संयुक्त राष्ट्र: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग पर रोक लगाने की घोषणा के बाद संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि अभी डब्ल्यूएचओ के संसाधनों को कम करने का समय नहीं है क्योंकि यह संस्था अभी कोविड-19 महामारी से लड़ रही है. यही नहीं संयुक्त राष्ट्र के साथ साथ चीन, जर्मनी ने भी डोनाल्ड ट्रंप के इस कदम की निंदा की है. वहीं दुनिया के सबसे बड़े दानदाता और माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को धन देने को रोकने के कदम की आलोचना की, इसे एक खतरनाक कदम बताया.
गुतारेस बोले- समय ठीक नहीं
गौरतलब है कि ट्रम्प ने मंगलवार को डब्ल्यूएचओ के वित्त पोषण पर रोक लगाने की घोषणा की और उस पर घातक कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने को लेकर ‘प्रबंधन में गंभीर गलती करने और जानकारी को छुपाने का आरोप लगाया है. इसके तुरंत बाद ही महामारी को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने डब्ल्यूएचओ के प्रति समर्थन व्यक्त करते हुए कहा कि अब पीछे मुड़कर देखने का समय नहीं है और इस पर विचार करें कि इस संकट से निकलने के लिए सभी लोगों को क्या करना चाहिए.
गुतारेस ने कहा, ‘जैसा कि यह समय ठीक नहीं है, यह समय वायरस से निपटने में लगे विश्व स्वास्थ्य संगठन या किसी अन्य मानवीय संगठन के अभियानों के लिए संसाधनों को कम करने का भी नहीं है.’ उन्होंने कहा कि यह समय एकजुटता का है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए यह समय इस वायरस और इसके विनाशकारी परिणामों को रोकने के लिए एकजुटता के साथ मिलकर काम करने का है.
बिल गेट्स बोले-खतरनाक
वहीं बिल गेट्स ने भी इस घोषणा के तुरंत बाद ट्वीट किया, ‘विश्व में जब स्वास्थ्य को लेकर इतनी बड़ी महामारी चल रही है ऐसे समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन का फंड रोका जाना जितना लगता है उससे कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है. उनका काम कोविड-19 के प्रसार को धीमा कर रहा है और अगर उस काम को रोक दिया जाता है तो कोई अन्य संगठन उनकी जगह नहीं ले सकता है. दुनिया को अभी पहले से कहीं ज्यादा डब्ल्यूएचओ की जरूरत है.’
Halting funding for the World Health Organization during a world health crisis is as dangerous as it sounds. Their work is slowing the spread of COVID-19 and if that work is stopped no other organization can replace them. The world needs @WHO now more than ever.
— Bill Gates (@BillGates) April 15, 2020
चीन जर्मनी ने भी की निंदा
फंड रोके जाने की निंदा चीन और जर्मनी ने भी की है. चीन ने बुधवार को कहा कि उसे अमेरिका के विश्व स्वास्थ्य संगठन का कोष रोकने के निर्णय को लेकर ‘काफी चिंता’ है. साथ ही उसने अमेरिका से आग्रह किया कि कोरोना वायरस के संकट के समय वह अपने दायित्वों को पूरा करे. चीन के अधिकारी झाओ लिजीआन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘ अमेरिका के निर्णय से डब्ल्यूएचओ की क्षमताएं कम होंगी और महामारी के खिलाफ अभियान में अंतरराष्ट्रीय सहयोग कम होगा.’
जर्मनी के विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा डब्ल्यूएचओ के वित्त पोषण पर रोक लगाये जाने की निंदा की.
अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के अनुसार, चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में पहली बार उभरा कोरोना वायरस अब तक दुनियाभर के 19.7 लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है और कम से कम 1,26,500 लोगों की जान ले चुका है. अकेले अमेरिका में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.
ट्रंप प्रशासन ने डब्ल्यूएचओ पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाया है. जिसकी वजह से अमेरिका की अर्थव्यवस्था में ठहराव आ गया है.
ट्रम्प ने महामारी को लेकर व्हाइट हाउस में अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा, ‘ जब तक कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने व इससे निपटने में गंभीर कुप्रबंधन और इसे छुपाने में संस्था की भूमिका का आकलन करने के लिए समीक्षा की जा रही है, तब तक मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण को रोकने का निर्देश दे रहा हूं, . हर कोई जानता है कि वहां क्या हुआ है.’
राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका के करदाता डब्ल्यूएचओ को सालाना 40 से 50 करोड़ डॉलर देते हैं. जबकि चीन सालाना तकरीबन 4 करोड़ डॉलर या उससे भी कम राशि देता है.
ट्रंप का कहना है कि कोरोना के प्रकोप में अपना कर्तव्य निभाने में डब्ल्यूएचओ पूरी तरह नाकाम हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन में जब यह वायरस फैला तो संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने उसे छुपाने की कोशिश की और इसके लिए उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)