scorecardresearch
Thursday, 26 December, 2024
होमविदेशडोनाल्ड ट्रंप ने की इमरान खान से फोन पर बात, कही- तनाव कम की जाने की बात

डोनाल्ड ट्रंप ने की इमरान खान से फोन पर बात, कही- तनाव कम की जाने की बात

पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद अमरीकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से भी बातचीत की और लिखा, परिस्थितियां कठिन हैं लेकिन अच्छी बातचीत होनी चाहिए.'

Text Size:

वाशिंगटन: अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के बाद ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से भी बात की और क्षेत्र में तनाव कम करने की बात कही. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि उन्होंने अपने दो दोस्तों से बातचीत की, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से. इस दौरान उन्होंने लिखा कि दोनों से व्यापार, रणनीतिक साझेदारी और सबसे महत्वपूर्ण भारत और पाकिस्तान को कश्मीर में तनाव को कम करने की दिशा में काम करने को लेकर बात हुई. परिस्थितियां कठिन हैं लेकिन अच्छी बातचीत होनी चाहिए.’

बता दें कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान न्यूक्लियर बम से लेकर आतंकी हमले की बात कर रहा है. पाकिस्तान ने कश्मीर मसला यूएन में उठाने की कोशिश की साथ ही इस मामले में चीन सहित अमेरिका और कई देशों का दरवाजा तक खटखटाया लेकिन उसे मुंह की खानी पड़ी है.

पाकिस्तान की डोनाल्ड ट्रंप से क्या बातचीत हुई इसके विषय में विदेश मंत्री कुरैशी ने प्रेस कांफ्रेंस और भारत के आंतरिक मामले को खुलासा बताया और बॉर्डर पर जो टेंशन जन्म ले रहा है उसमें कमी होनी चाहिए और क्षेत्र की शांति बनी रहनी चाहिए. कुरैशी ने प्रधानमंत्री इमरान खान से डोनाल्ड ट्रंप की हुई बातचीत की बात रखते हुए कहा कि पांच अगस्त को भारत द्वारा उठाए गए कदम को एकतरफा बताया. इमरान खान की डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत की जानकारी देते हुए कहा कि भारत-पाक सीमा पर स्थिति चिंताजनक बनी हुई है.


यह भी पढ़ें:पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर की बात, बिना पाक का नाम लिए उठाया आतंक का मुद्दा


डोनाल्ड ट्रंप और इमरान खान के बीच एक हफ्ते से भी कम समय में दूसरी बार बात हुई है. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ बातचीत में तीखी बयानबाज़ी और पाकिस्तान के नेताओं द्वारा भारत विरोधी हिंसा उकसाने को लेकर बात की थी. इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर कश्मीर की स्थिति पर चर्चा की थी. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को पाकिस्तान के रुख से अवगत करवाया. प्रधानमंत्री दुनिया के नेताओं के साथ बात कर रहे थे और उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के साथ क्षेत्र के हालात की चर्चा की, खास तौर से अधिकृत कश्मीर के संबंध में.’

उन्होंने कहा, ‘क्षेत्र में शांति को खतरा को लेकर पाकिस्तान के संदेह से अवगत कराया गया.’ भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला लेने के बाद नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच तनाव बढ़ गया. भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था जिसे निरस्त कर दिया गया है.

कुरैशी के अनुसार, इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से चार सदस्यों के साथ बातचीत करके उनको कश्मीर के हालात से अवगत कराया था.

कुरैशी ने कहा, ‘पाकिस्तान ने राष्ट्रपति ट्रंप के अलावा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और रूस के विदेश मंत्री से भी बात की है. हमने पांच स्थायी सदस्यों में से चार सदस्यों से सीधा संपर्क किया. वे पाकिस्तान के रुख से अवगत हैं. हम कोशिश कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री इमरान खान की बातचीत फ्रांस के राष्ट्रपति से भी हो.’

इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भारत, पाकिस्तान मुद्दे पर 16 अगस्त की सुबह अनौपचारिक वार्ता की वार्ता के बाद चीनी दूत चांग च्वन सुरक्षा परिषद के हॉल के बाहर देसी-विदेशी पत्रकारों से मिले. चांग च्वन ने कहा कि ‘सुरक्षा परिषद ने कश्मीर परिस्थिति पर चर्चा की। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने हालिया कश्मीरी परिस्थिति पर बड़ा ध्यान दिया है और आशा जताई कि संबंधित विभिन्न पक्ष संयम रखकर परिस्थिति के और तीव्र होने की एकतरफावादी कार्रवाई से बचेंगे. सुरक्षा परिषद ने भारत और पाकिस्तान से वार्ता के जरिए समस्या का अच्छी तरह समाधान करने की अपील भी की.’

चांग च्वन ने इस बैठक में कहा था कि ‘कश्मीर समस्या भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास में छोड़ी गई समस्या है. सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव में कश्मीर को एक विवादास्पद क्षेत्र माना जाता है. कश्मीर समस्या को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव और द्विपक्षीय समझौते के मुताबिक शांतिपूर्ण तरीकों से अच्छी तरह हल किया जाना चाहिए.’