लंदन, 25 मई (भाषा) ब्रिटेन की एक अदालत ने बुधवार को 75 वर्षीय असम के निवासी भारतीय मूल के एक डॉक्टर के मामले की सुनवाई पूरी की जो आतंकवाद के आरोप में प्रत्यर्पण के विरुद्ध कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
डॉ मुकुल हजारिका एक ब्रिटिश नागरिक है और उत्तरी इंग्लैंड के क्लीवलैंड में प्रैक्टिस करता है। उस पर भारत सरकार के विरुद्ध आतंकवादी गतिविधि करने और युद्ध छेड़ने का आरोप है।
हजारिका कथित तौर पर यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) या उल्फा (आई) का कथित तौर पर अध्यक्ष है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के डिस्ट्रिक्ट न्यायाधीश माइकल स्नो ने कहा कि उन्हें लगता है कि प्रत्यर्पित किये जाने के बाद हजारिका को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है।
सुनवाई के अंतिम दिन न्यायाधीश ने कहा, “यह ऐसा मामला नहीं है जहां मैं भारत सरकार के पास जाकर आश्वासन दिला सकता हूं।” इसके साथ ही उन्होंने फैसला सुनाने के लिए 16 जून की तारीख नियत की।
भाषा यश उमा
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