scorecardresearch
Sunday, 22 December, 2024
होमविदेशपुतिन बोले- सैन्य कार्रवाई लोगों के लिए त्रासदी, रूस ने यूक्रेन के साथ शांति समझौतों से कभी मना नहीं किया

पुतिन बोले- सैन्य कार्रवाई लोगों के लिए त्रासदी, रूस ने यूक्रेन के साथ शांति समझौतों से कभी मना नहीं किया

G20 लीडर्स समिट में रूस के राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को इस त्रासदी के बारे में सोचना चाहिए कि इसे कैसे रोका जाए.

Text Size:

मॉस्को (रूस) : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को कहा कि मॉस्को ने कभी भी कीव के साथ शांति समझौतों से इनकार नहीं किया है और वार्ता प्रक्रिया से बाहर निकलने के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराया.

उन्होंने सैन्य कार्रवाई को लोगों के लिए त्रासदी बताया और इस बात पर जोर दिया कि दुनिया को इस बारे में सोचना चाहिए कि इस त्रासदी को कैसे रोका जाए.

G20 लीडर्स समिट में अपने वर्चुअल संबोधन में पुतिन ने कहा कि कुछ नेताओं ने अपने भाषणों में कहा कि वे “यूक्रेन में रूस की जारी आक्रामकता से हैरान हैं.”

पुतिन ने कहा, “बेशक, सैन्य कार्रवाई हमेशा लोगों, परिवारों और पूरे देश के लिए एक त्रासदी होती है. और, निश्चित रूप से, हमें इस बारे में सोचना चाहिए कि इस त्रासदी को कैसे रोका जाए.”

उन्होंने कहा, “वैसे, रूस ने कभी भी यूक्रेन के साथ शांति वार्ता से इनकार नहीं किया है. यह रूस नहीं है, बल्कि यूक्रेन है, जिसने सार्वजनिक रूप से घोषणा की है कि वह वार्ता प्रक्रिया से हट रहा है. और इसके अलावा, देश के प्रमुख द्वारा रूस के साथ ऐसी वार्ता पर रोक लगाने वाले एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए गए थे.”

पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि दुनिया की स्थिति पर सामूहिक और सर्वसम्मति वाले निर्णयों की आवश्यकता है जो विकसित और विकासशील देशों समेत अधिकांश अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय को प्रतिबिंबित करता हो.

उन्होंने कहा, “अब वैश्विक अर्थव्यवस्था और पूरी दुनिया की स्थिति को लेकर सामूहिक, सर्वसम्मति वाले निर्णयों की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विशाल बहुमत- विकसित और विकासशील दोनों देशों- की राय को प्रतिबिंबित करता हो.”

उन्होंने कहा, “दुनिया अमूल-चूल परिवर्तन की प्रक्रियाओं से गुजर रही है. वैश्विक आर्थिक विकास के नए शक्तिशाली केंद्र उभर रहे हैं और मजबूत हो रहे हैं. वैश्विक निवेश, व्यापार और उपभोग गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एशियाई, अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी क्षेत्रों में शिफ्ट हो रहा है, जहां दुनिया की आबादी का ज्यादातर हिस्सा रहता है.”

उन्होंने कहा कि मुफ़्त रूसी अनाज वाले पहले जहाज़ अफ़्रीका भेजे गए थे. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि बाजार में उथल-पुथल बढ़ती जा रही है. पुतिन ने कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था “कुछ देशों की गलत सोच वाली व्यापक आर्थिक नीतियों का प्रत्यक्ष परिणाम” महसूस कर रही है.

उन्होंने कहा, “बाज़ारों में उथल-पुथल बढ़ रही है. अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय क्षेत्र, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा में पुरानी समस्याएं बदतर हो रही हैं. वैसे, रूस इस क्षेत्र में अपने सभी फर्ज को पूरा करता है और सबसे बड़े खाद्य निर्यातकों में से एक बना हुआ है. और आज, मैं आपको उदाहरण के लिए, बताना चाहता हूं कि जरूरतमंद देशों के लिए, मुफ्त रूसी अनाज वाले पहले जहाज अफ्रीका भेजे गए हैं.”

पुतिन ने कहा कि अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के लिए व्यापार पर “गैरकानूनी प्रतिबंध” का नकारात्मक प्रभाव जारी है. उन्होंने इसको लेकर नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन प्रणाली के विस्फोट के बारे में भी बात की.

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करने के लिए व्यापार पर गैरकानूनी प्रतिबंध और कुछ देशों के पक्षपाती-जलवायु एजेंडे का नकारात्मक प्रभाव जारी है. प्रतिस्पर्धियों को खत्म करने और लाभ हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा के अनुचित तरीकों अपनाए जाते हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “मेरा मतलब है, विशेष रूप से, न केवल परिवहन और ट्रांसपोर्ट चेन व अंतर्राष्ट्रीय भुगतान चैनलों का विनाश, बल्कि स्टेट टेररिज्म के कृत्य भी. इसका एक स्पष्ट उदाहरण, नॉर्ड स्ट्रीम गैस पाइपलाइन का फटना है, जो बाल्टिक सागर के अंदर बिछाई गई है.”

उन्होंने वैश्विक आर्थिक गवर्नेंस प्रणाली का प्रभावी अनुकूलन हासिल करने और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक समेत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका बढ़ाने को महत्वपूर्ण बताया.

उन्होंने कहा कि रूस जी20 के भीतर गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए मिलकर काम करने को तैयार है.

उन्होंने कहा, “वैश्विक आर्थिक प्रशासन की प्रणाली के प्रभावी अनुकूलन को प्राप्त करना महत्वपूर्ण है, अर्थात्, डब्ल्यूटीओ को उसके मध्यस्थता कार्य सहित पूर्ण रूप से फिर से कार्य में लाना. आईएमएफ और सहित विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को बढ़ाना आवश्यक है और इन संगठनों के संसाधनों का उपयोग उन देशों और क्षेत्रों के विकास के हित में करें जो वास्तव में जरूरतमंद हैं, न कि अवसरवादी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए.”

उन्होंने कहा, “हम जी20 के साथ-साथ ब्रिक्स संघ सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के भीतर इन गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए मिलकर काम करने को तैयार हैं, जिनका प्रभाव और महत्व निश्चित रूप से बढ़ रहा है; यह स्पष्ट है, विशेष रूप से इसके विस्तार की प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए.“

उन्होंने कहा कि रूस सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की संतुलित उपलब्धि, पृथ्वी की जलवायु और जैव विविधता के संरक्षण, विश्व अर्थव्यवस्था के डिजिटल परिवर्तन और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में योगदान देना जारी रखेगा.


यह भी पढ़ें : कैसे पीएम मोदी ने राहुल गांधी की ‘जितनी आबादी, उतना हक’ राजनीति का समर्थन किया


 

share & View comments