सियोल, 26 मई (भाषा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद अभिषेक बनर्जी ने सोमवार को चेतावनी दी कि दुनिया को इस बात को लेकर बहुत सावधान और सचेत रहने की जरूरत है कि पाकिस्तान किस तरह से आतंकवाद को पनाह दे रहा है।
बनर्जी, दक्षिण कोरिया की यात्रा पर पहुंचे सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं।
बनर्जी ने सियोल में कोरियाई ‘थिंक टैंक’ के साथ एक उच्च स्तरीय वार्ता में कहा, “पीठ पीछे सांप पालना और उम्मीद करना कि वह सिर्फ आपके पड़ोसी को ही डसे, यह आखिरी चीज है जिसके बारे में सोचना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “एक बार जब वह सांप बाहर आ जाता है, तो वह जिसे चाहे काट सकता है। सांप तो सांप ही रहता है। इसलिए हमें इस बात को लेकर बहुत सावधान और सचेत रहने की जरूरत है कि पाकिस्तान किस तरह से 11 सितंबर (2001), 26 नवंबर (2008) से लेकर उरी, पहलगाम तक लगातार एक के बाद एक आतंकी हमलों के जरिए आतंकवाद और आतंकवादियों को पनाह दे रहा है। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में छिपा था।”
बनर्जी ने कहा, “हम पूरी विनम्रता और शालीनता के साथ यह बताना चाहते हैं कि पाकिस्तान को दिया गया कोई भी समर्थन आतंकी संगठनों को समर्थन है। पाकिस्तान की हरकतों का समर्थन या बचाव करने वाला कोई भी व्यक्ति, वास्तव में आतंकवाद का समर्थन कर रहा है।”
बनर्जी, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के राज्यसभा सजस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला अब भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह अब वैश्विक अनिवार्यता बन गया है।
टीएमसी नेता ने कहा, “हम बार-बार यह कहते रहे हैं कि पाकिस्तान किस तरह से अपनी धरती पर आतंकवादियों को पनाह, सुरक्षा और आश्रय दे रहा है।”
उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ हमला इस बात का सबूत है कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि भारतीय अर्थव्यवस्था समृद्ध हो।
बनर्जी ने कहा, “अगर आप भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्थाओं के प्रक्षेप पथ को देखें तो दोनों में स्वर्ग और नरक का अंतर है। भारत ने छलांग लगाकर विकास किया है, जबकि पाकिस्तान अपने आर्थिक संकट से जूझ रहा है।”
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत को उम्मीद थी कि पाकिस्तान न्याय करेगा और अपराधियों को सजा दिलाएगा।
टीएमसी नेता ने कहा, “हमने 14 दिनों तक धैर्यपूर्वक इंतजार किया और फिर लगभग दो सप्ताह के इंतजार के बाद सात मई को हवाई हमले किए।”
उन्होंने कहा, “लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो भारत ने सटीक तरीके से जवाब दिया। हमारे हवाई हमलों ने एक भी नागरिक को नुकसान पहुंचाए बिना नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया, जिससे हिंसा के सूत्रधारों को स्पष्ट, निर्णायक संदेश गया।”
बनर्जी ने कहा, “मैं बंगाल से आता हूं, एक ऐसी भूमि जो कोरिया के साथ सभ्यतागत बंधन साझा करती है, कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर की भूमि, जिनकी कविता ‘लैंप ऑफ द ईस्ट’ आज भी इस देश में गहराई से गूंजती है। भारत शांति, मानवता और अहिंसा के मूल्यों को आत्मसात करता है। लेकिन समझने में कोई गलती न हो: हमारी सहिष्णुता कायरता नहीं है।”
पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया था
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गयी थी।
प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को कोरियाई राष्ट्रीय असेंबली के कोरिया-भारत संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष यून हो-जंग से मुलाकात की और उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में जानकारी दी।
अध्यक्ष यून ने कहा कि आतंकवाद का कोई भी कृत्य अस्वीकार्य है और उसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद के कारण किसी निर्दोष व्यक्ति की जान नहीं जानी चाहिए।
यून ने आतंकवाद के खिलाफ दक्षिण कोरिया के मजबूत रुख की पुष्टि की।
भाषा जितेंद्र मनीषा
मनीषा
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