(केजेएम वर्मा)
बीजिंग, 27 फरवरी (भाषा) चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस के साथ उसके घनिष्ठ संबंधों में एक मजबूत आंतरिक प्रेरक शक्ति है और दोनों रणनीतिक सहयोगियों के बीच मतभेद पैदा करने की अमेरिका की कोई भी कोशिश नाकाम हो जाएगी।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘चीन और रूस दो प्रमुख देश हैं। हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक मजबूत आंतरिक प्रेरक शक्ति है। यह किसी तीसरे पक्ष से प्रभावित नहीं होगा।’’
लिन, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि बीजिंग-मास्को गठबंधन अमेरिका के लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है।
मंगलवार को ‘ब्रेइटबार्ट न्यूज’ से बात करते हुए रुबियो ने कहा कि रूस, जो चीन का ‘‘स्थायी जूनियर पार्टनर’’ है, अमेरिका के लिए समस्या पैदा करेगा, क्योंकि ‘‘दो परमाणु शक्तियां उसके खिलाफ खड़ी होंगी।’’
रुबियो ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि हम उनके संबंधों को पूरी तरह से खत्म कर पाने में कभी सफल हो पाएंगे या नहीं।’’ उन्होंने कहा कि रूसियों की ‘‘चीनियों पर निर्भरता’’ बढ़ती जा रही है।
रुबियो इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयास, 1972 में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन की चीन की प्रसिद्ध यात्रा के समान हैं – जिसका उद्देश्य (अब विघटित हो चुके) सोवियत संघ को कमजोर करना और मास्को और बीजिंग के बीच दूरी पैदा करना था।
हालांकि, रुबियो ने कहा कि चीन और रूस के बीच मतभेद होना भी अच्छा नहीं होगा, जैसा कि हांगकांग के ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ ने अपनी खबर में उल्लेख किया है।
रुबियो ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि चीन और रूस का एक-दूसरे के करीब आना वैश्विक स्थिरता के लिए अच्छा है, क्योंकि वे दोनों परमाणु शक्तियां हैं।’’
रुबियो ने कहा, ‘‘लेकिन मुझे लगता है कि हम अब ऐसी स्थिति में हैं जहां रूसियों की चीन पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही और अगर आप इस बारे में सोचें तो यह भी कोई अच्छा परिणाम नहीं है।’’
रुबियो की टिप्पणियों पर नाराजगी जताते हुए लिन ने कहा कि चीन और रूस, दोनों के पास दीर्घकालिक विकास रणनीतियां और विदेश नीतियां हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘चाहे अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य कितना भी बदल जाए, हमारे रिश्ते अपनी गति से आगे बढ़ेंगे। चीन और रूस के बीच मतभेद पैदा करने की अमेरिका की कोशिश नाकाम होने वाली है।’’
विश्लेषकों का कहना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी चिनफिंग द्वारा रूस, चीन के बीच संबंध घनिष्ठ करना, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति — बराक ओबामा और जो बाइडन द्वारा रूस के खिलाफ अपनाई गई कठोर नीतियों का परिणाम हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस-चीन संबंध और मजबूत हुए हैं। हालांकि, चीन ने रूस का खुलकर समर्थन नहीं किया है, लेकिन उसने युद्ध को रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किया। जबकि दूसरी ओर, शी ने रूस और चीन के बीच ऐसी साझेदारी की पुष्टि की है जिसकी कोई सीमा नहीं है।
चीन-रूस संबंधों पर टिप्पणी करते हुए, चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के यूरोपीय अध्ययन संस्थान के निदेशक फेंग झोंगपिंग ने कहा कि अमेरिका के साथ संबंधों में मधुरता आने के बीच मास्को का बीजिंग से दूरी बनाने के बारे में सोचना ‘‘तर्कसंगत’’ नहीं है।
अखबार ने फेंग के हवाले से कहा, ‘‘बीजिंग से दूरी बनाना रूस के हित में नहीं है।’’
भाषा सुभाष माधव
माधव
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