संयुक्त राष्ट्र, 21 जनवरी (भाषा) संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अबू धाबी में उस ‘‘जघन्य’’ आतंकी हमलों की शुक्रवार को कड़ी निंदा की जिसमें दो भारतीय और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई थी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने साथ ही मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना भी जतायी।
17 जनवरी की सुबह, हूती विद्रोहियों ने अबूधाबी में हवाई अड्डे के क्षेत्र को निशाना बनाया था। हमलों के चलते तीन पेट्रोलियम टैंकरों में विस्फोट हुआ था, जिसमें दो भारतीयों और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई और छह अन्य नागरिक घायल हो गए थे।
यूएई मिशन के एक बयान में कहा गया था, ‘‘हूतियों ने हमलों की जिम्मेदारी ली है।’’
15 देशों की परिषद द्वारा जारी एक प्रेस बयान में, संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली इकाई ने 17 जनवरी को अबू धाबी में और साथ ही सऊदी अरब के अन्य स्थलों पर ‘जघन्य आतंकवादी हमलों’ की कड़े शब्दों में निंदा की।
बयान में कहा गया है, ‘‘सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने हूती हमलों के पीड़ितों के परिवारों और भारत एवं पाकिस्तान की सरकारों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति और संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की।’’
परिषद के सदस्यों ने फिर से दोहराया कि आतंकवाद अपने सभी रूपों और स्वरूपों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने एक ट्वीट में कहा कि यूएनएससी का बयान ‘‘इस जघन्य आतंकवादी हमले को खत्म करने की हमारी सामूहिक इच्छा की पुष्टि करता है, जिसमें दो भारतीयों ने दुखद रूप से अपनी जान गंवा दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात के अपने समकक्ष को बताया, भारत इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता है।’’
बुधवार को मध्य पूर्व पर एक सुरक्षा परिषद की खुली बहस में, तिरुमूर्ति ने अबू धाबी में हुए आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, इस दौरान दोनों ने आतंकी हमले पर चर्चा की। जयशंकर ने आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की।
भाषा अमित सुरेश
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