वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों से बुरी तरह से परेशान है और उसके पास परमाणु हथियार कभी नहीं होंगे. ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवादाताओं से कहा, ‘ईरान वर्तमान में अराजक है. वे अपनी अर्थव्यवस्थ बहुत जल्द ठीक कर सकते हैं. देखते हैं कि वे बातचीत करेंगे अथवा नहीं.’ दूसरी तरफ अमेरिकी सदन ने ट्रंप की शक्तियों को कतर दिया है. ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई से पहले ट्रंप को कांग्रेस से सहमति लेनी होगी.
दूसरी तरफ इराक में अमेरिकी बलों पर ईरान के हमले के बाद उस पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं.
ट्रंप ने कहा, ‘ईरान के पास परमाणु हथियार कभी नहीं होंगे. उन्हें भी यह पता है. हमने उन्हें सख्ती से यह बता दिया है. ईरान अब उस तरह धनवान नहीं है जब पूर्व राष्ट्रपति (बराक) ओबामा ने उसे 150 अरब डॉलर दिए थे.’
ट्रंप ने आठ जनवरी को घोषणा की थी कि जब तक वह राष्ट्रपति हैं ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं होंगे.
उन्होंने कहा, ‘हम देंखेंगे कि वे बातचीत करना चाहते हैं कि नहीं. हो सकता है कि वे चुनाव तक इंतजार करें और (जो) बिडेन अथवा पोचाहोंटास अथवा (पेटे) बुटीगिएग जैसे कमजोर डेमोक्रेट या इनमें से किसी एक के साथ बातचीत करें.’
उन्होंने कहा कि प्रतिबंध से ईरान को बुरी तरह से नुकसान हो रहा है. यह सब बहुत जल्दी समाप्त हो सकता है, लेकिन वे ऐसा चाहते हैं कि नहीं यह उनके ऊपर है. मेरे ऊपर नहीं.’
इसके साथ ही ट्रंप ने एक फिर राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा-‘ मेरे प्रशासन में हम कभी भी अमरीका के दुश्मनों को बहाना नहीं बनाने देंगे. हम अमरीकियों के बचाव में कभी संकोच नहीं करेंगे. हम कभी भी कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवाद को हराने के लिए काम करना बंद नहीं करेंगे.’
Under my administration, we will NEVER make excuses for America’s enemies – we will never hesitate in defending American lives – and we will never stop working to defeat Radical Islamic Terrorism! pic.twitter.com/022PjwhHjs
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 10, 2020
सदन ने सिमित की शक्तियां
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा ईरान के खिलाफ की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर अमेरिकी संसद ने उनकी शक्ति को कतर दिया है. अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने गुरुवार को हुई बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया जिसमें उन्हें ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए अनुमति लेनी होगी. और ट्रंप की शक्तियों को कम कर दिया गया है. सदन में यह प्रस्ताव 224-194 मतों से पारित हुआ.इस प्रस्ताव को कांग्रेस की एलिजा स्लॉटकिन ने पेश किया.
अमेरिकी संसद यह रेजोल्यूशन ईरान द्वारा इराक स्थित दो अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दर्जन से अधिक दागी गई मिसाइलों के बाद लाया है. ईरान ने यह हमला अपने जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के बदले के रूप किया था. पिछले हफ्ते सुलेमानी को पेंटागन के आदेश के बाद बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एयर स्ट्राइक के दौरान मारा गया.
बुधवार को ट्विटर पर एक बयान जारी कर स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने सुलेमानी की हत्या के लिए की गई एयर स्ट्राइक को उत्तेजक और असंगत कहा था. उन्होंने कहा था कि स्ट्राइक करने का फैसला कांग्रेस से बिना विचार विमर्श के लिए लिया गया है. जिससे अमेरिका और ईरान के बीच एकबार फिर तनाव बढ़ गया है.
पेलोसी ने यह भी कहा था अमेरिका द्वारा ईरान के खिलाफ लिए गए इस एक्शन से अमेरिका राजनयिक, सर्विस मेंबर और अन्य लोगों के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है. उन्होंने यह भी कहा था कि राष्ट्रपति द्वारा की गई इस कार्रवाई से कांग्रेस के कुछ सदस्य चिंता में हैं.