( तस्वीरों सहित )
अबू धाबी/तोक्यो, 22 मई (भाषा) संयुक्त अरब अमीरात और जापान ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की है।
भारत ने पाकिस्तान द्वारा पोषित एवं प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ बृहस्पतिवार को अपनी वैश्विक संपर्क कवायद शुरू की है और पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आत्मरक्षा के अधिकार पर पक्ष रखने के लिए बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल जापान और संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे हैं।
शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के सहिष्णुता मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान, रक्षा समिति के अध्यक्ष अली अल नूमी और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत की, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संजय झा के नेतृत्व में सांसदों के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने तोक्यो में जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और अन्य नेताओं के साथ बातचीत की।
अल नूमी ने अबू धाबी में संवाददाताओं से कहा, ‘‘आतंकवाद केवल एक राष्ट्र या क्षेत्र के लिए ही खतरा नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक खतरा है। हमारा मानना है कि हमें विशेष रूप से संसद सदस्यों को एक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के रूप में साथ आना चाहिए, योजनाओं और रणनीतियों पर काम करना चाहिए और पूरी मानवता के लिए बेहतर भविष्य बनाने में जुट जाना चाहिए।’’
जापान स्थित भारतीय दूतावास द्वारा जारी एक बयान में इवाया के हवाले से कहा गया कि उन्होंने झा के नेतृत्व वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल को बताया कि आतंकवाद को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता तथा उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और विश्व के साथ एकजुटता व्यक्त की।
इसमें कहा गया है कि इवाया ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में हुई लोगों की मौत पर हार्दिक संवेदना और घायलों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की।
जापानी नेताओं के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक पर जापान में भारतीय दूतावास द्वारा ‘एक्स’ पर की गयी एक पोस्ट को साझा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ‘‘टीम इंडिया को आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता के हमारे संदेश को दुनिया तक ले जाते हुए देखना बहुत अच्छा है।’’
द्रमुक की लोकसभा सदस्य के. कनिमोझी के नेतृत्व में एक तीसरा प्रतिनिधिमंडल रूस और चार यूरोपीय देशों के लिए रवाना हुआ, ताकि आतंकवाद के सभी रूपों से लड़ने के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को व्यक्त किया जा सके।
संयुक्त अरब अमीरात और जापान में दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने मंत्रियों, महत्वपूर्ण लोगों और विभिन्न संगठनों के लोगों से मुलाकात की।
यूएई में भारतीय दूतावास ने कहा, ‘‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं। श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान के साथ एक लाभदायक बैठक की। हर तरह आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’’
उसने कहा, ‘‘उन्होंने भारत और यूएई के सद्भाव और सहिष्णुता के मूल्यों को रेखांकित किया।’’
दूतावास ने बैठकों की तस्वीरें भी साझा कीं।
दूतावास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मामलों, आंतरिक और विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष डॉ. अली अलनुआइमी से भी मुलाकात की और ‘‘उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के लिए भारत-यूएई के साझा संकल्प को रेखांकित किया।’’
इससे पहले शिंदे के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में यूएई फेडरल नेशनल काउंसिल के सदस्य अहमद मीर खूरी और नेशनल मीडिया ऑफिस के महानिदेशक जमाल मोहम्मद ओबैद अल काबी से मुलाकात की।
शिंदे ने कहा, ‘‘संयुक्त अरब अमीरात नेतृत्व की ओर से संदेश बहुत स्पष्ट है। वे इस आतंकवाद के खिलाफ हमारे साथ हैं। किसी भी धर्म के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता।’’
शिंदे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमने गर्व के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत की निर्णायक सफलता को साझा किया और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले मौजूदा आतंकवादी खतरों को रेखांकित किया।’’
शिंदे के अलावा, प्रतिनिधिमंडल में मनन कुमार मिश्रा (भाजपा), सस्मित पात्रा (बीजद), ई टी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एसएस अहलूवालिया (भाजपा), अतुल गर्ग (भाजपा), बांसुरी स्वराज (भाजपा), पूर्व राजनयिक सुजान आर चिनॉय और यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर शामिल हैं।
झा के नेतृत्व में जापान गए प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी, बृजलाल, प्रधान बरुआ और हेमांग जोशी, कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी, माकपा के जॉन ब्रिटास और पूर्व राजदूत मोहन कुमार शामिल हैं।
जापान में भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया से मुलाकात की। हर प्रकार के आतंकवाद से निपटने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और दृढ़ प्रतिबद्धता को पुन: दोहराया गया। विदेश मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में जापान के समर्थन को दोहराया और भारतीय पक्ष द्वारा दिखाए गए संयम की सराहना की। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वालों सजा दिए जाने का आह्वान किया।’’
दूतावास ने एक अन्य पोस्ट में बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री और जापान इंडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष योशीहिदे सुगा से भी मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने तोक्यो में शीर्ष जापानी वैचारिक संगठनों से भी चर्चा की और उन्हें आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख से अवगत कराया।
सदस्यों ने जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रतिनिधि सभा समिति के अध्यक्ष ताकाशी एंदो से भी मुलाकात की। एंदो ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में जापान की ओर से एकजुटता व्यक्त की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने तोक्यो के इदोगावा में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
झा ने जापानी नेताओं को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से भारत ने पहलगाम हमले का सटीक, लक्षित, आनुपातिक और गैर-बढ़ावा देने वाले तरीके से जवाब दिया।
झा ने कहा, ‘‘भारत आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता रखता है और वह आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के बीच कोई अंतर नहीं करता है।’’
झा ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जापान का समर्थन मांगा और इस संदर्भ में 25 अप्रैल, 2025 के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रेस वक्तव्य को प्रभावी बनाने का आह्वान किया, जिसमें आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
दूतावास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख जापानी थिंक टैंकों के साथ भी बातचीत की और उन्हें आतंकवाद पर भारत की शून्य सहनशीलता नीति के बारे में जानकारी दी।
पाकिस्तान की साजिशों और आतंकवाद के खिलाफ भारत की प्रतिक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक पहुंचने के लिए भारत 33 देशों की राजधानियों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है।
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया।
भारत ने पहलगाम हमले के बाद छह-सात मई की रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए, जिसके बाद पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमला करने का प्रयास किया। भारतीय पक्ष ने पाकिस्तान की इन करतूतों का माकूल जवाब दिया। दोनों पक्षों के सैन्य अभियान महानिदेशकों के बीच वार्ता के बाद 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनी।
भाषा राजकुमार प्रशांत
प्रशांत
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