( ललित के झा )
वाशिंगटन, 12 मार्च (भाषा) अमेरिका के प्रभावशाली ‘कांग्रेशनल हिस्पैनिक कॉकस’ के सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से कोविड-19 महामारी को समाप्त करने के लिए भारत के साथ मिलकर टीके पर सहयोग करने का आग्रह किया है।
बाइडन को 10 मार्च को लिखे एक पत्र में टेक्सास प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों और अन्य सदस्यों (हिस्पैनिक क्षेत्रों) ने प्रशासन से लाखों लोगों की जान बचाने और विश्वव्यापी महामारी के अंत के लिए कम आय वाले देशों में किफायती टीकों के वितरण की मुहिमा का नेतृत्व करने का अनुरोध किया।
सांसदों ने राष्ट्रपति से भारत-अमेरिकी भागीदारी के जरिए दो टीकों कॉर्बेवैक्स और कोवोवैक्स के माध्यम से दुनिया में टीकों की असमानता दूर करने का अनुरोध किया।
अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित कॉर्बेवैक्स टीका पेटेंट-मुक्त है और भारत में इसका उत्पादन हो रहा है। कोवैक्स पहल के तहत इस टीके के निर्यात की योजना है।
सांसदों ने लिखा, ‘‘हमें लगता है कि अमेरिका के पास उन देशों के लिए अमेरिका द्वारा बनाए गए इन टीकों को उपलब्ध कराने का अवसर है जहां टीके की असमानता दुनिया के कुछ सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों पर अपना असर डाल रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह, कोविड-19 टीके का समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका समान विचारधारा वाले देशों के साथ साझेदारी कर सकता है। हम व्हाइट हाउस से अनुरोध करते हैं कि दुनिया भर के देशों के साथ साझेदारी में इन टीकों के उपयोग पर क्वाड वैक्सीन पहल के समान विचार करें और कोविड-19 टीके का समान वितरण सुनिश्चित करें।’’
पत्र पर वेरोनिका एस्कोबार का हस्ताक्षर है जो प्रतिनिधि सभा की ‘आर्म्ड सर्विसेज कमेटी’ और ‘डेमोक्रेटिक वीमेन्स कॉकस’ की उपाध्यक्ष हैं।
यह पत्र प्रभावशाली ‘कांग्रेसनल ब्लैक कॉकस’ द्वारा लिखे गए पत्रों के अलावा है, जिसमें अफ्रीका और कैरिबियाई देशों की मदद करने के लिए भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की गई है।
एक साल से अधिक समय से अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और भारत के राजनयिक मिशन ने भारत-अमेरिका वैक्सीन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए अमेरिकी कांग्रेस, प्रशासन, थिंक-टैंक और उद्योग के साथ जुड़ने पर ध्यान केंद्रित किया है।
भाषा सुरभि शोभना
शोभना
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