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Wednesday, 20 November, 2024
होमविदेशकनाडा में प्रसिद्ध गौरी-शंकर मंदिर पर भारत विरोधी ग्राफिटि बनाकर उसे अपमानित किया गया

कनाडा में प्रसिद्ध गौरी-शंकर मंदिर पर भारत विरोधी ग्राफिटि बनाकर उसे अपमानित किया गया

भारतीय विरासत के प्रतीक माने जाने वाले मंदिर में तोड़-फोड़ की गई और भारत के प्रति नफरत भरे संदेश लिखे गए.

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नई दिल्लीः कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर पर भारत विरोधी ग्राफिटि बनाकर उसे अपमानित किया गया, जिससे भारतीय समुदाय में नाराज़गी है.

टोरंटो में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने गौरी शंकर मंदिर में तोड़फोड़ की घटना की निंदा करते हुए कहा कि मंदिर को विरूपित करने से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है.

वाणिज्य दूतावास कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘हम भारतीय विरासत के प्रतीक, ब्रैम्पटन में गौरी शंकर मंदिर को भारत विरोधी चित्रों से विरूपित करने की कड़ी निंदा करते हैं. मंदिर में तोड़फोड़ के घृणित कृत्य से कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है. हमने कनाडा के अधिकारियों के समक्ष इस मामले पर अपनी चिंताएं जाहिर की हैं.’’

भारतीय विरासत के प्रतीक माने जाने वाले मंदिर में तोड़-फोड़ की गई और भारत के प्रति नफरत भरे संदेश लिखे गए.

ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने बर्बरता की निंदा की है और कनाडा के अधिकारी फिलहाल इस घटना की जांच कर रहे हैं.

ब्रैम्पटन के मेयर ने ट्वीट किया, ‘‘बर्बरता के इस घृणित कार्य का हमारे शहर या देश में कोई स्थान नहीं है. उन्होंने इस घृणित अपराध पर पील क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख निशान दुरैयप्पा के साथ अपनी चिंताओं को उठाया था.’’

ब्रैम्पटन के मेयर ने कहा, ‘‘हर कोई अपने पूजा स्थल में सुरक्षित महसूस करने का हकदार है.’’

ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिर को विरूपित करना कोई नई घटना नहीं है, पिछले साल जुलाई से कनाडा में इस तरह के कम से कम तीन मामले सामने आए हैं.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में एक बयान जारी कर कहा था कि भारतीयों के खिलाफ घृणा अपराधों और कनाडा में अन्य ‘‘भारत विरोधी गतिविधियों में तेज़ी से बढ़ोतरी’’ हुई है. भारत ने कनाडा सरकार से घटनाओं की ठीक से जांच करने का आग्रह भी किया था.

इसके अलावा, ग्रेटर टोरंटो एरिया (जीटीए) में रिचमंड हिल में विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा को जुलाई 2022 में विरूपित किया गया था.

दोनों उदाहरणों में, खालिस्तान समर्थक नारे चित्रित किए गए थे और पाकिस्तान समर्थक हैंडल द्वारा सोशल मीडिया पर तोड़फोड़ को बढ़ावा दिया गया था.


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