(अदिति खन्ना)
पेरिस, 27 मई (भाषा) भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच भेद अब मिट चुका है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि सरकार की नीति के रूप में आतंकवाद पड़ोसी देश के सैन्य शासन का हिस्सा है।
फ्रांस के दौरे पर गए सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रसाद ने फ्रांसीसी मीडिया के साथ बातचीत में पाकिस्तान से उपजे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के भारत के रुख से अवगत कराया।
फ्रांस में भारतीय राजदूत के आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवादियों को दफनाये जाने के दौरान पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी की तस्वीरें साक्ष्य के तौर पर पेश कीं और बताया कि किस तरह संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित 52 आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान में पनाह मिली हुई है।
प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान और आतंकवाद के बीच भेद अब मिट गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद (पाकिस्तानी) सरकार की नीति का एक औजार है, जो पाकिस्तान के सैन्य शासन का एक हिस्सा है। वहां कोई लोकतंत्र नहीं है और सबसे हास्यास्पद बात यह है कि जिस जनरल की सेना को भारत से मुंह की खानी पड़ी, उसे फील्ड मार्शल के रूप में पदोन्नत कर दिया गया। यह उसकी हमेशा से ही इनकार की स्थिति रही है।’’
भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सैन्य साजो-सामान के प्रदर्शन को पेरिस में, मीडिया द्वारा भी उठाया गया। इस पर प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटल सबूतों के साथ रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई कई ब्रीफिंग की ओर इशारा किया।
प्रसाद ने कहा, ‘‘भारत का एक भी विमान पाकिस्तानी क्षेत्र में नहीं घुसा।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अभियान के विवरण के बारे में पाकिस्तान झूठ बोलता रहता है, लेकिन आज हमारे सैन्य प्रतिष्ठान ने डिजिटल सबूत के साथ सब कुछ स्पष्ट कर दिया है।’’
भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों पर उन्होंने कहा, ‘‘हमारे बीच 1998 से रणनीतिक साझेदारी है। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी की भी फ्रांसीसी राष्ट्रपति (इमैनुएल मैक्रों) के साथ व्यक्तिगत मित्रता है… दोनों देशों के बीच रक्षा साजो-सामान के लिए भी साझेदारी शामिल है।’’
भाजपा सांसद डी. पुरंदेश्वरी ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद, चलाये गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शानदार सफलता को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार लक्ष्य ही मायने रखता है। हमारा पूरा ध्यान इस बात पर था कि हम आतंकी ठिकानों को कैसे नष्ट करें तथा हमारे सैनिकों और हमारे हथियार प्रणालियों ने बखूबी यह किया। और, हमने एक भी सैनिक नहीं खोया। वे सभी सुरक्षित वापस आ गए।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर ने परमाणु हथियारों पर भारत के स्पष्ट और ‘‘पहले इस्तेमाल नहीं करने’’ के सिद्धांत पर जोर दिया।
उन्होंने कहा ‘‘पाकिस्तान एक सैन्य शासन वाला देश है… जिसका संघर्ष में निहित स्वार्थ है क्योंकि संघर्ष उसके अस्तित्व को उचित ठहराता है… प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने यह पूरी तरह स्पष्ट कर दिया है कि परमाणु हथियारों की धमकियां काम नहीं करेंगी।’’
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