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गुरूवार, 5 जून, 2025
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अमेरिका में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टीके की अनिवार्यता खत्म

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(लिब्बी रिचर्ड्स, पर्ड्यू विश्वविद्यालय)

इंडियाना, 29 मई (द कन्वरसेशन)अमेरिका के स्वास्थ्य और मानव सेवा (एचएचएस) मंत्री रॉबर्ट एफ. कैनेडी जूनियर ने 27 मई, 2025 को घोषणा की कि रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीएस)अब स्वस्थ बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए अनुशंसित टीकाकरण की सूची में कोविड-19 के टीके को शामिल नहीं करेगा।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा एक वीडियो में की गई यह घोषणा 20 मई को की गई एक अन्य घोषणा की पृष्ठभूमि में आई है, जिसमें खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने खुलासा किया था कि वह केवल 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के वयस्कों और गंभीर कोविड-19 के सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों के लिए ही टीके के नए संस्करणों को मंजूरी देगा।

एफडीए ने टीके निर्माताओं से यह अपेक्षा की है कि वे चिकित्सीय परीक्षण करें, ताकि यह साबित किया जा सके कि टीका कम जोखिम वाले समूहों के लिए लाभकारी है।

द कन्वर्सेशन की अमेरिकी इकाई ने जन स्वास्थ्य संवर्धन से जुड़ी पर्ड्यू विश्वविद्यालय की नर्सिंग प्रोफेसर लिब्बी रिचर्ड्स से पूछा कि वे बताएं कि आम जनता के लिए इन घोषणाओं का क्या अभिप्राय है।

क्यों एचएचएस और एफडीए पूर्व की व्यवस्था को समाप्त कर रहे हैं ?

मौजूदा समय में छह महीने और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए, उनके स्वास्थ्य जोखिम की परवाह किए बिना, हर साल कोविड-19 रोधी टीके लगवाने की सलाह दी जाती है।

स्वस्थ बच्चों और स्वस्थ गर्भवती महिलाओं के लिए सीडीसी की अनुशंसित टीकाकरण सूची से इस टीके को हटाने की योजना की घोषणा करने वाले वीडियो में, कैनेडी ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के निदेशक जे भट्टाचार्य और एफडीए आयुक्त मार्टी मकेरी के साथ बात की।

तीनों ने स्वस्थ बच्चों को टीका लगाने के पक्ष में साक्ष्य की कमी का हवाला दिया। हालांकि, उन्होंने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कार्यक्रम में बदलाव का कारण नहीं बताया, जिन्हें पूर्व में कोविड-19 के मामले में उच्च जोखिम वाला माना जाता था।

इसी तरह, एक सप्ताह पहले की गई एफडीए की घोषणा में, मकेरी और एजेंसी की टीका इकाई के प्रमुख विनय प्रसाद ने कहा था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य रुझान अब सार्वभौमिक कोविड-19 टीकाकरण रणनीति के बजाय गंभीर बीमारी के उच्च जोखिम वाले लोगों तक ही टीकों को सीमित करने का समर्थन करते हैं।

क्या यह एक विवादित फैसला है या स्पष्ट रूप से आम सहमति से लिया गया फैसला?

कई जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और पेशेवर स्वास्थ्य सेवा संघों ने कैनेडी की नवीनतम घोषणा के बारे में चिंता जताई है। उनका कहना है कि यह उन अध्ययनों का विरोधाभासी है, जो दिखाते हैं कि कोविड-19 टीकाकरण गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लाभ पहुंचाता है।

अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी को इस चिकित्सा विशेषता के लिए प्रमुख पेशेवर संगठन माना जाता है। उसने भी गर्भावस्था के दौरान कोविड-19 टीकाकरण के महत्व को रेखांकित किया है, खासतौर पर जन्म के बाद शिशुओं की सुरक्षा के लिए।

इसी तरह, अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ने 2024 से 2025 के श्वसन बीमारी के मौसम के दौरान कोविड-19 से पीड़ित बच्चों के अस्पताल में भर्ती होने के आंकड़ों को टीकाकरण के महत्व के प्रमाण के रूप में इंगित किया।

बच्चों और गर्भवती महिलाओं के संबंध में कैनेडी की घोषणा टीकाकरण मामलों की सलाहकार समिति की होने वाली बैठक से लगभग एक महीने पहले की गई है। यह समिति टीका विशेषज्ञों की एक समिति है, जो टीकाकरण नीति पर सीडीसी को मार्गदर्शन प्रदान करती है।

यह बैठक 2025 से 2026 तक के लिए कोविड-19 टीके के लिए दिशा-निर्देशों की समीक्षा करने के लिए आयोजित की जानी है। सीडीसी के लिए समिति की राय लिये बिना अपनी सिफारिशों में बदलाव करना आम बात नहीं है।

एफडीए पदाधिकारी मकेरी और प्रसाद ने 65 वर्ष से कम आयु के स्वस्थ लोगों के लिए सिफारिशों पर एफडीए के नए रुख की घोषणा करते समय पूर्व में स्थापित टीका नियामक प्रक्रियाओं का भी पालन नहीं किया है।

आमतौर पर, एफडीए किसी टीके को मोटे तौर पर इस आधार पर मंजूरी देता है कि वह सुरक्षित और प्रभावी है या नहीं, तथा इसे प्राप्त करने के लिए कौन पात्र होना चाहिए, इसका निर्णय सीडीसी पर छोड़ दिया जाता है, जो सलाहकार समिति के अनुसंधान-आधारित मार्गदर्शन के आधार पर अपना निर्णय लेता है।

कौन सी स्थितियां जोखिम कारक मानी जाती हैं?

सीडीसी ने कई चिकित्सा स्थितियों और अन्य कारकों को सूचीबद्ध किया है जो लोगों में गंभीर कोविड-19 के जोखिम को बढ़ाते हैं। इन स्थितियों में कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा, गुर्दे की गंभीर बीमारी और गंभीर श्वासन बीमारी और दमा जैसी कुछ फेफड़ों की बीमारियां शामिल हैं। गर्भावस्था भी इस सूची में शामिल है।

मकेरी और प्रसाद द्वारा लिखे गए लेख में टीके को लेकर एफडीए के नए रुख का वर्णन किया गया है, जिसमें जोखिम कारकों की एक लंबी सूची भी दी गई है। इसमें कहा गया है कि लगभग 10 से 20 करोड़ लोग इस श्रेणी में आएंगे और इस प्रकार वे टीके की खुराक प्राप्त करने के पात्र होंगे। गर्भावस्था भी इसमें शामिल है। इस प्रकार स्वस्थ गर्भवती महिलाओं को टीका लगाने की सिफारिश को पलटना एफडीए द्वारा वर्णित नए ढांचे का विरोधाभासी है।

विभिन्न अध्ययनों में खुलासा हुआ है कि कोविड-19 रोधी टीके गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित हैं और इससे मृत शिशु के जन्म का जोखिम कम हो सकता है। मई 2025 में 26,783 गर्भवर्ती महिलाओं के आंकड़ों के आधार पर किये गए एक अध्ययन में पाया गया कि गर्भावस्था से पहले और उसके दौरान कोविड-19 संक्रमण और स्वतः गर्भपात होने के जोखिम में वृद्धि के बीच संबंध है।

अहम बात यह है कि कोविड-19 संक्रमण वाली कुल 168,444 गर्भवती महिलाओं पर किये गए कुल 120 अध्ययनों का 2024 में एक विश्लेषण किया गया जिसमें सामने आया है कि पर्याप्त सबूत नहीं मिले कि संक्रमण प्रारंभिक गर्भावस्था की हानि का प्रत्यक्ष कारण है।

हालांकि, शोधपत्र लेखकों ने कहा कि संक्रमण के कारण गर्भावस्था में गंभीर जटिलताओं के समग्र जोखिम को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड-19 टीकाकरण एक महत्वपूर्ण निवारक उपाय है।

गर्भावस्था के दौरान प्रतिरक्षा में होने वाले परिवर्तन श्वसन वायरस से गंभीर बीमारी के जोखिम को बढ़ाते हैं। गर्भावस्था के दौरान टीकाकरण भ्रूण को भी सुरक्षा प्रदान करता है जो जीवन के पहले कुछ महीनों तक रहता है और शिशुओं में कोविड-19 से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम करता है।

कोविड-19 टीकों के लिए सीडीसी और एफडीए के दिशानिर्देश में किए गए बदलावों में एक महत्वपूर्ण समूह संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार होने के उच्च जोखिम वाले लोगों के देखभाल करने वाले और घरेलू सदस्य को छोड़ दिया गया है। इसकी वजह से उच्च जोखिम वाले लोगों के उन स्वस्थ लोगों से कोविड-19 के संपर्क में आने की अधिक आशंका है, जिनके साथ वे नियमित रूप से संपर्क में रहते हैं। जोखिम-आधारित टीकाकरण नीतियों वाले कई देश इस समूह को शामिल करते हैं।

बच्चों के टीकाकरण का क्या ?

छह महीने या उससे अधिक आयु के उच्च जोखिम वाले बच्चे, जिनमें ऐसी स्थितियां हैं जो गंभीर कोविड-19 के जोखिम को बढ़ाती हैं, वे अब भी टीके के लिए पात्र हैं। बाजार में पहले से उपलब्ध मौजूदा टीके जारी रहेंगे, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे कब तक अधिकृत रहेंगे और टीकाकरण नीति में परिवर्तन से समग्र रूप से बच्चों के टीकाकरण पर क्या असर पड़ेगा।

अभी तक लाखों बच्चों को सुरक्षित रूप से कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी जा चुकी है। सालाना कोविड- 19 रोधी टीके की खुराक लगाने से बच्चों को लाभ होता है या नहीं, इस संबंध में बहुत कम आंकड़े हैं। माता-पिता और चिकित्सक संभावित जोखिमों और संभावित लाभों का आकलन करने के बाद टीकाकरण के निर्णय लेते हैं।

क्या कम जोखिम वाले लोग कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ले सकेंगे?

उत्तर है अब स्वत: नहीं ले सकेंगे। कैनेडी की घोषणा व्यापक रूप से स्वस्थ वयस्कों के बारे में कुछ नहीं कहती, लेकिन नए एफडीए ढांचे के तहत, स्वस्थ वयस्क जो शरद ऋतु में कोविड-19 रोधी टीके की खुराक प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।

स्वास्थ्य कर्मी अपनेस्तर पर टीके की खुराक लगा सकते हैं, लेकिन स्वास्थ्य बीमा धारकों को टीके व्यापक रूप से एफडीए के दिशानिर्देशों पर आधारित होते हैं। नए, संकीर्ण एफडीए के रुख से आम जनता के लिए कोविड-19 टीकों तक पहुंच और कोविड-19 टीकों के लिए बीमित होने दोनों में कमी आने की आशंका है।

कुल मिलाकर, व्यक्तिगत जोखिमों और लाभों पर ध्यान केंद्रित करने का कदम व्यापक जन स्वास्थ्य लाभों को कमतर कर सकता है। जिन समुदायों में टीकाकरण की दर अधिक है, उनमें वायरस फैलने की कम आशंका है।

(द कन्वरसेशन) धीरज पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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