ललित के झा
वाशिंगटन, 17 जनवरी (भाषा) व्हाइट हाउस के एक शीर्ष भारतीय-अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों, खासकर सार्वजनिक स्वास्थ्य और दवा नवाचार के क्षेत्र में चुनौतियों का समाधान करने के लिए अमेरिका-भारत साझेदारी महत्वपूर्ण है।
‘ऑफिस ऑफ नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी’ (ओएनडीसीपी) के निदेशक डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि दुनिया की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए यह महत्वपूर्ण है कि दोनों देश सभी क्षेत्रों में अपनी साझेदारी बनाए रखें और उसे आगे बढ़ाएं।
अमेरिका के बाइडन प्रशासन में शीर्ष स्तर के भारतीय अमेरिकी अधिकारी गुप्ता ने कहा, ‘‘क्योंकि जब हमारे पास एक अमेरिका और एक भारत है, जो दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए एक साथ आगे बढ़ रहे हैं, तो यह एकमात्र तरीका है जिससे हम दुनिया की समस्या को हल करने में सक्षम होंगे, क्योंकि यह वास्तव में वह जगह है जहां पूर्व पश्चिम से मिलता है।’’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘यह संबंध न केवल दोनों देशों को बल्कि विश्व के महाद्वीपों को भी एक-दूसरे के करीब आने, एक-दूसरे को समझने और अंततः विश्व की सबसे गंभीर समस्याओं को एक इकाई के रूप में मिलकर हल करने का अवसर देता है, ताकि हम देशों की आने वाली पीढ़ी को लोकतांत्रिक तरीके से काम करने के लिए प्रेरित कर सकें, जिससे इस ग्रह को मदद मिले।’’
बाइडन प्रशासन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी की हैसियत से, डॉ गुप्ता ने अमेरिका में ओपियोइड संकट से सफलतापूर्वक लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ओपिओइड संकट से तात्पर्य 1990 के दशक से ओपिओइड के अत्यधिक उपयोग, दुरुपयोग और ओवरडोज से होने वाली मौतों में तेज़ी से हुई वृद्धि से है। इसमें प्रिस्क्रिप्शन ओपिओइड और ऐसे ओपिओइड दोनों शामिल हैं जिनका लोग उपयोग करते हैं। ओपिओइड का एक मुख्य कार्य बेहोशी और दर्द से राहत प्रदान करना है और इनका उपयोग हज़ारों वर्षों से दर्द से राहत के लिए किया जाता रहा है। ओपिओइड अनिवार्य रूप से रसायन होते हैं जो मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र और जठरांत्र संबंधी मार्ग में मौजूद ओपिओइड रिसेप्टर्स से जुड़कर उनके प्रभावों को उत्तेजित करते हैं।
डॉ गुप्ता ने ओपिओइड संकट के मुद्दे पर चीन के साथ अमेरिका के समझौते पर पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें चीन ने अमेरिका में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने पर सहमति जतायी थी।
गुप्ता ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका दोनों देशों के बीच अब तक स्थापित सबसे अग्रणी दवा नीति तैयार करना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस सहयोग के तीन स्तंभ हैं।
उन्होंने कहा कि पहला स्तंभ नशीली दवाओं के खिलाफ सहयोग है, जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य दूसरी प्राथमिकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दोनों देशों में की गई प्रगति का समर्थन किया जाए और एक दूसरे के साथ साझा किया जाए।
उन्होंने कहा कि तीसरा स्तंभ भविष्य के दवा उत्पादनों के लिए आपूर्ति श्रृंखला विकसित करना है।
भाषा रंजन रंजन मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.