वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बृहस्पतिवार को लोकतंत्र विषय पर एक अहम शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे जिसमें वह प्रतिभागियों से दुनिया भर में बढ़ती निरंकुशता के वक्त में लोकतंत्र के ‘क्षरण’ को रोकने का आह्वान करेंगे.
दो दिन तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में 110 देशों के नेता और नागरिक समूहों के विशषज्ञों को भ्रष्टाचार को रोकने और मानवाधिकारों को सम्मान देने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर साथ मिल कर काम करने और विचार साझा करने का अवसर मिलेगा.
सम्मेलन के पहले ही इस कार्यक्रम को उन देशों की आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है,जिन्हें इसमें आमंत्रित नहीं किया गया है.
अमेरिका के लिए चीन और रूस के राजदूतों ने ‘नेशनल इंटरेस्ट पॉलिसी जर्नल’ में एक संयुक्त लेख लिखा जिसमें उन्होंने बाइडन प्रशासन को ‘शीत-युद्ध की मानसिकता’ प्रदर्शित करने वाला बताया,जो ‘दुनिया में वैचारिक मतभेद और दरार बढ़ाएगा.’
प्रशासन को इन आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा कि उसने कैसे निर्णय लिया कि सम्मेलन के लिए किसे आमंत्रित करना है और किसे नहीं. वहीं बाइडन प्रशासन का कहना है कि वर्चुअल माध्यम से आयोजित यह सम्मेलन एक अहम बैठक है, खासतौर पर ऐसे वक्त में जब दुनियाभर में आजादी समाप्त होने का चलन सा चल रहा है.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कारीने जीन-पियरे ने कहा कि बाइडन बृहस्पतिवार को और फिर शुक्रवार को शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले हैं जिसमें वह प्रतिभागियों से लोकतंत्र के क्षरण को रोकने और यह सुनिश्चित करने की अपील करेंगे कि लोकतंत्र बहाल रहे.
यह शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब अमेरिकी लोकतंत्र अपने संस्थानों और परंपराओं के लिए गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है. स्कूल बोर्ड की बैठकों, चुनाव कार्यालयों और टाउन हॉल में नाराजगी के बीच स्थानीय निर्वाचित अधिकारी लगातार इस्तीफा दे रहे हैं.