कोलंबो, 15 मई (भाषा) अमेरिका ने श्रीलंकाई नौसेना को विकिरण और रासायनिक पदार्थों का पता लगाने वाले उपकरण प्रदान किए हैं ताकि समुद्री क्षेत्र में परमाणु, ‘रेडियोलॉजिकल’ और रासायनिक खतरों का पता लगाने और उनसे निपटने की द्विपीय देश की क्षमता को बढ़ाया जा सके। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली चुंग ने कहा, ‘‘यह उन्नत उपकरण श्रीलंका की समुद्री सीमाओं की रक्षा और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण हैं।’’
कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि विकिरण और रासायनिक पदार्थ की पहचान करने वाले उपकरण 10 लाख डॉलर मूल्य के हैं और इनके कारण हिंद महासागर में यात्रा, खोज और जब्ती (वीबीएसएस) अभियान चलाने की श्रीलंकाई नौसेना की क्षमता बढ़ जाती है।
अमेरिकी दूतावास ने कहा कि इन उपकरणों से खतरनाक रासायनिक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु सामग्रियों का पता लगाने और उन्हें रोकने की श्रीलंका की क्षमता में बढ़ोतरी होती है और देश के बंदरगाहों और समुद्री मार्गों की सुरक्षा होती है।
चुंग ने कहा कि परमाणु और रेडियोलॉजिकल खतरों का पता लगाने और उनका जवाब देने की नौसेना की क्षमता को बढ़ाकर अमेरिका न केवल श्रीलंका की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पोत मार्गों की सुरक्षा और समुदायों की रक्षा के साथ यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि हानिकारक पदार्थ अमेरिका और अन्य देशों के तटों तक न पहुंचें।
भाषा संतोष अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.