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गुरूवार, 1 मई, 2025
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ट्रंप ने भारत को ‘वित्तपोषण’ पर फिर हमला बोला, कांग्रेस ने कहा – ‘मित्र’ के दावों का खंडन करें मोदी

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न्यूयॉर्क/दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल के दिनों में चौथी बार दावा किया कि बाइडेन प्रशासन ने भारत को ‘‘मतदान प्रतिशत बढ़ाने’’ के लिए 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कोष आवंटित किया था, जिस पर कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई और उसने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मामले पर ‘‘अपने मित्र’’ से बात करने और आरोप का दृढ़ता से खंडन करने का आग्रह किया।

विपक्षी दल ने विकास एजेंसियों, सहायता तंत्रों और बहुपक्षीय मंचों द्वारा भारत को दी जा रही धनराशि पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। पार्टी ने विश्वसनीय नागरिक समाज के सदस्यों, गैर सरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए आरएसएस-भाजपा और “उनके पारिस्थितिकी तंत्र” के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की।

वाशिंगटन में ‘गवर्नर्स वर्किंग सेशन’ को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘‘भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मेरे मित्र प्रधानमंत्री मोदी को 2.1 करोड़ डॉलर दिए जा रहे हैं। हम भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर दे रहे हैं। हमारा क्या? मैं भी मतदान प्रतिशत बढ़ाना चाहता हूं।’’

शुक्रवार को व्हाइट हाउस द्वारा सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम की एक वीडियो क्लिप साझा की गई।

ट्रंप ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य को मजबूत करने के लिए एक ऐसी फर्म को पैसा दिया गया, जिसके बारे में किसी ने कभी सुना ही नहीं था।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘2.9 करोड़ अमेरिकी डॉलर मिले। उन्हें एक चेक मिला। क्या आप कल्पना कर सकते हैं? आपकी एक छोटी सी फर्म है, आपको यहां से 10,000 मिलते हैं, वहां से 10,000 मिलते हैं, और फिर अमेरिका सरकार से आपको 2.9 करोड़ डॉलर मिलते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उस फर्म में दो लोग कार्यरत हैं… मुझे लगता है कि वे बहुत खुश हैं, वे बहुत अमीर हैं। वे बहुत जल्द ही एक बहुत अच्छी कारोबारी पत्रिका के कवर पेज पर महान घोटालेबाज के तौर पर होंगे।’’

ट्रंप ने कहा, ‘‘नेपाल में जैव विविधता के लिए नौ करोड़ डॉलर और एशिया में शिक्षण परिणामों में सुधार के लिए 4.7 करोड़ डॉलर दिए गए हैं। एशिया को बहुत सारा पैसा मिला है।’’

इस बीच, कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये जानकारी दी जाए कि यूएसएड से भारत के किन राजनीतिक दलों, राजनीतिक संगठनों व गैर-सरकारी राजनीतिक संस्थाओं को पैसा मिला और कब-कब मिला। ये भी देश को बताया जाए कि नरेन्द्र मोदी ने चुनावों को प्रभावित करने और मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 2.1 करोड़ डॉलर लिए या नहीं। कांग्रेस पार्टी इस मामले पर श्वेत पत्र की मांग करती है, जिसमें पूरी जानकारी साझा की जाए।’’

खेड़ा ने कहा, ‘‘पहले सामने आया कि यूएसएड का पैसा भारत में चुनावों में इस्तेमाल हो रहा है। इसपर भाजपा ने झूठ फैलाया कि इसका करार 2012 में तत्कालीन संप्रग सरकार के दौरान हुआ था। इसके बाद 21 फरवरी को एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र ने बताया कि यह पैसा बांग्लादेश में गया है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कह दिया कि 2.1 करोड़ डॉलर उन्होंने अपने दोस्त नरेन्द्र मोदी को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिए हैं।’’

कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया कि ट्रंप के इस बयान के बाद चारों तरफ चुप्पी है। खेड़ा ने कहा, ‘‘ऐसे में देश के सामने यह आना आवश्यक है कि अब कौन सच बोल रहा है, कौन झूठ बोल रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अधिकतर समाचार मीडिया संस्थानों ने भाजपा और मोदी सरकार के मंत्री के दावे को झूठा पाया है। कोष बांग्लादेश को गया, भारत को नहीं। हालांकि भारत को यूएसएड से फंड मिला, लेकिन मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नहीं।’’

खेड़ा ने आरोप लगाया कि आरएसएस-भाजपा और उसके जैसे लोग दो पहलुओं में ‘‘आदतन अपराधी’’ हैं, जिनमें फर्जी विमर्श गढ़ना एवं झूठ का प्रचार करना तथा भारत देश, लोकतंत्र और संविधान को अस्थिर करने के लिए ‘‘बाहरी’’ सहायता मांगना शामिल है।

खेड़ा पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता अजय आलोक ने कहा कि कांग्रेस के लोग शायद अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं।

आलोक ने दावा किया, ‘‘हम पहले ही दिखा चुके हैं कि सरकार को 2004-14 के बीच 211.9 करोड़ डॉलर मिले और 2014-25 के बीच सिर्फ 15 लाख डॉलर मिले। हम इन चीजों को बंद कर रहे हैं। भारत सरकार अब कार्रवाई कर रही है, अमेरिकी सरकार ने एक सूची जारी की है कि किसके पास कहां से पैसा आया है… यह एक ‘डीप स्टेट’ (बाहरी ताकतें जो सरकार के निर्णयों को प्रभावित कर सकती हैं) का हिस्सा है। (कांग्रेस की) ‘भारत जोड़ो यात्रा’ को भी इसी पैसे से वित्त पोषित किया जा रहा था।’’

भाषा शफीक पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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