(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद/वाशिंगटन, एक फरवरी (भाषा) एक अमेरिकी सांसद ने राष्ट्रपति जो बाइडन से पाकिस्तान के मनोनीत राजदूत मसूद खान की राजनयिक परिचयपत्र अस्वीकार करने का आग्रह किया है और उन्हें क्षेत्र में अमेरिका के हितों को कमजोर करने के लिए काम करने वाला और “आतंकवादियों से सहानुभूति रखने वाला” शख्स करार दिया है।
उन्होंने कहा कि खान ने युवाओं को जिहादवादियों का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया है और विदेशी आतंकवादी संगठनों की प्रशंसा की है।
पिछले साल अगस्त तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के “राष्ट्रपति” के तौर पर कार्य कर चुके खान को नवंबर में अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में नामित किया गया था।
रिपब्लिकन सांसद स्कॉट पेरी ने पिछले हफ्ते राष्ट्रपति बाइडन को लिखे एक पत्र में अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में खान के मनोनयन के बारे में “गंभीर चिंता” व्यक्त की।
उन्होंने लिखा, “(पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) इमरान खान द्वारा क्षेत्र में अमेरिका के हितों, और हमारे भारतीय सहयोगियों की सुरक्षा की अनदेखी करने वाले आतंकवाद के एक हमदर्द को नामित करने को सिर्फ निर्णय लेने की कमी और अमेरिका के लिये इस्लामाबाद की निरंतर अवमानना के तौर पर ही वर्णित किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा, “मुझे इस बात ने प्रोत्साहित किया है कि विदेश विभाग मसूद खान को पाकिस्तान से नए राजदूत के रूप में मंजूरी देने से अभी रुका हुआ है लेकिन यह ठहराव पर्याप्त नहीं है।”
उन्होंने पत्र में लिखा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप मसूद खान द्वारा प्रस्तुत किसी भी राजनयिक परिचय पत्र अस्वीकार करें और पाकिस्तान सरकार द्वारा इस जिहादी को अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में स्थापित करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार करें।”
इस्लामाबाद में, डान अखबार ने बताया कि अमेरिकी विदेश विभाग खान के नामांकन को स्वीकार करने में “असामान्य रूप से लंबा” वक्त ले रहा है और “देरी ने प्रक्रिया में ठहराव की छाप पैदा कर दी है”।
खबर में एक पाकिस्तानी कूटनीतिज्ञ के हवाले से कहा गया है कि मसूद खान के लिए समझौते का अनुरोध विदेश विभाग को नवंबर के दूसरे सप्ताह में भेजा गया था।
पाकिस्तान के एक पूर्व विदेश सचिव ने कहा कि आम तौर पर, विदेश विभाग को पहले पाकिस्तानी राजदूतों के लिए कूटनीतिक समझौता जारी करने में चार से छह सप्ताह लगते थे।
एक अन्य राजनयिक ने कहा, “इस बार वे असामान्य रूप से लंबा समय ले रहे हैं।”
पेरी ने अपने पत्र में लिखा, “उन्होंने युवाओं को हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर बुरहान वानी जैसे जिहादियों का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिसने भारत के खिलाफ कथित जिहाद में जान गंवाई।”
उन्होंने कहा कि 2017 में, खान ने हिजबुल मुजाहिदीन के नेता को प्रतिबंधित करने के लिए अमेरिका पर निशाना साधा और, उन प्रतिबंधों को “अनुचित” कहा था।
विदेश कार्यालय (एफओ) के लोगों का हालांकि मानना है कि पीओके के “राष्ट्रपति” के रूप में खान की पिछले कार्यभार के कारण देरी हुई।
मंगलवार को, सवालों के जवाब में, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार ने भारत पर आरोप लगाया कि उसने वाशिंगटन में उसके नामित राजदूत के नामांकन को मंजूरी देने में अमेरिका द्वारा देरी के बारे में “फर्जी समाचार” फैलाया।
प्रवक्ता ने कहा कि राजदूत खान बहुपक्षीय और द्विपक्षीय कूटनीति दोनों में 40 वर्षों के अनुभव के साथ एक उच्च कुशलता वाले कूटनीतिज्ञ हैं।
भाषा
प्रशांत उमा
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