सियोल, 29 सितंबर (भाषा) उत्तर कोरिया और चीन के विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और आधिपत्यवाद या एकपक्षीय रवैया अपनाने का विरोध करने पर सहमति व्यक्त की।
चीन की राजधानी बीजिंग में रविवार को दोनों विदेश मंत्रियों की यह मुलाकात उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच छह साल से अधिक समय में हुई पहली शिखर वार्ता के लगभग तीन सप्ताह बाद हुई।
किम और शी इससे पहले बीजिंग में मिले थे जब चीन ने द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के उपलक्ष्य में एक विशाल बीजिंग सैन्य परेड का आयोजन किया था जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विश्व के अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया था।
उत्तर कोरिया की विदेश मंत्री चोई सोन हुई ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ एक बैठक में किम के हवाले से कहा कि चीन के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्तर कोरिया दृढ़ है। उत्तर कोरिया की ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) ने सोमवार को बताया कि चोई ने किम-शी शिखर सम्मेलन की भावना के अनुरूप चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को गहरा करने और विकसित करने की इच्छा व्यक्त की।
केसीएनए के अनुसार, वांग ने कहा कि चीन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अपने दृढ़ रुख पर कायम है और रणनीतिक संचार व आदान-प्रदान को बढ़ावा देना जरूरी है।
वहीं चीन की समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने वांग के हवाले से कहा कि चीन ‘‘सभी प्रकार के आधिपत्यवाद’’ का विरोध करता है और अंतरराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय मामलों में उत्तर कोरिया के साथ सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार है।
एपी सुरभि शोभना
शोभना
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