संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन अस्थिरता, संघर्ष और आतंकवाद को ‘बढ़ावा देने वाला एक कारक’ है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने कहा कि जो क्षेत्र जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील हैं, वे ‘असुरक्षा, गरीबी, कमजोर शासन और आतंकवाद के संकट से भी ग्रस्त हैं.’
गुतारेस ने ‘जलवायु परिवर्तन, संघर्ष और आतंकवाद के बीच की कड़ी’ विषय पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र परिषद की एक बैठक में कहा कि जब जलवायु के कारण उत्पन्न परेशानियां, सरकारी संस्थाओं को जन सेवाएं प्रदान करने में बाधा उत्पन्न करती है, तो इससे ‘प्राधिकारियों के प्रति शिकायतें और अविश्वास बढ़ता है.’
उन्होंने कहा, ….और जब जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से लोगों की आजीविका चली जाती है, ‘तो सुरक्षा, आय और न्याय के वादे अधिक लुभावने हो जाते हैं, जिसकी आड़ में कई बार आतंकवादी अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं.’
गुतारेस ने कहा कि अफ्रीका के लेक चाड बेसिन क्षेत्र में, कट्टरपंथी संगठन बोको हराम ने उस समय और लोगों को अपने साथ जोड़ा, जब वहां ‘आर्थिक अवसरों की कमी आई और आवश्यक संसाधनों तक उनकी पहुंच कम हुई.’
महासचिव ने कहा, ‘मध्य माली में आतंकवादी संगठनों ने चारवाहों तथा किसानों के बीच बढ़ते तनाव का फायदा उठाया, ताकि वह चारवाहा समुदाय के लोगों को अपने साथ ला पाएं, जो कि अकसर बहिष्कृत एवं कलंकित महसूस करते हैं.’
गुतारेस ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना या राजनीतिक मिशन उन 15 में से आठ देशों में कार्यरत हैं, जहां जलवायु परिवर्तन का खतरा सबसे अधिक है. हालांकि, उन्होंने इन देशों का नाम नहीं लिया.
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