़ा है। वह अमेरिका में अवैध रूप से घुसा और पकड़े जाने से बचने के लिए उसने ‘बर्नर फोन’ का इस्तेमाल किया।’’

एफबीआई सैक्रामेंटो ने बताया कि भारत की राजधानी नयी दिल्ली में एफबीआई के ‘लीगल अताशे’ कार्यालय के एजेंट ने सैक्रामेंटो को सूचित किया कि पासिया भारत के पंजाब में कई आतंकवादी हमलों के सिलसिले में वांछित था।

एफबीआई सैक्रामेंटो ने कहा, ‘‘वह पकड़े जाने से बचने के लिए ‘बर्नर फोन’ और ‘एन्क्रिप्टेड (सुरक्षित डेटा वाले) ऐप्लिकेशन’ का इस्तेमाल कर रहा था। यह मामला वैश्विक सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वालों को पकड़ने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व को पुष्ट करता है।’’

पंजाब में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पासिया राज्य में 14 ग्रेनेड हमलों सहित 16 आतंकवादी हमलों की साजिश रचने के मामले में वांछित है और उस पर खालिस्तानी आतंकवादी समूह बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के साथ सहयोग करने का भी संदेह है।

भारत की एजेंसी राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने जनवरी में गैंगस्टर हरप्रीत पर पांच लाख रुपये का नकद इनाम घोषित किया था। वह चंडीगढ़ में पिछले साल सितंबर में एक घर पर हथगोले से हमला करने के मामले में वांछित है।

पासिया और पाकिस्तान के आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ ​​रिंदा उन चार आरोपियों में शामिल हैं जिनके नाम एनआईए ने आरोपपत्र में शामिल किए हैं।

पंजाब पुलिस की जांच में पाया गया कि पासिया ने अपने स्थानीय सहयोगियों के माध्यम से आरोपियों को विस्फोटक, हथियार और अन्य सहायता उपलब्ध कराई थी।

सितंबर 2024 में किये गए हमले का उद्देश्य पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को निशाना बनाना था, जिनके बारे में हमलावरों का मानना ​​था कि वे चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित घर में रहते थे।

पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए दस्तावेजों के अनुसार, पासिया के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में कुल 33 प्राथमिकी दर्ज हैं और 10 ‘लुकआउट सर्कुलर’ जारी किए गए हैं।

पासिया अमृतसर जिले के पशिया गांव का रहने वाला है। वह अप्रैल 2018 में दुबई गया था और फरवरी 2019 में भारत लौट आया था। वह अक्टूबर 2020 में लंदन चला गया था और वहां से अमेरिका गया था।

पासिया शुरू में जग्गू भगवानपुरिया गिरोह के सदस्यों के साथ जुड़ा हुआ था, जिसमें अमेरिका स्थित सहयोगी दरमनजोत सिंह (दरमन कहलों) और अमृतपाल सिंह (अमृत बाल) शामिल थे।

भगवानपुरिया गिरोह से जुड़ने के बाद वह संगठित अपराध की दुनिया में आया और बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के घोषित आतंकवादी रिंदा के भी संपर्क में आया।

बाद में रिंदा ने पासिया को आतंकी हमलों को अंजाम देने के काम में लगाया था।

पंजाब पुलिस द्वारा तैयार डोजियर के अनुसार, सितंबर और अक्टूबर 2023 के बीच, पासिया ने रिंदा के साथ गठजोड़ करके भारत के पंजाब में जबरन वसूली और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दिया।

इसके मुताबिक उन्होंने बटाला और अमृतसर में शराब ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली के लिए उनके प्रतिष्ठानों पर आगजनी व गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया ताकि उनके मन में भय व्याप्त हो जाए।

पंजाब पुलिस ने रिंदा-पासिया नेटवर्क द्वारा समर्थित कई आतंकी और आपराधिक मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। इन मॉड्यूल का गठन हिंदू समूहों के नेताओं, पुलिस प्रतिष्ठानों, पंजाब पुलिस के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों, हिंदू समूहों द्वारा निकाले गए जुलूसों को निशाना बनाने और अमृतसर-बटाला क्षेत्र के शराब ठेकेदारों से जबरन वसूली कर आतंकवाद के लिए धन जुटाने के लिए किया गया था।

डोजियर के मुताबिक पासिया और रिंदा ने गठजोड़ कर नेटवर्क बनाया था जिसका उद्देश्य पूरे पंजाब में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना था।

पासिया की पंजाब में प्रमुख व्यक्तियों को निशाना बनाने के उद्देश्य से आतंकवादी मॉड्यूल की योजना बनाने और उसे संचालित करने में भी अहम भूमिका थी।

बीकेआई ने 2024 के अंत और 2025 की शुरुआत के बीच पंजाब भर में 16 आतंकवादी हमलों की साजिश रची थी, जिनमें 14 हमले हथगोले से किए गए, एक संवर्धित विस्फोटक उपकरण (आईईडी) हमला और पुलिस प्रतिष्ठानों और अधिकारियों के आवासों को निशाना बनाकर एक रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) हमला शामिल है।

एक अहम घटना में 23 नवंबर, 2024 को अजनाला पुलिस थाना के पास एक आईईडी लगाना और 6 और 7 अप्रैल की रात को गुरदासपुर जिले में किला लाल सिंह पुलिस प्रतिष्ठान पर आरपीजी हमला शामिल था।

डोजियर में कहा गया है कि इन हमलों का समन्वय पासिया ने रिंदा के निर्देशन में किया था और इसमें अमेरिका में बैठे उसके अन्य सहयोगियों – गुरदेव सिंह जैसल पहलवान, गुरप्रीत सिंह उर्फ ​​गोपी नवांशहरिया और जर्मनी स्थित स्वर्ण सिंह उर्फ ​​जीवन फौजिया तथा अन्य स्थानीय लोगों ने मदद की थी।

रिंदा-पासिया नेटवर्क अक्सर मादक पदार्थ की लत से जूझ रहे किशोरों को धन और मादक पदार्थों के बदले में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भर्ती करता रहा है।

दिसंबर 2024 में, पंजाब पुलिस ने अजनाला पुलिस थाना में आईईडी लगाने में संलिप्त 17 वर्षीय एक किशोर को गिरफ्तार किया, जिसने मादक पदार्थ और नकदी के वादे के साथ इस आतंकवादी गतिविधि में शामिल होने के लिए बरगलाने की बात स्वीकार की थी।

भाषा धीरज वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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