scorecardresearch
Thursday, 9 May, 2024
होमविदेशपाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की हो सकती है कमी, तेल प्राधिकरण ने दी किल्लत की चेतावनी

पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की हो सकती है कमी, तेल प्राधिकरण ने दी किल्लत की चेतावनी

उत्पाद समीक्षा के तहत 210,000 मीट्रिक टन एचएसडी और 147,000 मीट्रिक टन पेट्रोल की कमी की देखी गई.

Text Size:

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में तेल की बढ़ती कमी के बीच, तेल और गैस नियामक प्राधिकरण (ओजीआरए) ने सोमवार को चेतावनी दी कि पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कमी हो सकती है.

ऑयल कंपनीज एडवाइजरी काउंसिल (ओसीएसी) ने ओजीआरए को आने वाले दिनों में कमी के बारे में सूचित किया. एक पत्र में, अपर्याप्त आयात और सीमित स्थानीय उपलब्धता के कारण, जियो न्यूज ने द न्यूज इंटरनेशनल का हवाला देते हुए बताया कि ओसीएसी ने कहा कि मोटर स्पिरिट/पेट्रोल और पेट्रोल और हाई स्पीड डीजल (एचएसडी) आयात को विचार-विमर्श के बाद अंतिम रूप दिया गया और नवंबर 2022 के लिए उत्पादों की उपलब्धता समीक्षा में उनकी मांग के अनुरूप तेल विपणन कंपनियों को अनुमति दी गई.

उत्पाद समीक्षा के तहत 210,000 मीट्रिक टन एचएसडी और 147,000 मीट्रिक टन पेट्रोल की कमी की देखी गई.

बैठक में इस बात पर रोशनी डाली गई कि नवंबर में एचएसडी आयात अंतरराष्ट्रीय बाजार में सीमित उपलब्धता और बहुत अधिक प्रीमियम के कारण चुनौतीपूर्ण हो सकता है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक सिर्फ पीएसओ ने फ्लो पेट्रोलियम द्वारा 220,000 मीट्रिक टन और दस हजार मीट्रिक टन की शिपमेंट बुक की है.

हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि प्रत्याशित बिक्री मात्रा और स्टॉक कवर के अनुरूप पेट्रोल आयात को भी बुक नहीं किया गया है. ओसीएसी के पत्र में कहा गया है कि आयात योजना को आयातकों द्वारा अंतिम रूप दिया जाना चाहिए था, लेकिन अभी तक, आयात योजना में कमी है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 1 नवंबर को उद्योग प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में भी इस अहम मुद्दे को उठाया गया था. हालांकि, इसने कहा कि आयात करने वाली ओएमसी से लिखित रूप में कोई ठोस प्रतिबद्धता नहीं मिला है.

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया भर में ऊर्जा की कीमतों में वृद्धि, महंगाई और इसकी मुद्रा में गिरावट के कारण बिगड़ती अर्थव्यवस्था के बीच, पाकिस्तान अपने विदेशी मुद्रा भंडार का 66 प्रतिशत ईंधन आयात पर खर्च करने के लिए मजबूर है.


यह भी पढ़ें: कपड़े का इस्तेमाल अब और नहीं, ‘मेंस्ट्रुअल कप’ बना तेलंगाना महिला पुलिसकर्मियों के लिए बड़ा मिशन


share & View comments