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सियोल, 26 मई (भाषा) भारतीय सांसदों के एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण कोरियाई नेताओं को आतंकवाद के किसी भी कृत्य का दृढ़ता से जवाब देने की भारत की नीति के बारे में जानकारी दी तथा आतंकवाद के प्रायोजकों, षड्यंत्रकारियों, वित्तपोषकों और समर्थकों को न्याय के कठघरे में लाने में सियोल का सहयोग मांगा।
जद (यू) के राज्यसभा सदस्य संजय कुमार झा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली की राष्ट्रीय रक्षा समिति के अध्यक्ष सुंग इल-जोंग से मुलाकात की और उन्हें बताया कि पहलगाम में आतंकवादी हमला कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि भारत में ‘‘सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के लिए जानबूझकर की गई कार्रवाई’’ थी।
उन्होंने आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के भारत के राष्ट्रीय संकल्प से भी अवगत कराया।
यहां भारतीय दूतावास ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के प्रायोजकों, षड्यंत्रकारियों, वित्तपोषकों और समर्थकों को जवाबदेह ठहराने और उन्हें न्याय के कठघरे में लाने में कोरिया गणराज्य का समर्थन मांगा।’’
सुंग ने नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के उद्देश्य को शांति मिशन के रूप में स्वीकार किया और भारत की संयमित प्रतिक्रिया को सराहा।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रथम उप विदेश मंत्री किम होंग क्यूं से भी मुलाकात की और उन्हें पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले और भारत द्वारा की गई ‘‘नपी-तुली और सटीक’’ प्रतिक्रिया के बारे में जानकारी दी।
प्रतिनिधिमंडल ने विदेश मंत्री चो ताए-युल से भी मुलाकात की।
उसने दक्षिण कोरिया के प्रमुख थिंक टैंक, कॉरपोरेट नीति समूहों और भारत अध्ययन केंद्रों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की।
भाषा शफीक माधव
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