लंदन, 17 जून (भाषा) ब्रिटेन की सरकार ने शुक्रवार को विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी ताकि वह इराक और अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित गोपनीय दस्तावेजों के लीक होने संबंधी आरोपों का सामना कर सकें।
गृह मंत्रालय ने कहा कि गृह मंत्री प्रीति पटेल ने 50 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे के प्रत्यर्पण आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
अमेरिका भेजे जाने से बचने के लिए असांजे की वर्षों तक चली कानूनी लड़ाई में यह एक बड़ा मोड़ है। हालांकि असांजे के प्रयासों का यह अंत नहीं है और उनके पास इसके खिलाफ अपील करने के लिए 14 दिन का समय है।
असांजे की कानूनी टीम की जवाबी अपील से कानूनी लड़ाई का एक और दौर फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
ब्रिटेन के गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘17 जून को, मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय दोनों के विचार के बाद जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण का आदेश दिया गया। असांजे के पास अपील करने के लिए 14 दिन का समय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रत्यर्पण कानून 2003 के तहत यदि आदेश को रोकने का कोई अधार नहीं होता है तो प्रत्यर्पण आदेश पर गृह मंत्री के हस्ताक्षर अनिवार्य होते हैं। प्रत्यर्पण आग्रह गृह मंत्री को केवल तभी भेजा जाता है जब कोई न्यायाधीश विभिन्न पहलुओं पर गौर करते हुए इस पर निर्णय सुना देता है।’’
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ब्रिटेन की अदालतों ने यह नहीं पाया है कि ‘‘असांजे का प्रत्यर्पण दमनकारी, अन्यायपूर्ण या प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।’’
उन्होंने कहा कि अदालतों ने यह भी नहीं पाया कि असांजे का प्रत्यर्पण उनके मानवाधिकारों, निष्पक्ष मुकदमे के अधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ होगा या अमेरिका में उनसे अच्छा व्यवहार नहीं किया जाएगा।
असांजे कहते रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। वह 2019 में इक्वाडोर के दूतावास से हिरासत में लिए जाने के बाद से लंदन की बेलमर्श जेल में बंद हैं। इक्वाडोर दूतावास में उन्होंने शरण ली थी। वह स्वीडन में यौन अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए प्रत्यर्पण से बचने के वास्ते 2012 से दूतावास में रह रहे थे। उन्होंने यौन अपराध के आरोपों का खंडन किया था और अंतत: ये आरोप हटा लिए गए थे।
विकीलीक्स ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, “आज लड़ाई का अंत नहीं है। यह केवल एक नई कानूनी लड़ाई की शुरुआत है। हम कानूनी प्रणाली के माध्यम से अपील करेंगे।’
इसने कहा, ‘यह प्रेस की स्वतंत्रता और ब्रिटिश लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है।’
ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे ने इस साल मार्च में जेल में रहते हुए दक्षिण अफ्रीका में जन्मी 38 वर्षीय स्टेला मोरिस से शादी की थी। दंपति के दो बेटे- चार वर्षीय गेब्रियल और दो वर्षीय मैक्स हैं।
मोरिस ने शुक्रवार की घोषणा के बाद कहा, ‘इस देश में जो कोई भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की परवाह करता है, उसे बहुत शर्म आनी चाहिए कि गृह मंत्री ने जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, जिस देश ने उनकी हत्या की साजिश रची थी।’
उन्होंने कहा, ‘‘जूलियन ने कुछ भी गलत नहीं किया। उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है और वह अपराधी नहीं हैं। वह एक पत्रकार और एक प्रकाशक हैं, और उन्हें अपना काम करने के लिए दंडित किया जा रहा है।’’
भाषा नेत्रपाल नरेश
नरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.