नई दिल्ली: ब्रिटेन के जज ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. पीएनबी घोटाला मामले में ब्रिटिश अदालत ने यह फैसला सुनाया है. नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी का मामला है.
यूके के जज ने कहा कि नीरव मोदी को मुंबई के आर्थर रोड जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की जाएगी. ब्रिटेन के न्यायाधीश ने कहा कि नीरव मोदी को आत्महत्या का कोई खतरा नहीं है, अगर उसे भारत भेज दिया जाएगा.
न्यायाधीश ने कहा कि नीरव मोदी ने सबूतों को नष्ट करने और गवाहों को डराने की साजिश रची. न्यायाधीश ने नीरव मोदी की ‘मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं’ को खारिज करते हुए कहा कि वे अपनी परिस्थितियों में बिल्कुल भी असमान्य नहीं हैं.
UK Extradition judge dismisses Nirav Modi's "mental health concerns," says they are not unusual in a man in his circumstances
— ANI (@ANI) February 25, 2021
मोदी (49) के दक्षिण-पश्चिम लंदन स्थित वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में पेश हुए जहां जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने अपना फैसला सुनाया.
मजिस्ट्रेट की अदालत के फैसले को ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास हस्ताक्षर के लिये भेजा जाएगा.
नीरव मोदी को प्रत्यर्पण वारंट पर 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था और प्रत्यर्पण मामले के सिलसिले में हुई कई सुनवाइयों के दौरान वह वॉन्ड्सवर्थ जेल से वीडियो लिंक के जरिये शामिल हुआ था. जमानत को लेकर उसके कई प्रयास मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय में खारिज हो चुके हैं क्योंकि उसके फरार होने का जोखिम है.
उसे भारत में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों के तहत आपराधिक कार्यवाही का सामना करना होगा. इसके अलावा कुछ अन्य मामले भी उसके खिलाफ भारत में दर्ज हैं.
यह भी पढ़ें: डिजिटल मीडिया के सेल्फ रेग्युलेशन और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए केंद्र सरकार ने जारी किए गाइडलाइंस