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मंगलवार, 27 मई, 2025
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भारतीय प्रतिनिधिमंडल मुस्लिम बहुल देशों में कूटनीतिक अभियान के तहत भारत का संदेश पहुंचा रहा

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(शुजा उल हक)

मनामा (बहरीन), 27 मई (भाषा) मनामा में बाब अल बहरीन के प्रवेश द्वार पर स्थित दो दुकानों ‘कोहिनूर’ और ‘एवरशाइन’ के कर्मचारी उस समय आश्चर्यचकित रह गए जब भारतीय सांसद ‘मनामा सूक’ के इस ऐतिहासिक बाजार क्षेत्र में अचानक आ गए।

‘कोहिनूर’ का मालिक एक भारतीय है जबकि ‘एवरशाइन’ का संचालन पाकिस्तानी कर्मचारी करते हैं।

पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर भारत के रुख को दुनिया तक पहुंचाने के कूटनीतिक अभियान के तहत बहरीन में बैठकों के व्यस्त कार्यक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं सांसद बैजयंत जय पांडा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल शनिवार शाम को इस प्रतिष्ठित क्षेत्र में पहुंचा। इस दौरान सांसदों ने कुछ लोगों से बात की और तस्वीरें भी खिंचवाईं।

‘कोहिनूर’ के एक भारतीय कर्मचारी ने कहा, ‘‘(ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन) ओवैसी जैसे लोगों को देखकर अच्छा लगा और मैंने एक सेल्फी ली।’’

‘एवरशाइन’ के पाकिस्तानी कर्मचारी भी हैरान एवं उत्सुक दिखे।

उनमें से एक कर्मचारी ने कहा, ‘‘हम यहां काम करने आए हैं, हम वास्तव में नहीं जानते कि हमारे देश में क्या राजनीति हो रही है।’’

ये दोनों दुकानें आमतौर पर एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करती हैं।

इस यात्रा की पृष्ठभूमि में व्यापक कूटनीतिक मिशन जारी है। भारत के कूटनीतिक प्रयासों के तहत सात प्रतिनिधिमंडल दुनियाभर के देशों की 33 राजधानियों की यात्रा कर रहे हैं ताकि विशेष रूप से 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद को लेकर भारत की प्रतिक्रिया और पाकिस्तान की मंशा के बारे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अपनी बात रखी जा सके।

भारत मुस्लिम जगत को यह बताना चाहता है कि यह महज दो देशों के बीच की लड़ाई नहीं है बल्कि वैश्विक आतंकवाद की बड़ी चुनौती का हिस्सा है।

यही कारण है कि प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य मुस्लिम जगत के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर रहे आईएसआईएस जैसे समूहों की ‘तकफीरी’ विचारधारा और भारत जिस तरह के आतंकवाद का सामना कर रहा है, उसके बीच समानताएं बता रहे हैं।

तकफीरी का मतलब है हिंसा को सही ठहराने के लिए किसी को धर्मच्युत या काफिर घोषित करना।

ओवैसी ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के इन आतंकवादी संगठनों और आईएसआईएस की तकफीरी विचारधारा में कोई अंतर नहीं है। यह हमें याद रखना चाहिए। यह पूरी मानवता के लिए खतरा है और हमें इसे खत्म करना होगा…उन्होंने लोगों की हत्या को सही ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है और पूरी दुनिया जानती है कि इस्लाम ने आतंकवाद की निंदा की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या करना पूरी मानवता की हत्या के समान है, कुरान ने किसी निर्दोष ‘मुसलमान’ की हत्या की बात नहीं की है, बल्कि यह कहा है कि किसी निर्दोष ‘व्यक्ति’ की हत्या पूरी मानवता की हत्या के बराबर है।’’

भारत मुस्लिम बहुल देशों को यह बात समझाने की कोशिश कर रहा है कि सिर्फ इसलिए कि पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है, उसे भारत के खिलाफ उसके कृत्यों के लिए दोषमुक्त नहीं किया सकता।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पश्चिम एशिया के देशों में प्रमुख सरकारी और राजनीतिक हस्तियों के साथ बातचीत कर रहा है और विमर्श को आकार देने के लिए भारतीय प्रवासियों से जुड़ने का भी ठोस प्रयास कर रहा है।

पांडा ने बहरीन में भारतीय दूतावास में एक सभा को संबोधित करने के बाद कहा, ‘‘भारतीय प्रवासी सबसे प्रभावशाली समुदायों में से एक बन गए हैं, वे भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ का प्रतिनिधित्व करते हैं और हम उन्हें कुछ बिंदुओं के बारे में समझाना चाहते हैं ताकि वे उन्हें आगे बढ़ाने में मदद कर सकें।’’

बहरीन में करीब 3.5 लाख भारतीय रहते हैं, जबकि इस देश में रहने और काम करने वाले पाकिस्तानियों की संख्या इससे लगभग आधी है।

पांडा ने एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि हम केवल दो मुद्दों पर बातचीत करेंगे क्योंकि उन्होंने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। जब हम स्वतंत्र हुए, तो अलग-अलग हिस्से अलग-अलग देशों पाकिस्तान, भारत के पास गए और अंग्रेजों ने एक व्यवस्था बनायी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उस प्रणाली के तहत जम्मू कश्मीर ने हस्ताक्षर किए और हमारे पास आ गया। पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया। हम तब से बातचीत कर रहे हैं। युद्ध और बातचीत तथा युद्ध और आतंकवादी हमले… इसलिए, हम पाकिस्तान के साथ केवल दो मुद्दों पर बातचीत करेंगे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी और आतंकवाद को रोकना।’’

पांडा ने कहा, ‘‘उन्हें उन आतंकवादियों पर कार्रवाई करनी होगी जो उनकी धरती से खुलेआम काम कर रहे हैं।’’

इन बातचीत और बैठकों के माध्यम से प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य भारत के परिप्रेक्ष्य के बारे में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के प्रमुख सदस्यों के विचारों को आकार देना भी है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, ‘‘हम पूरी स्पष्टता के साथ बता रहे हैं कि कौन अपने देशों में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार कर रहा है। आजादी के बाद भारत की मुस्लिम आबादी नौ प्रतिशत या 10 प्रतिशत थी। अब यह लगभग 20 प्रतिशत है तथा दूसरी ओर पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू आबादी 13 प्रतिशत थी और अब यह एक प्रतिशत है। पाकिस्तान अपने अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार कर रहा है और आतंकवाद के जरिए भारत को भी प्रभावित कर रहा है।’’

पांडा, ओवैसी और दुबे के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य रेखा शर्मा भी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में शामिल हैं।

भाषा सिम्मी मनीषा नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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